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डायबिटीज और कोलेस्ट्रॉल के साथ इन गंभीर बीमारियों का काल है हिमालयन वियाग्रा, ताकत बढ़ाने के लिए चीन के लोग करते हैं इस्तेमाल

हिमालयन वियाग्रा के नाम से प्रसिद्ध कीड़ा जड़ी कई गंभीर बीमारियों के काम आता है. जिसकी कीमत अंतरराष्ट्रीय मार्केट में लाखों में हैं. पढ़ें खबर...

Cordyceps militaris is the cure for these serious diseases including diabetes and cholesterol
डायबिटीज और कोलेस्ट्रॉल के साथ इन गंभीर बीमारियों का काल है कीड़ा जड़ी (ETV BHARAT)

By ETV Bharat Health Team

Published : 5 hours ago

Updated : 3 hours ago

चीन, नेपाल और भारत के हिमालयन रीजन में एक ऐसी जड़ी बूटी मिलती है जिसकी कीमत सोने के बराबर है. इस जड़ी को कीड़ा जड़ी के नाम से जाना जाता है. अंग्रेजी में इसे Caterpillar fungus या cordyceps militaris कहते हैं. तिब्बत में इसे यारशागुंबा कहते हैं. हिमालयन वियाग्रा के नाम से प्रसिद्ध कीड़ा जड़ी कई गंभीर बीमारियों में काम आता है. जिसकी कीमत अंतरराष्ट्रीय मार्केट में लाखों में हैं.

दुनिया का सबसे बड़ा फंगस कीड़ा (जड़ी) कैंसर सहित कई रोग में कारगर साबित हो चुका है. कीड़ा जड़ी की जानकारी 15वीं शताब्दी में तिब्बत के ग्रंथों में मिली थी. इसमें कीड़ा-जड़ी को सभी बीमारियों के इलाज लिए उपयोगी बताया गया था. इसके बाद धीरे-धीरे कीड़ा जड़ी का क्रेज चीन में बढ़ने लगा. चीन में इसका प्रयोग थकान दूर करने और सेक्स पावर बढ़ाने वाली दवा के रूप में किया जाता रहा है. 1990 में चीन के एथलीटों ने जबरदस्त परफॉर्मेंस दिया था. जिसके बाद उनके कोच ने दावा किया था कि कीड़ा जड़ी खाने की वजह से ही एथलीटों की परफॉर्मेंस बढ़ गई थी. इसके बाद धीरे-धीरे कीड़ा जड़ी का इस्तेमाल मेडिसिन के रूप में किया जा रहा है.

कैंसर
ट्यूमर के ग्रोथ को धीमा करने की कॉर्डिसेप्स की क्षमता ने हाल के वर्षों में महत्वपूर्ण रुचि पैदा की है. टेस्ट-ट्यूब अध्ययनों में, कॉर्डिसेप्स को फेफड़े, कॉलन, त्वचा और लीवर के कैंसर सहित कई प्रकार के मानव कैंसर कोशिकाओं के विकास को रोकने के लिए दिखाया गया है. साफ शब्दों में समझे तो यह कहना गलत नहीं होगा कि कीड़ा जड़ी में एंटी-कैंसररोधी गुण पाया जाता है, जो कैंसर से बचाव करने में मददगार हो सकता है.

डायबिटीज और कोलेस्ट्रॉल
कीड़ा जड़ी में एंटी-डायबिटीक गुण पाया जाता है, जो डायबिटीज को कंट्रोल करने में प्रभावित हो सकता है. इसके सेवन से ब्लड शुगर नियंत्रित होता है. डायबिटीज से पीड़ित चूहों पर 2018 के शोध से पता चलता है कि कॉर्डिसेप्स ब्लड शुगर और लिपिड के लेवल को कम करने में मदद कर सकता है. डायबिटीज जैसी गंभीर समस्या को कंट्रोल करने के लिए कीड़ा जड़ी का इस्तेमाल बहुत फायदेमंद होता है.

हृदय स्वास्थ्य
कीड़ा जड़ी का हार्ट हेल्थ पर लाभकारी प्रभाव हो सकता है. दरअसल, यह ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करके हृदय वृद्धि को रोकने में मदद करता है. कीड़ा जड़ी हृदय स्वास्थ्य में भी बहुत लाभकारी है. यह औषधि किडनी और लीवर की सभी प्रॉब्लम को ठीक करने में महत्वपूर्ण रोल निभाती है. इसमें एंटीट्यूमर प्रॉपर्टी होती है, जो हृदय स्वास्थ्य के लिए उपयोगी है. इसके इस्तेमाल से से इम्युनिटी सिस्टम को फास्ट तरीके से बूस्ट किया जा सकता है.

सूजन
सूजन को ठीक करने में लाभदायक कीड़ा जड़ी का प्रयोग कई जगह लंग्स और ब्रोंकियल इंफ्लेमेशन को ठीक करने के लिए भी किया जाता है. अस्थमा से जूझ रहे लोगों के के लिए भी यह फायदेमंद है. कीड़ा जड़ी सूजन को भी ठीक करने में मददगार है. इसके मेथेनॉल एक्सट्रेक्ट इंफ्लेमेशन पैदा करने वाले जीन्स को खत्म करने में मददगार माने जाते हैं. 2020 के शोध से पता चला है कि जब मानव कोशिकाएं कॉर्डिसेप्स के संपर्क में आती हैं, तो शरीर में सूजन बढ़ाने वाले विशेष प्रोटीन दब जाते हैं. इन संभावित प्रभावों के कारण, शोधकर्ताओं का मानना ​​है कि कॉर्डिसेप्स एक उपयोगी सूजन-रोधी पूरक या दवा के रूप में काम कर सकता है. 2022 के एक पशु अध्ययन में, शोधकर्ताओं ने पाया कि कवक गठिया से संबंधित सूजन को कम करने में मदद करता है.

यह ऐसी जड़ी-बूटी है, जो इम्यून सिस्टम, कार्डियक वैस्कुलर हेल्थ, श्वसन, किडनी, लिवर से जुड़े डिजीज में फायदेमंद है. यह एंटीट्यूमर, एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट प्रभाव से भरपूर होती है. वहीं, यह हार्ट डिजीज में बहुत उपयोगी है.

सोर्स-

https://pmc.ncbi.nlm.nih.gov/articles/PMC3967809/#:~:text=Cordyceps%20militaris%20extracts%20also%20show,new%20source%20for%20diabetes%20treatment.

https://www.sciencedirect.com/science/article/abs/pii/S0271531715000779


(डिस्क्लेमर: यहां आपको दी गई सभी स्वास्थ्य संबंधी जानकारी और सलाह केवल आपकी जानकारी के लिए है. हम यह जानकारी वैज्ञानिक अनुसंधान, अध्ययन, चिकित्सा और स्वास्थ्य पेशेवर सलाह के आधार पर प्रदान कर रहे हैं. बेहतर होगा कि इन पर अमल करने से पहले आप अपने निजी डॉक्टर की सलाह ले लें.)

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