हैदराबाद: बहुत से लोग भगवान की भक्ति और अपनी धार्मिक मान्यताओं के कारण सप्ताह में एक दिन या उससे ज्यादा भी उपवास करते हैं. साथ ही कुछ लोग वजन कम करने के लिए या स्वास्थ्य कारणों से भी उपवास (Fasting) करते हैं. कुछ लोग पानी और जूस पीकर फास्टिंग करते हैं, तो वहीं अन्न-जल के बिना उपवास करते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि अगर आप कुछ घंटों तक अन्न-जल न खाएं तो आपके शरीर में क्या बदलाव होते हैं? आइए जानते हैं
दिल का स्वास्थ : उपवास शरीर में खराब कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करता है. साथ ही विशेषज्ञों का कहना है कि इससे अच्छे कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ता है और दिल स्वस्थ रहता है. हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि लाइफस्टाइल में कुछ बदलाव करके और रुक-रुक कर फास्टिंग करने से हृदय रोग के खतरे को कम किया जा सकता है.
शुगर लेवल नियंत्रण में: फास्टिंगहमारे शरीर में इंसुलिन प्रतिरोध (Insulin resistance) को कम करता है. विशेषज्ञों का कहना है कि इससे ब्लड शुगर लेवल नियंत्रण में रहता है.
दिमाग होता है सक्रिय : जब हमारा शरीर फास्टिंग करता है तो वसा (Fat) ऊर्जा में परिवर्तित होने लगती है. इस प्रक्रिया को 'कीटोसिस' कहा जाता है. विशेषज्ञों का कहना है कि इससे दिमाग की कार्यप्रणाली बेहतर होती है.इसके अलावा जब आप उपवास के बाद खाना खाते हैं तो शरीर में ऊर्जा का स्तर बढ़ जाता है. यह हमें अधिक सक्रिय और सतर्क रखने में मदद करता है.
ग्रोथ हार्मोन बढ़ता है : फास्टिंग करने से तनाव हार्मोन कोर्टिसोल का स्तर भी बढ़ जाता है. हालाँकि, विशेषज्ञों का कहना है कि कोर्टिसोल वृद्धि हार्मोन के स्राव को भी ट्रिगर करता है. ग्रोथ हार्मोन शरीर के विकास, कोशिका व मांसपेशियों का पुनर्जनन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.इसीलिए विशेषज्ञ सुझाव देते हैं कि उपवास करना कुछ हद तक अच्छा है.