महाकुंभ 2025 मेला विश्व का सबसे बड़ा समागम है, जिसमें लगभग 40 करोड़ से ज्यादा लोग हिस्सा ले सकते हैं. ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है. बता दें, महाकुंभ के पहले ही दिन 13 जनवरी 2025 को शाही स्नान के मौके पर तकरीबन 1.5 करोड़ लोगों ने त्रिवेणी संगम में डुबकी लगायी थी. वहीं, 14 जनवरी को मकर संक्रांति के अवसर पर लगभग 3.5 करोड़ लोगों ने इसमें हिस्सा लिया था. मौनी अमावस्या पर तीसरे और चौथे शाही स्नान के लिए भी करोड़ों लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी थी. ऐसे में इस भव्य आयोजन में देश विदेश से करोड़ों लोगों के आने का सिलसिला जारी है.
इस बीच, स्वास्थ्य विशेषज्ञों और शोधकर्ताओं को डर है कि 2025 का महाकुंभ मेला, जो मानवता का सबसे बड़ा समागम है, कई बीमारियों, संक्रमणों और बुखारों के फैलाव का करण बन सकता है. जिससे भविष्य में गंभीर स्वास्थ्य चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है. दरअसल, भारत में मानव मेटान्यूमोवायरस (Human metapneumovirus) या एचएमपीवी के मामले लगातार सामने आ रहे हैं. इसे लेकर स्वास्थ्य विभाग चौकन्ना है. हालांकि यह वायरस चीन में नया नहीं है, फिर भी बच्चों में इन्फ्लूएंजा के मामले अधिक आम हैं. श्वसन संबंधी समस्याएं पैदा करने वाले वायरस और इन्फ्लूएंजा के तेजी से फैलने से वैश्विक चिंताएं बढ़ गई हैं.
बच्चों में इन्फ्लूएंजा (फ्यू) के लक्षण ये हो सकते हैं.
बुखार, खांसी, गले में खराश, बहती या भरी हुई नाक, बॉडी पेन, सिरदर्द, ठंड लगना, थकान, पेट में समस्या, उल्टी या मतली का होना, बता दें कि फ्लू एक वायरल इंफेक्शन है. जो एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है और कुछ लोगों के लिए गंभीर हो सकता है. इन्फ्लूएंजा के लक्षणसामान्य सर्दी की तुलना में अधिक मांसपेशियों में दर्द, छींक आना, मतली, दस्त हो सकता है.
इन्फ्लूएंजा (फ्लू) से बचाव
इन्फ्लूएंजा (फ्लू) से बचने के लिए, फ्लू का वैक्सिन लगवाना सबसे अच्छा समासान है.
इसके अलावा आप यहां दिए गए उपाय भी अपनाए जा सकते हैं, जैसे कि...
- अपनी नाक मुंह और आंखेंको छूने से बचें.
- खांसते या छींकते समय नाक और मुंह को कपड़े या से टिश्यू ढकें.
- यूज किया हुआ टिश्यू को ऐसी जगह फेंकें जहां उसे और कोई छू न सके.
- अच्छी तरह से हाथ धोएं और सैनिटाइजर का उपयोग करें
- बीमार लोगों से दूरी बनाए रखें और खूब आराम करें.
- खूब पानी पिएं और संतुलित आहार लें
अधिक जानकारी के लिए, अपने डॉक्टर से संपर्क करें.
वहीं, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ)ने कहा कि कई देशों में इन दिनों खासकर सर्दी के मौसम में सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम तेजी से फैल जाती है. है. ऐसे में इस सर्दी के मौसम में इस तरह के सामूहिक समारोह आयोजित करने से स्वास्थ्य को खतरा हो सकता है. कई विशेषज्ञों ने लोगों से देश में फैले एक्यूट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम और वायरस के फैलाव को कम करने के लिए भीड़-भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचने का भी आग्रह किया है.
सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम के लक्षण
सांस लेने में कठिनाई आमतौर पर तीव्र श्वसन संकट सिंड्रोम (ARDS) का पहला लक्षण है. अन्य लक्षण अंतर्निहित कारण की गंभीरता के आधार पर अलग हो सकते हैं. ARDS को विकसित होने में कई दिन लग सकते हैं, या यह तेजी से गंभीर हो सकता है. कॉम्प्लिकेशन में खून के थक्के, इन्फेक्शन, इसके अलावा फेफड़ों की समस्याएं या ऑर्गन फेलियर शामिल हो सकती है.
चेतावनी संकेत जो बताते हैं कि आपमें ARDS विकसित हो रहा है या आप इसके खतरे में हैं, उनमें ये शामिल हो सकते हैं..
- सांस लेने में कठिनाई
- तेजी से सांस लेना, या बहुत सारी तेज, उथली सांसें लेना
- खांसी के कारण कफ आना, तेज दिल की धड़कन
- नीले नाखून या स्किन या होठों पर नीलापन
- बहुत अधिक थकान, भ्रम
- बुखार, लो ब्लड प्रेशर
- फेफड़ों में चटचटाहट की आवाज
- सीने में दर्द, खासकर जब गहरी सांस लेने की कोशिश की जाती है
ARDS से बचने के लिए ये है उपाय..
- तंबाकू के धुएं और उसके सेवन से बचना जरूरी
- बिलकुल भी नहीं या कम मात्रा में शराब का सेवन जरूरी
- प्रदूषण से बचना बेहद जरूरी
- अपने हाथों को नियमित रूप से साबुन और पानी से धोने की बनाए रखें आदत
- अपनी आंखों और चेहरे को बार-बार छूने से बचना जरूर बचें
- पौष्टिक भोजन खाएं, पर्याप्त नींद लें, और रेगुलर फिजिकल एक्टिविटी से अपनी इम्यून सिस्टम को बढ़ाएं