हैदराबाद:प्रीतिश नंदी, जो एक फिल्म निर्माता, कवि और पत्रकार थे, का बुधवार (8 जनवरी) को निधन हो गया. भारतीय सिनेमा और साहित्य में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले प्रीतीश नंदी का निधन मुंबई स्थित उनके आवास पर हुआ. उन्होंने 73 साल की उम्र में अंतिम सांस ली. उनके निधन की खबर सुनकर फिल्म और मीडिया इंडस्ट्री शोक में डूबा हुआ है.
बहुमुखी प्रतिभा के धनी प्रीतीश नंदी का करियर तीन दशकों से ज्यादा लंबा रहा, जिसके दौरान वे भारतीय फिल्म प्रोडक्शन और मीडिया सेक्टर में एक महान हस्ती बन गए. उन्होंने 1993 में प्रीतीश नंदी कम्युनिकेशंस की स्थापना की. यह एक मीडिया कंपनी है.
फिल्म मेकर और टेलीविजन शख्सियत के अलावा, प्रीतीश नंदी एक कवि और लेखक भी थे. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, उन्होंने इंग्लिश में कविता की चालीस से अधिक किताबें लिखीं, साथ ही फिक्शन और ट्रांसलेशन के लिए भी काम किया. उन्होंने संस्कृत समेत अन्य भाषाओं में क्लासिकल लव पोएट्री को ट्रांसलेट किया है, जिसके लिए उन्हें काफी सराहा भी गया है. प्रीतीश नंदी की क्रिएटिव टैलेंट पेंटिंग तक फैली हुई थी, जहां उन्होंने अपने आर्टवर्क की कई प्रदर्शनी भी लगाई थी.
प्रीतीश नंदी ने प्रोड्यूस की ये फिल्में
- कुछ खट्टी कुछ मीठी (2001)
- बॉलीवुड कॉलिंग (2001)
- द मिस्टिक मस्सेर (2001)
- सुर (2002)
- कांटे (2002)
- झंकार बीट्स (2003)
- मुंबई मैटिनी (2003)
- चमेली (2004)
- पॉपकॉर्न खोल मस्त हो जाओ (2004)
- शब्द (2005)
- हजारों ख्वाहिशें ऐसी (2005)
- एक खिलाड़ी एक हसीना (2005)
- अनकही (2006)
- प्यार के साइड इफेक्ट्स (2006)
- बो बैरक फॉरएवर (2007)
- हाल ही में शादी हुई (2007)
- बदसूरत और पगली (2008)
- मीराबाई नॉट आउट (2008)
- धीमे धीमे (2009)
- रात गई बात गई? (2009)
- क्लिक (2010)
- फैटसोल (2012)
- शादी के साइड इफेक्ट्स (2014)
- मस्तीजादे (2015)