गया: भारतीय संस्कृति और सनातन धर्म में तुलसी सदियों से शामिल रही है. हिंदू धर्मावलंबियों में इसका काफी महत्व है, जिस घर में तुलसी का पौधा होता है, वहां सौभाग्य की वृद्धि होती है. कहा जाता है, कि तुलसी को मां लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है. यही वजह है, कि सदियों से तुलसी पूजनीय रही है. आज हम बताने जा रहे हैं कि तुलसी को चबाकर क्यों नहीं खाना चाहिए और इसके धार्मिक और वैज्ञानिक महत्व क्या है.
तुलसी के बिना अधूरी है नारायण की पूजा: शादी विवाह या कोई शुभ मुहूर्त हो इसमें तुलसी की खास भूमिका होती है. बगैर तुलसी के नारायण को प्रसाद का भोग नहीं लगता है. धार्मिक दृष्टिकोण से कई पुराणों, वेदों में तुलसी की महता को दर्शाया गया है. तुलसी के बिना कई महत्वपूर्ण कार्य अधूरे माने जाते हैं. अत्यंत पूजनीय माता तुलसी का पौधा घर के वास्तु दोष को दूर करता है. धार्मिक दृष्टिकोण से कई तरह के शुभ फल प्रदान करता है. माता लक्ष्मी के रूप की प्रतीक तुलसी भगवान विष्णु को प्यारी है.
भगवान विष्णु को प्रिय है तुलसी: माना जाता है, कि जिस घर में तुलसी हो, उस घर से भगवान विष्णु प्रसन्न रहते हैं और जब भगवान विष्णु प्रसन्न रहते हैं, तो माता लक्ष्मी वहां निवास करती है. ऐसे में तुलसी सौभाग्य बढ़ाती है. सम्पन्नता और सुख प्रदान करती है, कष्टों को हरती है और वास्तु दोष को दूर करती है. इस तरह माता तुलसी का सनातन धर्म में अपना विशिष्ट स्थान है. मान्यता है कि माता तुलसी के पौधे में कई देवी देवताओं का निवास होता है.
तुलसी का वैज्ञानिक महत्व: तुलसी का वैज्ञानिक तौर पर भी काफी महत्व है. धार्मिक दृष्टिकोण से यह जहां पूजनीय है, वहीं वैज्ञानिक दृष्टिकोण से कई तरह से फायदेमंद है. इस तरह तुलसी धार्मिक ही नहीं, वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी अत्यंत उपयोगी है. तुलसी का पौधा वातावरण को जहां शुद्ध रखना है, वहीं विभिन्न बीमारियों से बचाता है. तुलसी का नियमित सेवन शरीर में इम्यूनिटी को बढ़ाता है. बात कोरोना काल की करें, तो उस समय तुलसी का वैज्ञानिक महत्व समझा गया.
तुलसी में पाए जाते हैं ये पोष्क तत्व: तुलसी में एंटीबैक्टीरियल, एंटीफंगल और एंटीबायोटिक गुण होते हैं, जो शरीर को इम्यूनिटी प्रदान करते हैं और रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं. तुलसी के नियमित सेवन से साल भर में बदलने वाले मौसमों में फैलने वाली बीमारियों से बचा जा सकता है. तुलसी के नियमित सेवन से पाचन संबंधी मुश्किलें दूर होती है. रक्त संचार भी दुरुस्त रहता है. बड़ी बात यह है, कि तुलसी के सेवन से नर्वस सिस्टम भी सही हो जाता है. तुलसी के नियमित उपयोग से वजन संतुलन भी बना रहता है. वही, तुलसी का उपयोग कैंसर कोशिकाओं की वृद्धि तक को रोकने में होता है और लीवर भी स्वस्थ रहते हैं .
कैसे करें तुलसी का उपयोग?: तुलसी का उपयोग चाय या काढ़ा के रूप में किया जा सकता है. ज्यादा तुलसी का सेवन नहीं करना चाहिए. तुलसी के पत्तों में विटामिन सी, विटामिन ए, मैग्नीशियम, पोटैशियम, कैल्शियम पारा और आयरन होता है. यह पोषक तत्व हमारे शरीर को संतुलित और स्वस्थ रखते हैं. हमारे शरीर को कई गंभीर बीमारियों से बचाने में मदद करती है.