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विस्तारा संकट, विमानों के ग्राउंडिंग से हवाई यात्रियों की जेब पर पड़ेगा असर : विशेषज्ञ - Vistara Crisis

Vistara Crisis : विस्तारा पायलट संकट का सबसे बड़ कारण है टाटा ग्रुप की दो एयरलाइन एअर इंडिया और विस्तारा का विलय, इससे विस्तारा के पायलटों का सैलरी स्ट्रक्चर बदलेगा और उनकी सैलरी भी कम हो जाएगी, जिसका पायलट विरोध कर रहे हैं.

Vistara Crisis
विस्तारा संकट, विमानों के ग्राउंडिंग से हवाई यात्रियों की जेब पर पड़ेगा असर: विशेषज्ञ

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Apr 9, 2024, 7:57 PM IST

नई दिल्ली: टाटा समूह के स्वामित्व वाली विस्तारा इस वक्त पायलट की कमी के संकट से जूझ रही है. इस वजह से यात्रियों को काफी परेशानी हो रही है. साथ ही उड़ानों में भी व्यवधान आ रहा है. वहीं, परिचालन की चुनौतियों के बीच विस्तारा एयरलाइंस ने अपने उड़ान संचालन में सावधानीपूर्वक योजनाबद्ध कटौती की घोषणा की है. कंपनी ने निर्णय लिया है कि प्रतिदिन लगभग 25-30 उड़ानें कम करनी हैं, जो पिछले स्तरों की तुलना में एयरलाइन की क्षमता का लगभग 10 फीसदी है.

विस्तारा के प्रवक्ता द्वारा घोषित इस कदम का उद्देश्य एयरलाइन के उड़ान संचालन को फरवरी 2024 के अंत के तुलनीय स्तर पर वापस लाना है. इन कटौतियों के साथ विस्तारा अपने रोस्टर प्रबंधन को मजबूत करना चाहता है और अधिक मजबूत और टिकाऊ परिचालन ढांचा सुनिश्चित करना चाहता है. हाल ही में एयर इंडिया के साथ मर्जर के एयरलाइन के फैसले के बाद नए समझौते की शर्तों के विरोध में पायलटों द्वारा सामूहिक छुट्टी लिए जाने के बाद कई उड़ानें रद्द कर दी गईं.

दरअसल, विस्तारा पायलट संकट का सबसे बड़ा कारण है टाटा ग्रुप की दो एयरलाइन एअर इंडिया और विस्तारा का विलय, इससे विस्तारा के पायलटों का सैलरी स्ट्रक्चर बदलेगा और उनकी सैलरी भी कम हो जाएगी, जिसका पायलट विरोध कर रहे हैं. अप्रैल में लागू होने वाले नए अनुबंध की शर्तों के तहत विस्तारा के पायलटों को अब पिछले 70 घंटों के बजाय 40 घंटों के लिए एक निश्चित वेतन दिया जाएगा. यह बदलाव टाटा समूह की एयरलाइनों में अपनाई गई मानकीकृत वेतन संरचना के अनुरूप है.

विस्तारा की इस घोषणा मोटे तौर पर अनुमान है कि इसके चलते हवाई किराए में अचानक वृद्धि होगी, जिससे हवाई यात्रियों की जेब पर असर पड़ने की संभावना है. उद्योग विशेषज्ञों का कहना है कि भारत का विमानन क्षेत्र अच्छी गति से बढ़ रहा है और लेकिन कुछ मुद्दे हैं जिन पर अभी भी ध्यान नहीं दिया गया है.

विशेषज्ञों का कहना है कि देश की अप्रैल-जून की चरम गर्मी अवधि के लिए बुकिंग पिछले साल की तुलना में पहले से ही 30-40 फीसदी अधिक है. हालांकि दरों में संभावित वृद्धि का एक बड़ा कारण आपूर्ति श्रृंखला की कमी से जुड़े मुद्दे हैं. कुछ उड़ानें पहले ही बंद हो चुकी हैं और आने वाले महीनों में और भी उड़ानें बंद होने की संभावना है. यहां यह ध्यान रखना उचित है कि विमानन कंसल्टेंसी फर्म कैपा इंडिया ने नवंबर 2023 में कहा था कि भारतीय वाहक के बेड़े के आकार के लगभग 790 विमानों के लगभग 200 विमानों को आपूर्ति श्रृंखला के मुद्दे के कारण मार्च के अंत तक खड़ा होने की उम्मीद है.

संयुक्त अरब अमीरात स्थित विमानन समूह स्काई वन के अध्यक्ष जयदीप मीरचंदानी के अनुसार, भारत में मार्च और अक्टूबर के बीच घरेलू यात्री यातायात में बड़ी वृद्धि देखी जा सकती है, लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि किराया बढ़ने की भी संभावना है.

दरों में संभावित वृद्धि का एक प्रमुख कारण आपूर्ति श्रृंखला के मुद्दे हो सकते हैं. कुछ उड़ानें पहले ही बंद हो चुकी हैं और आने वाले महीनों में और भी उड़ानें बंद होने की संभावना है, उद्योग को इस गर्मी के दौरान संभावित मांग-आपूर्ति असंतुलन की आशंका है. जयदीप मीरचंदानी ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा, मांग और संभावित आपूर्ति श्रृंखला संकट के कारण कीमतों में और बढ़ोतरी हो सकती है.

इसी तरह, ईटीवी से ऑनलाइन बात करते हुए यात्रा के सीनियर वीपी-एयर और होटल बिजनेस भरत मलिक ने कहा कि विस्तारा के उड़ानें 10 फीसदी कम करने के फैसले ने प्रमुख घरेलू मार्गों पर टिकट की कीमतों को प्रभावित किया है. हमने किराए में उल्लेखनीय वृद्धि देखी है, कीमतें आसमान छू रही हैं. दिल्ली-गोवा, दिल्ली-कोच्चि, दिल्ली-जम्मू और दिल्ली-श्रीनगर जैसे प्रमुख मार्गों पर लगभग 20-25 फीसदी की वृद्धि हुई है.

उन्होंने आगे कहा कि वर्तमान में, डीजीसीए के नए दिशानिर्देशों के साथ विस्तारा द्वारा उड़ान संचालन में कमी ने इन उच्च किराए को बढ़ावा दिया है. हालांकि, यह अनुमान है कि आने वाले हफ्तों में इन मुद्दों को हल कर लिया जाएगा, जिससे हवाई किराए में कमी आएगी. हालांकि, ग्रीष्मकालीन यात्रा बुकिंग की मजबूत मांग के कारण, इस अवधि के दौरान किराया अधिक रहने की संभावना है.

इस बीच, एमेक्स जीबीटी की एयर मॉनिटर रिपोर्ट के अनुसार, वैश्विक स्तर पर 2024 में उड़ान किराया ऊंचा रहने की संभावना है. रिपोर्ट में कहा गया है कि एशियाई देशों में टिकट का किराया ऊंचा रहेगा, लेकिन लंबी दूरी की उड़ानों के लिए अधिक प्रतिस्पर्धी मूल्य निर्धारण होगा. यह अनुमान इस धारणा पर आधारित है कि लंबी दूरी की यात्रा के लिए अधिक उड़ानें उपलब्ध होने से, एयरलाइनों के बीच प्रतिस्पर्धा से कीमतें कम हो सकती हैं, जिसके परिणामस्वरूप लंबी दूरी के मार्गों के लिए अधिक किफायती किराया हो सकता है.

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