जयपुर: हमारा फोकस लोगों को एंटरटेन करना होता है, लेकिन हमारा गौरवशाली इतिहास भी आने वाली युवा पीढ़ी को पता चलना चाहिए कि आज हम जिनकी वजह से रह रहे हैं, उसके पीछे किन का त्याग और बलिदान है. ये कहना है बॉलीवुड स्टार विक्की कौशल का. मंगलवार को अपनी फिल्म 'छावा' का प्रमोशन करने जयपुर पहुंचे विक्की कौशल ने बताया कि संभाजी हमारे देश के ग्रेट वॉरियर्स में से एक हैं. उनके जैसा दिखने के लिए उन्होंने वजन बढ़ाया, बॉडी बनाई, दाढ़ी बाल भी बढ़ाए और घुड़सवारी भी सीखी. इस दौरान एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि राजनीति उनके बस की बात नहीं.
विक्की कौशल ने जयपुर के एक होटल में पत्रकारों से रूबरू होते हुए बताया कि फिल्म 'छावा' में काफी कुछ रियल रखा गया है. धूल-मिट्टी, खून-पसीना सब कुछ रियल है. फिल्म में बहुत बड़ी जिम्मेदारी रहती है कि किरदार को फिजिकली निभा पाएं. वजन बढ़ाना, बॉडी बनाना, दाढ़ी-बाल बढ़ाना और घुड़सवारी सीखने की ट्रेनिंग अलग से चल रही थी. इतिहास और समय को समझना बहुत जरूरी होता है. तैयारी करने में 6 से 7 महीने का वक्त लगा. फिर जाकर शूटिंग शुरू हुई.
संभाजी का जीवन-त्याग घर-घर पहुंचना जरूरी: विक्की कौशल ने बताया कि 14 फरवरी को फिल्म 'छावा' रिलीज होने वाली है. सभी अपने परिवार के साथ फिल्म को जरूर देखें. हमारा फोकस लोगों को एंटरटेन करना होता है. हमारा गौरवशाली इतिहास भी लोगों के साथ शेयर कर सके, ताकि आने वाली युवा पीढ़ी को पता चल सके कि आज हम जिनकी वजह से रह रहे हैं. उसके पीछे किन का त्याग और बलिदान रहा है. छत्रपति शिवाजी महाराज के बारे में पूरी दुनिया जानती है, लेकिन उनके बेटे छत्रपति संभाजी महाराज का जीवन और त्याग भी घर-घर में पहुंचना बहुत जरूरी है. फिल्म में यही कोशिश रही है.
योद्धा का किरदार कभी नहीं निभाया: विक्की कौशल ने बताया कि पहली बार डायरेक्टर लक्ष्मण उतेकर ने फिल्म 'छावा' के बारे में बताया था, तो मैं बहुत एक्साइटेड था. मैंने एक योद्धा का किरदार पहले कभी नहीं निभाया था. मैं महाराष्ट्र में पला-बढ़ा हूं. वहां हिस्ट्री बुक में छत्रपति शिवाजी महाराज के बारे में काफी कुछ पढ़ा था. साथ ही छत्रपति संभाजी महाराज के बारे में भी बहुत कुछ था. डायरेक्टर लक्ष्मण और उनकी टीम के साथ में बहुत ही कंफर्ट फील करता हूं.
7 महीने में 25 किलो वजन बढ़ाया: विक्की कौशल ने कहा कि डायरेक्टर ने मुझे छत्रपति संभाजी महाराज का स्केच बताया था. स्केच देखकर मैं डर गया था कि ऐसा मैं कैसे दिख पाऊंगा. छत्रपति संभाजी महाराज शेर लग रहे थे. ऐसा दिखने के लिए मैंने वक्त मांगा. इसके लिए 7 महीने मिले थे. 7 महीने में 25 किलो वजन बढ़ाया, घुड़सवारी और तलवारबाजी सीखी. पूरी तैयारी के बाद फिल्म की शूटिंग शुरू हुई. फिर 7 महीने तक फिल्म की शूटिंग चली थी. कुल मिलाकर इस फिल्म को मैंने 14 महीने दिए हैं. उससे पहले करीब ढाई साल तक फिल्म की रिसर्च चल रही थी. फिल्म की रिसर्च से लेकर शूटिंग होने तक पूरे 4 साल का समय लगा.
डायरेक्टर में मुझे भाई और मेंटोर दिखता है: विक्की कौशल ने कहा कि डायरेक्ट लक्ष्मण के साथ मेरा बहुत कमाल का रिश्ता बन गया है. पहली बार मैंने उनके साथ 2012-13 में काम किया था. तब मुझे कोई फिल्म नहीं मिली थी, तब मैंने एक ऐड फिल्म की थी. जिसे अमित शर्मा ने डायरेक्ट किया था. जिन्होंने पहले 'मैदान' फिल्म बनाई थी. उस एड फिल्म के सिनेमैटोग्राफर लक्ष्मण सर थे. तभी से हम कोशिश कर रहे थे कि कभी साथ में काम करना है. डायरेक्टर लक्ष्मण में मुझे एक भाई और एक मेंटोर दिखता है. चार-पांच साल से हम बहुत क्लाजली काम कर रहे हैं.
विवादित पार्ट को हटाया: फिल्म 'छावा' के एक गाने को लेकर हुए विवाद के सवाल पर विक्की कौशल ने कहा कि ढाई साल की रिसर्च के बाद फिल्म की शूटिंग शुरू की गई थी. जिस गाने की बात की जा रही है, वह गाना फिल्म से नहीं निकला है, बल्कि मराठा कल्चर का एक पारंपरिक खेल होता है. वह 30 सेकंड का पार्ट था. जिसे फिल्म से निकाल दिया गया है. वह फिल्म का ज्यादा अहम हिस्सा नहीं था. हमारी कोशिश थी कि इस फिल्म के जरिए मराठा का पारंपरिक कल्चर आज के यूथ को दिखा पाएं.
उन्होंने कहा कि मराठा कल्चर में एक लेजिम खेल हुआ करता था, उसे नृत्य की तरह नहीं देखकर, खेल की तरह देखा जाता था. हमारी इंटेंशन थी कि कल्चर का एक पहलू भी सामने आ पाए. यह फिल्म शिव प्रेमियों के लिए बनाई गई है. कोई छोटी सी भी चीज होगी, जिससे किसी के मन को ठेस पहुंचे, वह फिल्म से बड़ी नहीं है. हमारे लिए फिल्म में छत्रपति शिवाजी महाराज और छत्रपति संभाजी महाराज की कहानी और उनके बलिदान की कहानी दुनिया भर में पहुंचना जरूरी है. छोटी चीज कोई मायने नहीं रखती, जिन्हें फिल्म से निकाल दिया गया है.
राजनीति मेरे बस की बात नहीं: राजनीति में कदम रखने के सवाल पर विकी कौशल ने हंसकर जवाब देते हुए कहा कि यह मेरे बस की बात नहीं है, यह मुझसे नहीं हो पाएगा. मुझे अभी एक्टर बने 10 साल हुए हैं. अभी थोड़ा काम सीखा है, इसी को पूरी तरह सीखने में बहुत साल लगेंगे. राजनीति मेरे बस की बात ना है और ना कभी हो पाएगी. वह बहुत बड़ी जिम्मेदारी है.
मेरे लिए जयपुर बहुत ही स्पेशल शहर: विक्की कौशल ने कहा कि मेरे लिए जयपुर बहुत ही स्पेशल शहर है. जब मैं पहली बार जयपुर 'जरा हटके जरा बचके' के समय आया था. जब मैं राजमंदिर गया था. उस समय मैंने एक प्रॉमिस किया था कि अगर यह फिल्म हिट हो जाती है, तो मैं अगली फिल्म को भी यही लेकर आऊंगा और प्रमोशन की शुरुआत यहीं से करूंगा. फिल्म 'जरा हटके जरा बचके' हिट हो गई थी. तभी से मैं अपना वादा निभा रहा हूं. अब फिल्म 'छावा' के समय भी जयपुर से ही प्रमोशन की शुरुआत की है.