क्या आप जानते हैं कि रातरानी के फूल न सिर्फ देखने में खूबसूरत होते हैं, बल्कि ये सेहत के लिए भी बहुत फायदेमंद होते हैं यह रातरानी का फूल न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि इसके औषधीय गुण भी अद्भुत हैं. रातरानी को चांदनी (चमेली/जूही/रात की रानी) पारिजात और हरसिंगार के नाम से भी जाना जाता है. इस खबर में जानें कि रातरानी के फूल और पत्तियां आपको कैसे स्वस्थ बना सकते हैं...
हरसिंगार या रातरानी के फायदे...
- जर्नल ऑफ मेडिसिनल प्लांट्स के एक अध्ययन के अनुसार, हरसिंगार के फूल की पत्तियां और रस शरीर में ब्लड फ्लो को उचित बनाए रखते हैं और खून को साफ करने में मदद करते हैं. इसके नियमित सेवन से शरीर में जमा हानिकारक पदार्थ बाहर निकल जाते हैं, जिससे त्वचा संबंधी समस्याएं और पेट खराब होने जैसी कई बीमारियों से बचा जा सकता है.
- अगर आप लंबे समय से सूखी खांसी या सर्दी से पीड़ित हैं तो आप हरसिंगार के पौधे की पत्तियों और फूलों से बनी चाय पी सकते हैं. इसके एंटी-बैक्टीरियल और इथेनॉल अर्क खांसी और सर्दी को जल्दी ठीक करने में मदद करते हैं.
- हरसिंगार के तेल का उपयोग तनाव और मानसिक चिंता से राहत दिलाने में मदद करता है इसके तेल से शरीर की मालिश करने से सेरोटोनिन का स्तर बढ़ता है, जो खुशी के हार्मोन को बढ़ाता है और शरीर को सक्रिय और मजबूत बनाता है.
- अगर आपको खुजली या स्किन रिलेटेड कोई अन्य समस्या है, तो हरसिंगार का फूल इसके इलाज में बहुत कारगर हो सकता है. इसके एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-फंगल गुण स्किन को साफ रखते हैं और इंफेक्शन को फैलने से रोकने में मदद करते हैं.
- हरसिंगार की पत्तियों का सेवन गठिया के दर्द को कम करने में मदद करता है, खासकर महिलाओं में इसके अलावा, लिली की पत्तियों और छाल का अर्क मलेरिया, डेंगू और चिकन पॉक्स जैसे बुखार में प्लेटलेट्स बढ़ाने में मदद करता है. हरसिंगार नाम का फूल, इसका पत्ता और पेड़ बहुत काम का होता है.
क्या कहना है एक्सपर्ट का जानें...
ETV भारत से खास बातचीत में कानपुर विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति प्रो. सुधीर अवस्थी ने बताया कि परिजात या हरसिंगार पूरी दुनिया में अपनी तरह का एकमात्र दुर्लभ वृक्ष है. हिंदू धर्म में इसे काफी शुभ और पवित्र माना जाता है. यह आकार शंक्वाकार होता है. इसमें हर साल जून और जुलाई में सफेद रंग के फूल आते हैं. ये सूखने पर सुनहले हो जाते हैं. बाकी समय में यह बिना पत्तों के रहता है. इसमें लगे फूल रात में खिलते हैं लेकिन सुबह होने पर मुरझा जाते हैं. फूलों की सुगंध दूर-दूर तक फैलती है. वृक्ष की शाखाएं सूखती नहीं है बल्कि शाखाएं पुरानी होने के बाद सिकुड़ते हुए मुख्य तने में ही गायब हो जाती हैं. जिस मिट्टी में दीमक ज्यादा होते हैं वहां पर यह पौधा विकसित नहीं हो पाता है, इसलिए जहां पर भी इसके पौधे को रोपा जाता है वहां पर इसकी काफी देखभाल करनी पड़ती है.
इस वृक्ष के हैं कई फायदे, औषधि के रूप में भी कर सकते हैं इस्तेमाल
हरसिंगार का वृक्ष औषधि गुणों से भी भरपूर है. इसकी 3 से 5 पत्ती को धोकर पानी में उबालकर खाने से दैनिक पोषण की जरूरत पूरी हो जाती है. इसकी पत्तियां एंटीऑक्सीडेंट होती है. कब्ज और एसिडिटी में सबसे कारगर साबित होती है. इतना ही नहीं इसकी पत्तियों में दवा और मलेरिया को भी समाप्त करने की शक्ति होती है. वृक्ष के बीजों से निकलने वाले तेल हार्ट डिजीज के लिए काफी ज्यादा लाभकारी होता है. इसके तेल में एचडीएल यानी हाईडिसेंट्री कोलेस्ट्रॉल होता है. इसके साथ ही त्वचा रोगियों के लिए भी पारिजात की पत्तियां काफी ज्यादा उपयोगी मानी गईं हैं.
(डिस्क्लेमर: इस रिपोर्ट में आपको दी गई सभी स्वास्थ्य संबंधी जानकारी और सलाह केवल आपकी सामान्य जानकारी के लिए है. हम यह जानकारी वैज्ञानिक अनुसंधान, अध्ययन, चिकित्सा और स्वास्थ्य पेशेवर सलाह के आधार पर प्रदान करते हैं. आपको इसके बारे में विस्तार से जानना चाहिए और इस विधि या प्रक्रिया को अपनाने से पहले अपने निजी चिकित्सक से परामर्श करना चाहिए.)