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टैक्स स्लैब को लेकर वित्त मंत्री का बड़ा ऐलान, 3 लाख तक की सैलरी पर कोई टैक्स नहीं - Union Budget 2024

Union Budget 2024: भारत के मिडिल क्‍लास को केंद्रीय बजट 2024 का बेसब्री से इंतजार था. सभी नौकरीपेशा, प्रोफेशनल, कारोबारी टैक्सपेयर्स उम्मीद कर रहे थे कि सरकार बजट में उन्हें इनकम टैक्स में राहत देगी.

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टैक्स स्लैब को लेकर वित्त मंत्री का बड़ा ऐलान (ETV Bharat Graphics)

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jul 23, 2024, 12:17 PM IST

नई दिल्ली:वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को केंद्रीय बजट 2024 पेश कर दिया है. इस दौरान वित्त मंत्री ने ने आईटी अधिनियम 1961 की व्यापक समीक्षा की घोषणा की है. उन्होंने कहा, "मैं आयकर अधिनियम 1961 की व्यापक समीक्षा की घोषण करती हूं. इससे विवाद और मुकदमेबाजी कम होगी. इसे 6 महीने में पूरा करने का प्रस्ताव है."

वित्त मंत्री ने ने नई कर व्यवस्था के तहत मानक कटौती को बढ़ाकर 75,000 रुपये करने की घोषणा की. नए टैक्स रिजीम में 3 लाख सैलरी पर कोई टैक्स नहीं. ई-कॉमर्स ऑपरेटरों पर टीडीएस की दर 1% से घटाकर 0.1% की गई है.

टैक्स स्लैब को लेकर वित्त मंत्री का बड़ा ऐलान (ETV Bharat Graphics)

निर्मला सीतारमण ने कुछ परिसंपत्तियों के लिए पूंजीगत लाभ पर टैक्स बढ़ाकर 1.5 लाख रुपये करने का प्रस्ताव पेश किया है. 7 से 10 लाख की इनकम पर 10 फीसदी, 10 से 12 लाख की आय पर 15 प्रतिशत और 15 लाख से ज्यादा की आय पर 30 फीसदी टैक्स देना होगा.

वित्त मंत्री ने कहा, "मैं आयकर अधिनियम 1961 की व्यापक समीक्षा की घोषणा करती हूं. इससे विवाद और मुकदमेबाजी कम होगी. इसे 6 महीने में पूरा करने का प्रस्ताव है." वित्त मंत्री ने चैरिटी के लिए दो टैक्स छूट व्यवस्थाओं को एक करने का प्रस्ताव दिया है. साथ ही टैक्स दाखिल करने की डेट तक टीडीएस में देरी को अपराधमुक्त किया जाएगा.

बजट पेश करने से पहले उम्मीद की जा रही थी कि इसमें मध्यम वर्ग लिए मौजूदा 15 लाख रुपये के बजाय 20 लाख रुपये से अधिक की आय और वेतन स्तरों के लिए 30 फीसदी आयकर दर पेश की जा सकती है. इसके अलावा नई आयकर व्यवस्था में कटौती सीमा को मौजूदा 50,000 रुपये से बढ़ाकर 1 लाख रुपये किए जाने की अपेक्षा थी.

बजट में सेविंग, इंवेस्टमेंट, हेल्थ इंश्यूरेंस और बैंक जमा पर ब्याज के लिए धारा 80C, धारा 80D, धारा 80TTA में भी बदलाव की उम्मीद की जा रही थी. इससे पहले कहा जा रहा था कि सरकार 10 साल के बाद इनकम टैक्स सेक्शन 80C में बदलाव कर सकती है. इसे 1.5 लाख से 2 लाख रुपये किया जा सकता है. फिलहाल 1.5 लाख रुपये तक की कटौती के लिए क्लेम किया जा सकता है.

बता दें कि पिछले साल नए टैक्स सिस्टम रिजीम के तहत मूल छूट सीमा को बढ़ाकर 3 लाख रुपये कर दिया गया था. टैक्स एक्सपर्ट्स इसे भी बढ़ाकर 5 लाख रुपये किए जाने की उम्मीद कर रहे थे. वहीं, 7 लाख रुपये की छूट सीमा को भी संशोधित कर 8 लाख रुपये करने की संभावना थी.

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