हैदराबाद:गर्मियों के मौसम में जामुन की भरमार होती है. खासतौर पर उत्तर भारत के कई राज्यों में यह सीजनल फल लगभग हर जगह मिल जाता है. खट्टा-मीटा स्वाद और नमक के साथ इसका मिश्रण इसे बहुत ही जायकेदार बना देता है. इस सीजनल फल का सेवन करने से आपको कई तरह के स्वास्थ्य लाभ भी मिलते हैं. बहुत से लोग फल खाते हैं और बीज फेंक देते हैं. लेकिन क्या आपको पता है कि इस फल का बीच भी काफी फायदेमंद होता है. विशेषज्ञों का कहना है कि जामुन के बीज के कई स्वास्थ्य लाभ हैं. बस खाने का तरीका समझ लें. आइए इस खबर में जानें कि जामुन के बीज को कैसे खाया जाए..
जामुन बीजों में पोषक तत्व: फाइबर, प्रोटीन, वसा जैसे ओमेगा 3, ओमेगा 6, आयरन, कैल्शियम, मैग्नीशियम, पोटेशियम, विटामिन सी, विटामिन ई, फ्लेवोनोइड्स, जंबोलिन, जंबोसिन पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं. ये पोषक तत्व कई स्वास्थ्य लाभ प्रदान करते हैं.
फायदे पर नजर डालें तो..
शुगर कंट्रोल: आजकल बहुत से लोग मधुमेह से पीड़ित हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि अगर ऐसे लोग जामुन के साथ जामुन के बीज भी खाएं तो शुगर को नियंत्रित किया जा सकता है. क्योंकि इनमें मौजूद जंबोलिन और जंबोसिन कंपाउंड ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने में मदद करते हैं. डायबिटीज केयर जर्नल में प्रकाशित 2013 के एक अध्ययन में पाया गया कि टाइप 2 मधुमेह वाले लोगों ने 12 सप्ताह तक दिन में दो बार 500 मिलीग्राम जामुन कर्नेल पाउडर लिया, उनके रक्त शर्करा के स्तर और हीमोग्लोबिन ए 1 सी के स्तर में काफी कमी आई. इस शोध में एम्स, दिल्ली में एंडोक्राइनोलॉजी के प्रोफेसर डॉ. सुजीत शर्मा ने भाग लिया.
लिवर के स्वास्थ्य में सुधार: विशेषज्ञ लिवर के अच्छे स्वास्थ्य के लिए नियमित रूप से जामुन के बीज का सेवन करने का सुझाव देते हैं. कहा जाता है कि इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट लिवर को स्वस्थ रखते हैं.
पाचन में सुधार: जामुन के बीज फाइबर से भरपूर होते हैं. ऐसा कहा जाता है कि यह पाचन में सुधार करता है, कब्ज को रोकता है और यहां तक कि वजन घटाने में भी मदद करता है.
रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है: जामुन के बीज विटामिन सी सहित अन्य पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं. ऐसा कहा जाता है कि वे प्रतिरक्षा को बढ़ावा देते हैं और सर्दी और फ्लू जैसे संक्रमणों से लड़ने में मदद करते हैं.
हृदय स्वास्थ्य के लिए अच्छा: विशेषज्ञों का कहना है कि जामुन के बीज में मौजूद फाइबर, फ्लेवोनोइड्स, जम्बोलिन आदि शरीर में खराब कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करते हैं और अच्छे कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ाते हैं. ऐसा कहा जाता है कि इससे हृदय स्वास्थ्य में सुधार होगा और स्ट्रोक जैसी समस्याएं कम होंगी.