नई दिल्ली : आप जब भी लोन के लिए आवेदन करते हैं, तो बैंक अधिकारी आपका सिबिल स्कोर पूछते हैं. जिस किसी व्यक्ति का सिबिल स्कोर अच्छा रहता है, लोन देने के मामले में बैंक उन्हें प्राथमिकता देता है. उन्हें कम रेट पर लोन मिलने की गुंजाइश रहती है. पसर्नल लोन लेते वक्त CIBIL स्कोर बहुत जरूरी होता है. कई बार क्रेडिट कार्ड का बिल सही समय पर जमा नहीं करने की वजह से CIBIL स्कोर डाउन हो जाता है. ऐसे में लोन लेने में दिक्कत होती है. आज हम आपको इस खबर के माध्यम से बताएंगे कि CIBIL स्कोर को कैसे बेहतर बनाएं.
CIBIL स्कोर पर कई फैक्टर्स नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं. वित्तीय संस्थानों द्वारा पेश किए गए प्रीपेड क्रेडिट कार्ड आपके सिबिल स्कोर में सुधार के लिए एक आसान तरीका पेश करते हैं. ये कार्ड कैशलेस लेनदेन की सुविधा देते हैं और आपको कर्ज से बचने में मदद करते हैं.
क्रेडिट स्कोर क्या है?
क्रेडिट स्कोर किसी व्यक्ति के क्रेडिट इतिहास का 3 अंकों का न्यूमेरिकल समरी है. यह किसी व्यक्ति की साख का सूचक है. क्रेडिट स्कोर आरबीआई-रजिस्टर्ड क्रेडिट ब्यूरो जैसे ट्रांसयूनियन सिबिल, सीआरआईएफ हाई मार्क, इक्विफैक्स और एक्सपीरियन द्वारा जारी किया जाता है. उदाहरण के लिए, किसी व्यक्ति का ट्रांसयूनियन सिबिल क्रेडिट स्कोर 300 से 900 के बीच होता है.
पर्सनल लोन के लिए क्रेडिट स्कोर कैसे मायने रखता है?
लोन दो प्रकार के होते हैं- सुरक्षित और असुरक्षित.
पहला सुरक्षित लोन कोलेटरल या सुरक्षा द्वारा समर्थित होता है. उदाहरण के लिए, होम लोन, वाहन लोन, गोल्ड लोन इत्यादि, सभी सुरक्षित लोन हैं क्योंकि वे कोलेटरल द्वारा समर्थित होते हैं. वहीं, दूसरी तरफ असुरक्षित लोन में कोई कोलेटरल या सुरक्षा नहीं होती है. क्रेडिट कार्ड, पर्सनल लोन आदि असुरक्षित लोन के उदाहरण हैं.
पर्सनल लोन एक असुरक्षित लोन है, इसलिए लोन देने वाला बैंक या एनबीएफसी मुख्य रूप से उधारकर्ता की साख और चुकाने की क्षमता पर निर्भर करता है. यहीं पर क्रेडिट स्कोर तस्वीर में आता है. वित्तीय संस्थान आपके पिछले क्रेडिट व्यवहार को समझने के लिए आपके क्रेडिट स्कोर का यूज करता है. इससे ये तय किया जाता है कि किसी को लोन देना चाहिए है या नहीं.
प्रीपेड क्रेडिट कार्ड क्या है?
प्रीपेड क्रेडिट कार्ड पारंपरिक क्रेडिट कार्ड से अलग होते हैं क्योंकि उपयोगकर्ताओं को उपयोग से पहले कार्ड खाते में पैसे ट्रांसफर करने की आवश्यकता होती है. इससे धन उधार लेने की आवश्यकता समाप्त हो जाती है, और नियंत्रित और लोन-मुक्त खर्च का अनुभव मिलता है. उपयोगकर्ता द्वारा निर्धारित पूर्व निर्धारित खर्च सीमा के साथ, प्रीपेड कार्ड शून्य ओवरड्राफ्ट शुल्क और ब्याज शुल्क के साथ आते हैं