हैदराबाद: अनचाही गर्भावस्था से बचने के लिए आमतौर पर महिलाएं गर्भनिरोधक गोलियों तथा कॉपर-टी का उपयोग करती हैं. लेकिन महिलाओं के लिए गर्भनिरोधक सिर्फ इन दोनों प्रकारों तक ही सीमित नहीं हैं. बाजार में विशेषतौर पर महिलाओं के लिए कई प्रकार के Contraceptive options उपलब्ध हैं. लेकिन ज्यादातर महिलाओं को उनके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं होती है. वहीं जिन महिलाओं को अन्य Contraceptive options के बारे में पता होता भी हैं उनमें से अधिकांश डर, शर्म, गलत भ्रमों तथा उन्हे इस्तेमाल करने के तरीकों को लेकर अज्ञानता आदि कारणों के चलते उनका इस्तेमाल नहीं कर पाती हैं.
गर्भनिरोधक के प्रकार :फीमेल्स के लिए Contraceptive pills के अलावा कई ऐसे कारगर विकल्प हैं जो Unwanted pregnancy से काफी हद तक बचाव कर सकते हैं. उनमें से कुछ विशेष Contraception इस प्रकार हैं.
Copper T Device - IUD Or Copper IUD : कॉपर टी डिवाइस (आईयूडी)
कॉपर टी यानी ‘कॉपर इंट्रायूटेराइन कॉन्ट्रासेप्टिव डिवाइस’ अंग्रेजी के "टी" के आकार वाला एक छोटा उपकरण होता है, जिसे गर्भावस्था को रोकने के लिए चिकित्सक गर्भाशय के अंदर रखते है. इसका उपयोग ज्यादातर वे महिलाएं करती हैं जो पहले से मां बन चुकी हैं और दूसरी गर्भावस्था में देरी चाहती हैं. Copper T लगवाने वाली महिलायें जब गर्भवती होना चाहती हैं, तो Copper T हटवा सकती हैं. Copper IUD गर्भाशय के अंदर कॉपर को रिलीज करता है जो स्पर्म की गतिशीलता को कम कर देता है. कॉपर-टी 3, 5 या 10 सालों तक चल सकती है. वहीं अगर कोई महिला जल्दी बच्चा चाहती है तो इसे अवधि पूरी होने से पहले निकलवाया भी जा सकता है. Copper-T को गर्भनिरोधक के सबसे असरदार व सुरक्षित तरीकों में से एक माना जाता है.
LNG IUD : लेवोनोर्गेस्ट्रेल अंतर्गर्भाशयी प्रणाली/ एलएनजी आईयूडी
यह भी कॉपर टी की तरह एक छोटी डिवाइस होती है जिसे चिकित्सक गर्भाशय में रखते हैं. LNG IUDडिवाइस हर दिन थोड़ी मात्रा में प्रोजेस्टिन हार्मोन जारी करती है जो ओव्यूलेशन और गर्भावस्था को रोकता है. LNG IUD डिवाइस के प्रकार के आधार यह गर्भाशय में 3 से 8 साल तक रह सकता है.
Contraceptive pills : गर्भ निरोधक गोलियां
यह गर्भनिरोधक का सबसे प्रचलित प्रकार है. Contraceptive pills दो प्रकार होती हैं जिनमें एक प्रकार में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टिन दोनों प्रकार के हार्मोन होते हैं वहीं दूसरे प्रकार में सिर्फ प्रोजेस्टिन हार्मोन होते हैं. Contraceptive pills का चयन चिकित्सक की सलाह पर तथा अपने शरीर की अवस्था के अनुसार ही करना चाहिए. इस गोलियों का इस्तेमाल करने वाली महिलाओं को प्रतिदिन एक ही समय पर एक गोली खानी होती है.
Contraceptive injection : कॉन्ट्रासेप्टिव इंजेक्शन :इस कॉन्ट्रासेप्टिव तकनीक में हर तीन महीने में नितंबों या बांह में इंजेक्शन के माध्यम से प्रोजेस्टिन हार्मोन के शॉट लगाए जाते हैं.
Contraceptive implant : कॉन्ट्रासेप्टिव इम्प्लांट
इस गर्भनिरोधक तकनीक को प्रतिवर्ती गर्भनिरोधक या एलएआरसी भी कहा जाता है. Contraceptive implant तकनीक में माचिस की तीली के आकार की एक लचीली पतली छड़ को ऊपरी बांह की त्वचा के नीचे रखा जाता है. इस छड़ में प्रोजेस्टिन हार्मोन होता है. जो ओव्यूलेशन को रोककर गर्भधारण को रोकता है. एक बार इम्प्लांट कराने के बाद यह 3 वर्षों तक शरीर में रह सकता है.