हैदराबाद:रीमा कागती द्वारा निर्देशित 'सुपरबॉयज ऑफ मालेगांव' एक फोटोग्राफर और शादी के वीडियोग्राफर नासिर शेख और उनके दोस्तों की कहानी है. जिसमें वे शोले और सुपरमैन जैसी बॉलीवुड और हॉलीवुड क्लासिक्स की नकल बनाने की कहानी है. नासिर और उनके दोस्तों के ग्रुप ने मालेगांव (मुंबई से लगभग 300 किलोमीटर दूर) में एक फिल्म इंडस्ट्री बनाई जिसमें फिल्म निर्माण, पेशनेट एक्टर और कॉमेडी का अनोखा तालमेल बैठाया गया है. सुपरमैन स्पूफ को फिल्माते समय हीरो ने ड्रॉस्ट्रिंग के साथ कॉमिक रेड शॉर्ट्स पहने जबकि नासिर एक ऊबड़-खाबड़ सड़क पर तेजी से चल रहे ट्रक के पीछे संतुलन बनाकर ट्रैकिंग शॉट्स फिल्माते हैं. इस देसी टीम ने 2008 में उनके काम पर सुपरमैन ऑफ मालेगांव रिलीज होने के साथ इंटरनेशनल तारीफ भी बटोरी. सलीम (खान)-जावेद (अख्तर) द्वारा लिखित शोले ने नासिर को फिल्म बनाने के लिए प्रेरित किया और दिलचस्प बात ये है कि अख्तर की बेटी और निर्देशक जोया ने फिल्म फेस्टिवल डॉक्यूमेंट्री को देखा.
कैसे बनी 'सुपरबॉयज ऑफ मालेगांव'
जोया ने कहा, 'मुझे डॉक्यूमेंट्री बहुत पसंद आई, लेकिन उनकी डॉक्यूमेंट्री सुपरमैन ऑफ मालेगांव के निर्माण के बारे में है और, दो या तीन साल बाद, नासिर और मैं दिल्ली में ओसियन फिल्म फेस्टिवल में मिले. हम सभी फोयर में थे और मैंने हॉल के उस पार नासिर को देखा. हमारी नजरें मिलीं और हमने एक-दूसरे को पहचान लिया. उन्होंने मुझसे कहा, 'मैं जानता हूं कि तुम कौन हो, मैंने तुम्हारे पिता की सभी फिल्मों की नकल की है'. 'सुपरबॉयज ऑफ मालेगांव' दरअसल नासिर के सुपरमैन बनाने से पहले के 10 सालों की जिंदगी है. यह भारत के एक बहुत छोटे शहर की बहुत बड़ी कहानी है. यह आपको बताती है कि आप कितने जुड़े हुए हैं, खास तौर पर सिनेमा से, इस तरह नासिर की कहानी को फिल्म निर्माता जोया अख्तर, रीमा कागती और फरहान अख्तर ने सुपरबॉयज ऑफ मालेगांव में जीवंत किया है.
कैसी रही सुपरबॉयज की जर्नी
'सुपरबॉयज ऑफ मालेगांव' में नासिर का किरदार 'व्हाईट टाइगर' फेम आदर्श गौरव ने निभाया है. उन्होंने कहा, 'यह मेरे लिए बहुत सम्मान की बात है कि मैं नासिर का किरदार निभा रहा हूं, शूटिंग से पहले नासिर और मैंने मालेगांव में एक साथ बहुत समय बिताया, उन्होंने अपने जीवन के बारे में बहुत सारी कहानियां शेयर कीं. मैं उनके परिवार और दोस्तों से भी मिला, मुझे खुशी है कि मुझे यह फिल्म मिली है'.
फिल्म के राइटर वरुण ग्रोवर ने कहा, 'मुझे मालेगांव में सभी किरदारों के साथ रहने और समय बिताने का सौभाग्य मिला. ऐसा बहुत कम होता है जब ऐसी फिल्में या बायोपिक स्पेस में फिल्में बनाई जाती हैं आप दिग्गज लोगों से मिल सकें. कई बार आप दिग्गजों से मिल और बात नहीं कर पाते. इसके साथ ही मुझे जोया और रीमा के साथ काम करके क्रिएटीव फ्रीडम मिली'.