नई दिल्ली:टाटा समूह की होल्डिंग कंपनी टाटा संस ने बड़ा बदलाव किया है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, टाटा संस ने समूह की सभी कंपनियों के प्रबंधन को ऋण और देनदारियों का स्वतंत्र रूप से प्रबंधन करने का निर्देश दिया है. आधिकारिक सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट में दावा किया गया है कि टाटा समूह की कंपनियां ऋण और देनदारियों के प्रबंधन के लिए नया वित्तीय तरीका अपनाने जा रही हैं, इसलिए वे अब बैंकों को लेटर ऑफ कंफर्ट और क्रॉस-डिफॉल्ट क्लॉज देने के पुराने तरीके का पालन नहीं करेंगी, क्योंकि टाटा संस ने इस परंपरा को बंद कर दिया है.
रिपोर्ट के मुताबिक, टाटा संस ने कथित तौर पर ऋणदाताओं यानी बैंकों को बताया है कि भविष्य में नए व्यवसायों को पूंजी का आवंटन इक्विटी निवेश और आंतरिक स्रोतों के माध्यम से होगा, जिसमें बड़े पैमाने पर समूह की लिस्टेड कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) से लाभांश का योगदान होगा.
वर्तमान में टाटा स्टील, टाटा मोटर्स, टाटा पावर और टाटा कंज्यूमर जैसी पुरानी सूचीबद्ध कंपनियां अपने ऋण को स्वतंत्र रूप से मैनेज कर रही हैं, जबकि टाटा समूह के नए व्यवसाय जैसे टाटा डिजिटल, टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स और एयर इंडिया पूंजी आवंटन के लिए टाटा संस पर निर्भर हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि जब ये कंपनियां भी महत्वपूर्ण स्केल पर पहुंच जाएंगी तो अपनी पूंजी आवश्यकताओं का प्रबंधन स्वयं करेंगी.
इसके अलावा, टाटा संस अपने नए व्यवसायों को और अधिक प्रॉफिटेबल बनाने के लिए कदम उठा रहा है. हाल ही में एनआईटी त्रिची के ग्लोबल एलुमनाई मीट में बोलते हुए टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने कहा कि टाटा संस एयर इंडिया को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शीर्ष श्रेणी की एयरलाइन में बदलने के लिए पूरी तरह से समर्पित है. टाटा समूह ने 2022 में एयर इंडिया का अधिग्रहित किया था.