डायबिटीज एक मेटाबॉलिक डिजीज है, जो तब होता है जब आपका ब्लड शुगर सामान्य से अधिक होता है. यह कई अन्य बीमारियों जैसे हृदय संबंधी समस्याओं, लीवर फेलियर और स्ट्रोक के खतरे को बढ़ा सकता है. लेकिन, क्या आप जानते हैं कि डायबिटीज पुरुषों और महिलाओं के यौन जीवन को भी प्रभावित कर सकता है?अमेरिकन डायबिटीज एसोसिएशन के अनुसार,डायबिटीज रोगियों को यौन समस्याओं का खतरा ज्यादा होता है.
फोर्टिस सी.डी.ओ.सी. अस्पताल, मधुमेह और एंडोक्राइनोलॉजी डिपार्टमेंट के निदेशक डॉ. रितेश गुप्ता के मुताबिक, डायबिटीज नसों, ब्लड सर्कुलेशन और हार्मोन पर इसके प्रभाव के कारण यौन जीवन को प्रतिकूल रूप से प्रभावित कर सकता है. इसके अलावा, इस बीमारी से निपटने का तनाव भी यौन जीवन को खराब कर सकता है.
मधुमेह यौन जीवन को कई तरीकों से प्रभावित कर सकता है, जिनमें शामिल हैं...
मधुमेह के कारण पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन का लेवल कम हो जाता है. जिससे रोमांस के प्रति रुचि और उत्साह कम हो जाता है. स्ट्रेस, चिंता, सुस्ती, वजन बढ़ना, बार-बार मूत्र संक्रमण, स्तंभन दोष और प्रजनन क्षमता में कमी भी इसके सामान्य लक्षण हैं. महिलाओं में शारीरिक और मानसिक परेशानियां शुरू हो जाती हैं. यौन इच्छा में कमी, योनि का सूखापन, संभोग के दौरान दर्द, यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन आदि.
सामान्य महिलाओं की तुलना में पीसीओएस वाली युवा महिलाओं में डायबिटीज 10 गुना अधिक आम है. पीसीओएस से प्रभावित लोगों में, कोशिकाएं इंसुलिन को अवशोषित नहीं करती हैं, जिससे रक्त में इंसुलिन की मात्रा बढ़ जाती है, जिससे गर्भावस्था बाधित होती है. मासिक धर्म के दौरान ओव्यूलेशन को रोकता है.
डायबिटीज सेक्स लाइफ को कई तरीकों से प्रभावित कर सकता है, जिनमें शामिल हैं...
इरेक्टाइल डिस्फंक्शन (ईडी) :डायबिटीज से पीड़ित पुरुषों में इरेक्टाइल डिस्फंक्शन (ईडी) होने की संभावना तीन गुना ज्यादा होती है, जो डायबिटीज रहित पुरुषों की तुलना में 10-15 साल पहले हो सकता है. ईडी नर्व डैमेज, सीमित ब्लड फ्लो या डैमेज ब्लड वेसल्स के कारण हो सकता है.
कम कामेच्छा : डायबिटीज को ठीक से मैनेज न किए जाने से पुरुषों और महिलाओं दोनों में कामेच्छा या यौन इच्छा कम हो सकती है. यह सूजन, कम टेस्टोस्टेरोन या कुछ दवाओं, जैसे कि एंटीडिप्रेसेंट के कारण हो सकता है.