अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 2024: ये हैं असम की पहली महिला टी प्लांटर
International Women Day 2024 : एन पॉयसर असम की पहली महिला चाय बागान मालिक हैं. उनके पिता अंग्रेज थे, जबकि मां भारतीय थीं. एन ने पुरुषों के वर्चस्व वाले टी-बागान में सफलतापूर्व अपना झंडा लहराया. आज वह किसी परिचय की मोहताज नहीं हैं.
हैदराबाद:असम अपने चाय बगान के लिए फेमस है. चाय के बगान में चाय की पत्तियां चुनती हुए महिलाओं को अक्सर देखा जाता है. लेकिन इस बागान का मालिक अक्सर पुरुष ही होता है. लेकिन एन पॉयसर नाम की एक महिला ने इस फील्ड में अपनी धाक जमा ली. आज उसका नाम पूरी दुनिया में है.
एन पॉयसर, असम की पहली महिला चाय बागान मालिक हैं. वे एंग्लो-इंडियन वंश की थी, उनके पिता लेफ्टिनेंट स्टुअर्ट वर्नोन पॉयसर ब्रिटिश थे, जिनकी मृत्यु 12 फरवरी 1942 को 30 साल की उम्र में हो गई. जबकि मां एक आदिवासी थीं. चाय बागान मालिक और परिवार की पहचान बनाने के लिए उन्होंने गरीबी और भेदभाव जैसे बुराइयों का सामना करना पड़ा.
चाय का बगान (फोटो-आईएएनएस)
कैसे बनीं असम की पहली महिला चाय बगान मालिक मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, एन पॉयसर के चाय बगान का नाम गार्डन पोयसेरबारी टी एस्टेट है, जिसकी शुरुआत लगभग 27 साल पहले हुई थी. रिपोर्ट की मानें तो 1990 में, एन ने डिगबोई से 20 किमी दूर पोयसेरबारी चाय बागान में चाय की खेती शुरू की. यह ऊपरी असम के तिनसुकिया जिले के डिब्रूजन, पेंग्री में है.
'कोई है' के रिपोर्ट के मुताबिक, गार्डन पोयसेरबारी टी एस्टेट ब्रह्मपुत्र नदी की सहायक नदियों में से एक डिब्रू नदी के पास पेंगारी के पास स्थित है. एन पॉयसर ने अकेले ही गार्डन पोयसेरबारी टी एस्टेट देखरेख की. उनके बगीचे के पार एक सुंदर अनारक्षित वन भी है, जिसमें कई सारे जानवर हैं. उनका ये बगान ट्रस्टी द्वारा प्रमाणित है.
चाय का बगान (फोटो-आईएएनएस)
एन की बेटी अनीता पॉयसर और उनके पोते शायन पॉयसर गार्डन पोयसरबारी टी एस्टेट की देखरेख करते हैं. साथ ही एक्जिम के साथ इसे आगे बढ़ा रहे हैं. इसका ऑफिस कोलकता में है. गल्फ एयर और थॉमस कुक जैसी बहुराष्ट्रीय कंपनियां इसके साथ काम मिलकर काम कर रही हैं. एन के पास लगभग 30 साल का अनुभव है. पेंग्री का चाय का बगान सबसे स्वच्छ और सुव्यवस्थित चाय बागानों में से एक है. रिपोर्ट की मानें तो यह सालाना 1.2 लाख किलोग्राम हरी पत्तियां पैदा करता है.
डेविड मिशेल, जो एन के चचेरे भाई है, ने एक किताब लिखी है जिसका नाम है- 'टी, लव एंड वॉर'. इस किताब में बताया कि स्टुअर्ट वेनुने पॉयसर को कैसे एक आदिवासी लकड़ी पर दिल आ गया.