नई दिल्ली:दिल्ली की राजनीति में शुगर पर हो रहा संग्राम चर्चा का विषय है. दिल्ली के मुख्यमंत्री को डायबिटीज है और जेल में उन्हें इंसुलिन दिये जाने पर विवाद छिड़ा हुआ है. आरोप ये भी हैं कि डायबिटीज का मजाक उड़ाया जा रहा है, लेकिन क्या इस बीमारी को इतने हलके में लिये जाने की जरूरत है. आइये आकंड़ों से समझने की कोशिश करते हैं और समझते हैं कि डॉक्टर्स इसे कितना बड़ा चैलेंज मानते हैं.
ICMR की स्टडी के मुताबिक हाल के कुछ सालों में मधुमेह यानि डायबिटीज तेजी से बढ़ी है. इंटरनेशनल डायबिटीज फेडरेशन के मुताबिक मधुमेह से प्रभावित मरीजों की संख्या 1995 में 19 मिलियन से 2015 में 66.8 मिलियन हो गई और साल 2040 तक ये आंकड़े बढ़कर 123.5 मिलियन यानि 12 करोड़ तक पहुंचने का अनुमान है
ये भयावह आंकड़ें ये समझाने के लिए काफी हैं कि डायबिटीज की बीमारी विश्व स्तर पर तेजी से फैल रही है. हालांकि डायबिटीज जैसे बीमारी पर चर्चा तो होती रही है लेकिन लोगों को जागरूक करने के स्तर पर कोशिशें कम ही देखी जाती हैं.
- डायबिटीज तेजी से फैलने वाली बीमारी
- भारत में युवा भी इसकी चपेट में
- डायबिटीज बढ़ने के कारणों में विशेष गलत खानपान
- आधुनिक समय में बदली जीवन शैली
प्रसिद्ध डायबिटीज विशेषज्ञ डॉक्टर एस कुमार का कहना है कि भारत में डायबिटीज के मरीजों का कुछ टेस्ट करा कर उसके बाद खान-पान में बदलाव कर 90% मरीजों का डायबिटीज खत्म किया जा सकता है.
देश के जाने-माने डायबिटीज विशेषज्ञ और वैज्ञानिक डॉ एस कुमार ने बताया कि भारत में लगातार बढ़ती डायबिटीज मरीजों की संख्या चिंताजनक हैं. आज भारत में आधुनिक जांच उपलब्ध है. लेकिन बावजूद इसके 90% से ज्यादा डायबिटीज के रोगी अधूरी जांच के चलते और पूरी जानकारी न होने के कारण डायबिटीज की दवा और इन्सुलिन ले रहे हैं.
डायबिटीज से जुड़ी आम मिथ्या
- उम्र भर दवाओं के सहारे जिंदगी चलेगी
- डायबिटीज उम्र के साथ चलने वाली बीमारी