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खाने के लिए कौन सा तेल है बेस्ट, कफ, वात, पित्त में कौन सा तेल होगा लाभकारी - Best Cooking Oil

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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Sep 11, 2024, 9:05 PM IST

खाना बनाने में तेल का बहुत बड़ा महत्व है. तेल के बिना अच्छा और स्वादिष्ट खाना बनाना संभव नहीं है. खाना बनाते समय ध्यान रखना चाहिए की कौन सा तेल स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है और कितनी मात्रा में इस्तेमाल करना चाहिए. आइये जानते हैं खाने के तेल पर आयुर्वेद डॉ. अंकित नामदेव की राय.

BEST COOKING OILS
खाना पकाने के लिए बेस्ट कुकिंग ऑयल (ETV Bharat)

BEST COOKING OIL: आज के समय में लोग जहां अपनी सेहत पर बहुत ज्यादा ध्यान देते हैं. क्या खाएं क्या ना खाएं. इन बातों पर भी बहुत गौर करते हैं, लेकिन जब खाने के तेल की बात आती है, तो इसे लेकर लोग काफी कंफ्यूज हो जाते हैं. आखिर खाने के लिए कौन सा तेल सही होगा. कौन सा तेल खाएं जो सेहत के लिए लाभकारी होगा. जानते हैं आयुर्वेद डॉक्टर अंकित नामदेव से.

तिल का तेल खाने के लिए बेस्ट ऑयल है (ETV Bharat)

कौन सा तेल सेहत के लिए फायदेमंद?

आयुर्वेद डॉक्टर अंकित नामदेव बताते हैं कि "तेल शब्द जो है तिल से आया है. आदिकाल में भारत में सबसे ज्यादा प्रचलित था तिल का तेल, जो कि खाने के लिए और बाह्य उपयोग लगाने के काम में आता था. उसी से इस पदार्थ का नाम तेल पड़ा है. उत्तर भारत में तिल का प्रोडक्शन प्रचुरता से होता था, तो खाना बनाने के लिए तिल के तेल का आदिकाल से उपयोग होता था. भारत के अलग-अलग क्षेत्रों में अलग-अलग तरह के तेलों का इस्तेमाल होता है. जहां सरसों का उत्पादन अच्छा होता है, वहां सरसों का तेल उपयोग किया जाता था. जैसे दक्षिणी भारत में नारियल का तेल उपयोग किया जाता है. तेल का उपयोग वहां के वातावरण में डिपेंड करता है. क्षेत्र के वातावरण के हिसाब से तेल का उपयोग करना चाहिए."

किस रोग में कौन सा तेल?

डॉक्टर अंकित नामदेव बताते हैं कि "आयुर्वेद के मता अनुसार भोजन में तिल का तेल सबसे उत्तम माना जाता है. बाह्य उपयोग के लिए सरसों का तेल उत्तम माना जाता है. वात रोग में तिल का तेल अमृत तुल्य माना गया है. जबकि कफ रोग में सरसों का तेल अमृत तुल्य माना गया है और पित्त रोग में नारियल का तेल अमृत तुल्य है."

वातावरण के अनुसार तेल का इस्तेमाल

गर्म जगह पर जैसे की भूमध्य रेखा के पास के जो क्षेत्र हैं. दक्षिण भारत का क्षेत्र उस एरिया में आमतौर पर उमस नमी और गर्मी बहुत ज्यादा होती है, तो वहां पर नारियल का तेल ज्यादा प्रयुक्त किया जाता है. राजस्थान के एरिया आदि में तिल का तेल ज्यादा प्रयुक्त होता है. उत्तर भारत में हिमाचल तरफ सरसों का तेल ज्यादा उपयोग किया जाता है. एरिया वाइज तेल का इस्तेमाल किया जाता है.

कौन सा तेल नहीं खाना चाहिए

आयुर्वेद डॉक्टर अंकित नामदेव बताते हैं कि "कौन सा तेल नहीं खाना चाहिए, यह जो आर्टिफिशियल प्रॉसेस से बनाए हुए तेल होते हैं, या फिर जो पाम आयल होते हैं. इन तेलों का उपयोग नहीं करना चाहिए. क्योंकि स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं होता है. आजकल हमारी जीवन शैली काफी शिथिल हो गई है, तो तेल का उपयोग कम करना चाहिए. क्योंकि लिवर पर इसका काफी प्रभाव पड़ता है. तेल का उपयोग जरूर करना चाहिए लेकिन कम मात्रा में, क्योंकि इसमें जो फैटी एसिड होते हैं, वो हमारे जीवन के लिए इसेंशियल होते हैं."

यहां पढ़ें...

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देसी घी या सरसों तेल? किसका इस्तेमाल हेल्दी करेगा हार्ट, नसों से निकाल फेकेगा बैड कॉलेस्ट्रॉल

सूरजमुखी का तेल कैसा?

सेहत के लिए सूरज मुखी का तेल कैसा होता है. इसे लेकर आयुर्वेद डॉक्टर कहते हैं कि सूरजमुखी का तेल अच्छा है. रिसर्च के हिसाब से सूरजमुखी का तेल हार्ट आदि के लिए अच्छा है. इसमें कोलेस्ट्रॉल की मात्रा अन्य तेलों के मुताबिक कम होती है, लेकिन जो भी तेल लें उसे एक उचित मात्रा तक ही ले. क्योंकि ज्यादा सेवन किसी भी तेल का उचित नहीं होता है.

BEST COOKING OIL: आज के समय में लोग जहां अपनी सेहत पर बहुत ज्यादा ध्यान देते हैं. क्या खाएं क्या ना खाएं. इन बातों पर भी बहुत गौर करते हैं, लेकिन जब खाने के तेल की बात आती है, तो इसे लेकर लोग काफी कंफ्यूज हो जाते हैं. आखिर खाने के लिए कौन सा तेल सही होगा. कौन सा तेल खाएं जो सेहत के लिए लाभकारी होगा. जानते हैं आयुर्वेद डॉक्टर अंकित नामदेव से.

तिल का तेल खाने के लिए बेस्ट ऑयल है (ETV Bharat)

कौन सा तेल सेहत के लिए फायदेमंद?

आयुर्वेद डॉक्टर अंकित नामदेव बताते हैं कि "तेल शब्द जो है तिल से आया है. आदिकाल में भारत में सबसे ज्यादा प्रचलित था तिल का तेल, जो कि खाने के लिए और बाह्य उपयोग लगाने के काम में आता था. उसी से इस पदार्थ का नाम तेल पड़ा है. उत्तर भारत में तिल का प्रोडक्शन प्रचुरता से होता था, तो खाना बनाने के लिए तिल के तेल का आदिकाल से उपयोग होता था. भारत के अलग-अलग क्षेत्रों में अलग-अलग तरह के तेलों का इस्तेमाल होता है. जहां सरसों का उत्पादन अच्छा होता है, वहां सरसों का तेल उपयोग किया जाता था. जैसे दक्षिणी भारत में नारियल का तेल उपयोग किया जाता है. तेल का उपयोग वहां के वातावरण में डिपेंड करता है. क्षेत्र के वातावरण के हिसाब से तेल का उपयोग करना चाहिए."

किस रोग में कौन सा तेल?

डॉक्टर अंकित नामदेव बताते हैं कि "आयुर्वेद के मता अनुसार भोजन में तिल का तेल सबसे उत्तम माना जाता है. बाह्य उपयोग के लिए सरसों का तेल उत्तम माना जाता है. वात रोग में तिल का तेल अमृत तुल्य माना गया है. जबकि कफ रोग में सरसों का तेल अमृत तुल्य माना गया है और पित्त रोग में नारियल का तेल अमृत तुल्य है."

वातावरण के अनुसार तेल का इस्तेमाल

गर्म जगह पर जैसे की भूमध्य रेखा के पास के जो क्षेत्र हैं. दक्षिण भारत का क्षेत्र उस एरिया में आमतौर पर उमस नमी और गर्मी बहुत ज्यादा होती है, तो वहां पर नारियल का तेल ज्यादा प्रयुक्त किया जाता है. राजस्थान के एरिया आदि में तिल का तेल ज्यादा प्रयुक्त होता है. उत्तर भारत में हिमाचल तरफ सरसों का तेल ज्यादा उपयोग किया जाता है. एरिया वाइज तेल का इस्तेमाल किया जाता है.

कौन सा तेल नहीं खाना चाहिए

आयुर्वेद डॉक्टर अंकित नामदेव बताते हैं कि "कौन सा तेल नहीं खाना चाहिए, यह जो आर्टिफिशियल प्रॉसेस से बनाए हुए तेल होते हैं, या फिर जो पाम आयल होते हैं. इन तेलों का उपयोग नहीं करना चाहिए. क्योंकि स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं होता है. आजकल हमारी जीवन शैली काफी शिथिल हो गई है, तो तेल का उपयोग कम करना चाहिए. क्योंकि लिवर पर इसका काफी प्रभाव पड़ता है. तेल का उपयोग जरूर करना चाहिए लेकिन कम मात्रा में, क्योंकि इसमें जो फैटी एसिड होते हैं, वो हमारे जीवन के लिए इसेंशियल होते हैं."

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सूरजमुखी का तेल कैसा?

सेहत के लिए सूरज मुखी का तेल कैसा होता है. इसे लेकर आयुर्वेद डॉक्टर कहते हैं कि सूरजमुखी का तेल अच्छा है. रिसर्च के हिसाब से सूरजमुखी का तेल हार्ट आदि के लिए अच्छा है. इसमें कोलेस्ट्रॉल की मात्रा अन्य तेलों के मुताबिक कम होती है, लेकिन जो भी तेल लें उसे एक उचित मात्रा तक ही ले. क्योंकि ज्यादा सेवन किसी भी तेल का उचित नहीं होता है.

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