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सिंगर दिलजीत सिंह दोसांझ जयपुर में, शो से पहले फिर उठा विवाद

सिंगर दिलजीत दोसांझ शो के लिए शुक्रवार जयपुर पहुंचे. 3 नवंबर को एग्जीबिशन एंड कन्वेंशन सेंटर JECC में उनका शो होगा.

विधायक बालमुकुंदाचार्य
दिलजीत दोसांझ के जयपुर में शो पहले फिर विवाद (ETV Bharat Jaipur)

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Nov 2, 2024, 6:44 AM IST

जयपुर : सिंगर दिलजीत दोसांझ शुक्रवार को चार्टर प्लेन से जयपुर पहुंचे. दिलजीत अपनी टीम के साथ 3 दिन निजी होटल में रुकेंगे. पंजाब पुलिस के साथ अपनी निजी सुरक्षा के बीच वह मुंबई से विशेष विमान से जयपुर एयरपोर्ट पहुंचे. दिलजीत जयपुर में एक इवेंट में शिरकत करेंगे. 3 नवंबर को जयपुर में दिलजीत का कॉन्सर्ट होने वाला है. एयरपोर्ट से उन्हें सुरक्षा के बीच होटल रामबाग पैलेस पहुंचाया गया, जहां उनके स्वागत में गुलाब के फूलों की बारिश की गई.

दिलजीत दोसांझ के कॉन्सर्ट के टिकटों की ऑनलाइन बिक्री को लेकर मारामारी दिख रही है. दिलजीत के गुलाबी शहर में होने वाले लाइव परफॉर्म के लिए अधिकतम 45 हजार रुपए तक में ब्लैक में टिकट बिकने की बात सामने आई है, जबकि टिकट की कीमतें 2999 रुपए से 13999 रुपए तक थी. बीते दिनों इस शो से जुड़े आयोजकों के यहां जांच एजेंसियों की ओर से छापेमारी भी हुई थी. ईडी ने शहर में भी दो ठिकानों पर कार्रवाई करते हुए मोबाइल और लैपटॉप जब्त किए थे.

भाजपा विधायक बालमुकुंदाचार्य (ETV Bharat Jaipur)

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शो को लेकर हो रहा है विवाद :दिलजीत दोसांझ के म्यूजिक कॉन्सर्ट को लेकर हवामहल से भाजपा विधायक बालमुकुंदाचार्य ने विरोध जताया है. उन्होंने कहा है कि इस तरह के उटपटांग कार्यक्रम करवाने से समाज को कोई लाभ नहीं मिलने वाला है. बीजेपी विधायक ने इस कॉन्सर्ट का विरोध किया है. उन्होंने कहा कि यह सनातन के खिलाफ है, उन्होंने कहा कि "मैं तो सनातनी हूं. मेरा तो यही मानना है कि भजन सत्संग करवाओ. सत्संग में सदवचन मिलते हैं. ऐसे कार्यक्रम से समाज को कोई लाभ नहीं मिलने वाला है."

बालमुकुंदाचार्य ने कहा कि उन्हें शास्त्रीय संगीत पसंद है, वो गाना भी हो सकता है और भजन भी. किसी को दिलजीत पसंद है, तो किसी को पश्चिम का स्टार पसंद है. हालांकि, उनका मानना है कि जयपुर में रामभद्राचार्य महाराज पधार रहे हैं. उनकी कथा सुनें. जयपुर अपरा काशी है, जहां बड़े-बड़े संत, महात्मा, ऋषि पधारते हैं. अपना सत्संग प्रदान करते हैं, अगर सुनना है तो वो सुनें, नहीं तो गीता का उपदेश सुनिए. भगवान कृष्ण को अपना प्रेरणा आईकॉन स्वरूप मानें और गीता के उपदेश से अपना जीवन का मैनेजमेंट बनाएं. उससे सुखद जीवन मिलेगा, क्योंकि मनुष्य का महत्वपूर्ण जीवन मिला है, वो बार-बार मिलने वाला नहीं है. बाकी कान फाड़ म्यूजिक किसी को पसंद है, तो वो सुनें.

उन्होंने कहा कि उन्हें भारतीय संस्कृति, भारतीय परंपरा से संबंधित ही अच्छा लगता है. पंजाबी भाषा भी अच्छी है और उससे संबंधित लोग भी अच्छे हैं, लेकिन पश्चिमी सभ्यता, पश्चिमी म्यूजिक उन्हें पसंद नहीं है. जिसे पसंद है वो सुन सकता है, उससे कोई आपत्ति नहीं. जिसे जो पसंद है वो करे, लेकिन अपने संस्कार, संस्कृति, परंपरा और भारतीय मूल सभ्यता के अनुरूप अपनी लाइफ को जीए, क्योंकि भारत एकमात्र देश है, जिसे विश्व गुरु का दर्जा प्राप्त है, क्योंकि यहां की संस्कृति, परंपराएं और आध्यात्म अपने आप में संपूर्ण है, जिसे पूरी दुनिया मानती और जानती है. उसके अनुरूप जीने से सुख ही सुख मिलेगा.

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