हैदराबाद : हेपेटाइटिस के कारण जान गंवाने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है. वैश्विक स्तर पर संक्रमण से मृत्यु का दूसरा प्रमुख कारण है. इससे सालाना 13 मिलियन यानि 13 लाख से ज्यादा लोग जान गंवा रहे हैं. औसतन हर दिन हेपेटाइटिस से 3500 लोगों की जान चली जा रही है. रोगों से होने वाले मौतों के आंकड़ों के मामलों में टीबी के बराबार हेपेटाइटिस से मौतें हो रही है. 7-11 अप्रैल 2024 तक लिस्बन, पुर्तगाल में विश्व हेपेटाइटिस शिखर सम्मेलन के दौरान विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से 2024 ग्लोबल हेपेटाइटिस रिपोर्ट में हेपेटाइटिस के डेटा का खुलासा किया गया है.
निदान और उपचार में वैश्विक प्रगति और अंतराल
सभी क्षेत्रों में, क्रोनिक हेपेटाइटिस बी संक्रमण से पीड़ित केवल 13 फीसदी लोगों का इलाज किया गया था और लगभग 3 फीसदी (7 मिलियन) ने 2022 के अंत में एंटीवायरल थेरेपी प्राप्त की थी. हेपेटाइटिस सी के संबंध में, 36 फीसदी का निदान किया गया था और 20 फीसदी (12.5 मिलियन) को उपचारात्मक उपचार प्राप्त हुआ था.
रिपोर्ट के अनुसार 2022 में 3.5 करोड़ संक्रमणों के साथ चीन के बाद भारत में हेपेटाइटिस बी और सी के मामलों की दूसरी सबसे बड़ी संख्या थी. हेपेटाइटिस में लीवर में सूजन जो जाता है, जिस कारण कई प्रकार की स्वास्थ्य समस्याएं पैदा हो जाती है. 2022 में वैश्विक स्तर पर 2540 लाख (254 मिलियन) लोग हेपेटाइटिस बी से और 500 लाख (50 मिलियन) लोग हेपेटाइटिस सी से पीड़ित थे.
वायरल हेपेटाइटिस के मामले में चीन के बाद भारत दूसरे स्थान पर था. 2022 में 2.98 करोड़ हेपेटाइटिस बी के मामले दर्ज किए, जबकि हेपेटाइटिस सी संक्रमण की संख्या 55 लाख थी. वहीं चीन में हेपेटाइटिस बी और सी के 8.3 करोड़ मामले दर्ज किए गए, जो कुल बीमारी का 27.5 फीसदी है. रिपोर्ट के अनुसार कुल 3.5 करोड़ मामलों के साथ, भारत उस साल वैश्विक स्तर पर कुल बीमारी के बोझ का 11.6 फीसदी रहा.