बेतियाःआत्मनिर्भर बनना है तो इस महिला किसान से सीखिए कि कैसे एक कमरे से लाख रुपए कमा रही हैं. बिहार के बेतिया की रहने वाली सीमा पिछले 10 साल से एक कमरे में मशरूम की खेती कर रही हैं और अपने परिवार की आर्थिक मदद कर रही हैं. बिहार सरकार की ओर से 20 लाख रुपए का लोन भी मिल चुका है.
एक कमरे से लाखों की कमाईः सीमा देवी मूल रूप से पश्चिमी चंपारण जिले के बेतिया नगर बसवरिया की रहने वाली है. बिना खेत खेती कर लाखों की कमाई कर रही है. घर में ही एक कमरे में मशरूम की खेती कर रही है. सीमा बताती हैं कि मार्केट में मशरूम की डिमांड इतनी है कि उसे पूरा नहीं कर पाती है. बताया कि उनको सरकार के द्वारा ऋण भी दिया गया ताकि इसे आगे बढ़ा सके.
"सरकार भी सहयोग कर रही है. इसे और आगे बढ़ना चाहती हूं. एक यूनिट की जगह पर पांच और यूनिट खोलना चाहती हूं ताकि ज्यादा से ज्यादा मशरूम का उत्पादन कर सके. बेतिया में डिमांड के हिसाब से मशरूम नहीं दे पाती. इसके लिए मैं और यूनिट बढ़ाऊंगी ताकि मशरूम की खपत ज्यादा हो और ज्यादा से ज्यादा आमदनी हो सके." -सीमा देवी
मशरूम से दोगुना कमाईःसीमा बताती हैं कि मशरूम से दोगुना कमाई होती है. मशरूम तैयार करने के बारे में बताया कि इसके लिए कंपोस्ट तैयार किया जाता है. भूसा को गलाकर उसमें यूरिया सहित कई खाद मिलाया जाता है. कंपोस्ट तैयार होने के बाद मशरूम का बीज डाल दिया जाता है. 35 दिनों के बाद मशरूम निकलना शुरू हो जाता है. करीब ढाई से तीन महीने में मशरूम तैयार हो जाता है.
एक पैकेट से दो किलो मशरूमः जिस कंपोस्ट में मशरूम निकलता है, वह 72 दिनों तक ही काम करता है. उसके बाद फिर उस कंपोस्ट को बदल दिया जाता और फिर से दूसरे कंपोस्ट में मशरूम का बीज डाला जाता है. सीमा देवी ने बताया कि एक कंपोस्ट का पैकेट 10 किलो का होता है. एक पैकेट से 2 किलो मशरूम तैयार होता है.
150 से 200 रुपए प्रति किलो बिक्रीः रूम की कैपीसिटी 40/17 होती है. कमरे में 5.0 टन की एसी लगाई गई है. इसका टेंपरेचर 16 डिग्री होता है. एक पैकेट मशरूम तैयार करने में करीब 150 रुपए की लागत आती है. इसमें दो किलो मशरूम तैयार होता है और यह मशरूम बाजार में 300 रुपये का बेचा जाता है. ऐसे में मशरूम की खेती करने से आमदनी दोगुनी होती है.