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जवानी में चेहरे पर झुर्रियां कहीं आपके मोबाइल की देन तो नहीं? प्राचीन अरोमाथेरेपी से खुद को बचाएं - Mobile Radiation Protection Tips - MOBILE RADIATION PROTECTION TIPS

आज के दौर में मोबाइल लोगों की जरूरत बन गई है, यही वजह है कि लोग रात दिन मोबाइल से चिपके रहते हैं. कम ही लोग जानते होंगे कि मोबाइल से रेडिएशन निकलता है. जिससे व्यक्ति को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है. स्किन स्पेशलिस्ट डॉ. ब्लॉसम कोचर से जानते हैं मोबाइल रेडिएशन से बचाव के उपाय.

MOBILE RADIATION DANGER FOR HEALTH
मोबाइल रेडिएशन के दुष्प्रभाव (ETV Bharat Graphics)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Sep 25, 2024, 7:14 PM IST

Updated : Sep 28, 2024, 12:24 PM IST

इंदौर: देश और दुनिया में लगातार बढ़ते मोबाइल के उपयोग के कारण आंखों में रेडिएशन के कारण मायोपिया और अन्य समस्याएं हो रही हैं. वहीं मस्तिष्क और चेहरे पर भी रेडिएशन का प्रभाव नजर आ रहा है. इतना ही नहीं, मोबाइल के ज्यादा उपयोग के कारण मस्तिष्क में बीमारियों का भी खतरा बना हुआ है. ऐसे में प्राचीन अरोमाथैरेपी के टिप्स का उपयोग करके मोबाइल और डेस्कटॉप से निकलने वाले विकिरण से बचा जा सकता है.

मोबाइल रेडिएशन से ऐसे बचाएं स्किन को
मोबाइल और कंप्यूटर की स्क्रीन से बचाव में लैवंडर ऑयल, ओलिव ऑयल, D5 आयल ओर नियासिनमाइड के साथ चाय पत्ती के पानी का उपयोग किया जाता है. ब्यूटी एंड वैलनेस स्किल काउंसिल ऑफ इंडिया की चेयरपर्सन और स्किन स्पेशलिस्ट डॉ. ब्लॉसम कोचर का कहना है कि, ''मोबाइल या कंप्यूटर का लंबे समय तक उपयोग करने से पहले लैवंडर ऑयल, D5 आयल ओर नियासिनमाइड को चेहरे पर चाय पत्ती के पानी के साथ लगाएं. ऐसा करने से मोबाइल या कंप्यूटर डेस्कटॉप के रेडिएशन से स्किन बची रहती है. इसका उपयोग काम के पहले किया जा सकता है. उपयोग के बाद 1 घंटे बाद इसे आसानी से धोया जा सकता है. इससे स्किन में ताजगी और नमी बने रहने के साथ रेडिएशन का असर नहीं होता.

मोबाइल रेडिएशन से बचाए अरोमाथेरेपी (ETV Bharat)

रेडिएशन से बचने के लिए अपनाएं अरोमाथेरेपी और जवां नजर आएं
डॉ. ब्लॉसम कोचर का कहना है कि, ''रेडिएशन से चेहरे पर उम्र का असर भी दिखने लगता है. कम उम्र में ही आप बूढ़े नजर आने लगते हैं. जिसे रोकने के लिए जैस्मिन, बादाम और कस्टर्ड ऑयल में फ्रैंकिन्सेंस तेल का उपयोग करें. एक-एक बूंद सभी तेलों को मिलाकर चेहरे पर लगाया जा सकता है.'' उन्होंने बताया यह पूरी प्रक्रिया भारतीय अरोमाथेरेपी के सिद्धांतों पर आधारित और प्राचीन विद्या है, जिसका उपयोग धीरे-धीरे कम हो गया है. हालांकि अब आधुनिक जीवन शैली में अलग-अलग कर्म से शरीर प्रभावित हो रहा है तो कहीं ना कहीं अरोमाथेरेपी कई समस्याओं में कारगर साबित हो रही है, जिनमें से रेडिएशन और एजिंग (कम उम्र में बूढ़ा होना) एक बड़ी समस्या है.''

इतना घातक है मोबाइल का रेडिएशन
आमतौर पर हमेशा हाथ में रहने वाला मोबाइल बात करने के लिए सिर के करीब पहुंचता है. ऐसे में मोबाइल से निकलने वाली रेडियो फ्रीक्वेंसी और रेडिएशन से मस्तिष्क और सेंट्रल नर्वस सिस्टम प्रभावित होता है. WHO द्वारा जारी चेतावनी के अनुसार, मोबाइल के रेडिएशन से माइग्रेन मांसपेशियों का दर्द स्थाई रूप से हो सकता है. विशेषज्ञों के अनुसार, मोबाइल फोन का इस्तेमाल दिन भर में 2 घंटे से ज्यादा नहीं करना चाहिए. साथ ही लगातार इसे देखते रहने से मायोपिया या आई स्ट्रेन होने का खतरा बढ़ जाता है. इसलिए आंखों से मोबाइल की दूरी कम से कम 18 इंच दूर होना चाहिए.

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ऐसे देखे मोबाइल का रेडिएशन
किसी भी मोबाइल डिवाइस में स्पेसिफिक एब्जॉर्प्शन रेट SAR 5 स्टार 1.6 w/kg (वाट प्रति किलोग्राम) से ज्यादा नहीं होना चाहिए. इसे चेक करने के लिए मोबाइल से *#07# डायल करना होगा. इसको डायल करते ही मोबाइल पर रेडिएशन से संबंधित जानकारी आएगी. जिसमें दो तरह से रेडिएशन का स्तर बताया जाएगा. एक सिर तो दूसरा बॉडी के लिए होगा. विशेषज्ञों के अनुसार यदि मोबाइल का स्पेसिफिक एब्जॉर्प्शन रेट 1.6 वाट प्रति किलोग्राम से ज्यादा नहीं होना चाहिए.

Last Updated : Sep 28, 2024, 12:24 PM IST

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