नई दिल्ली: टाटा समूह के स्वामित्व वाली विस्तारा इस वक्त पायलट की कमी के संकट से जूझ रही है. इस वजह से यात्रियों को काफी परेशानी हो रही है. साथ ही उड़ानों में भी व्यवधान आ रहा है. वहीं, परिचालन की चुनौतियों के बीच विस्तारा एयरलाइंस ने अपने उड़ान संचालन में सावधानीपूर्वक योजनाबद्ध कटौती की घोषणा की है. कंपनी ने निर्णय लिया है कि प्रतिदिन लगभग 25-30 उड़ानें कम करनी हैं, जो पिछले स्तरों की तुलना में एयरलाइन की क्षमता का लगभग 10 फीसदी है.
विस्तारा के प्रवक्ता द्वारा घोषित इस कदम का उद्देश्य एयरलाइन के उड़ान संचालन को फरवरी 2024 के अंत के तुलनीय स्तर पर वापस लाना है. इन कटौतियों के साथ विस्तारा अपने रोस्टर प्रबंधन को मजबूत करना चाहता है और अधिक मजबूत और टिकाऊ परिचालन ढांचा सुनिश्चित करना चाहता है. हाल ही में एयर इंडिया के साथ मर्जर के एयरलाइन के फैसले के बाद नए समझौते की शर्तों के विरोध में पायलटों द्वारा सामूहिक छुट्टी लिए जाने के बाद कई उड़ानें रद्द कर दी गईं.
दरअसल, विस्तारा पायलट संकट का सबसे बड़ा कारण है टाटा ग्रुप की दो एयरलाइन एअर इंडिया और विस्तारा का विलय, इससे विस्तारा के पायलटों का सैलरी स्ट्रक्चर बदलेगा और उनकी सैलरी भी कम हो जाएगी, जिसका पायलट विरोध कर रहे हैं. अप्रैल में लागू होने वाले नए अनुबंध की शर्तों के तहत विस्तारा के पायलटों को अब पिछले 70 घंटों के बजाय 40 घंटों के लिए एक निश्चित वेतन दिया जाएगा. यह बदलाव टाटा समूह की एयरलाइनों में अपनाई गई मानकीकृत वेतन संरचना के अनुरूप है.
विस्तारा की इस घोषणा मोटे तौर पर अनुमान है कि इसके चलते हवाई किराए में अचानक वृद्धि होगी, जिससे हवाई यात्रियों की जेब पर असर पड़ने की संभावना है. उद्योग विशेषज्ञों का कहना है कि भारत का विमानन क्षेत्र अच्छी गति से बढ़ रहा है और लेकिन कुछ मुद्दे हैं जिन पर अभी भी ध्यान नहीं दिया गया है.
विशेषज्ञों का कहना है कि देश की अप्रैल-जून की चरम गर्मी अवधि के लिए बुकिंग पिछले साल की तुलना में पहले से ही 30-40 फीसदी अधिक है. हालांकि दरों में संभावित वृद्धि का एक बड़ा कारण आपूर्ति श्रृंखला की कमी से जुड़े मुद्दे हैं. कुछ उड़ानें पहले ही बंद हो चुकी हैं और आने वाले महीनों में और भी उड़ानें बंद होने की संभावना है. यहां यह ध्यान रखना उचित है कि विमानन कंसल्टेंसी फर्म कैपा इंडिया ने नवंबर 2023 में कहा था कि भारतीय वाहक के बेड़े के आकार के लगभग 790 विमानों के लगभग 200 विमानों को आपूर्ति श्रृंखला के मुद्दे के कारण मार्च के अंत तक खड़ा होने की उम्मीद है.