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बिना रिस्क वाली स्कीम, बस करें ये काम और सीनियर सिटीजन पाएं 12 लाख से ज्यादा ब्याज

वरिष्ठ नागरिकों के रिटायरमेंट फंड के लिए पोस्ट ऑफिस का सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम (SCSS) एक बेहतर विकल्प हो सकता है.

Post Office Special Scheme
पोस्ट ऑफिस सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम (Getty Image)

By ETV Bharat Hindi Team

Published : 4 hours ago

नई दिल्ली:वरिष्ठ नागरिकों के पास रिटायरमेंट फंड के तौर पर जीवन भर की बचत होती है. वरिष्ठ इसके साथ कोई जोखिम नहीं उठाना चाहते. यही वजह है कि वे अपनी मेहनत की कमाई को ऐसी जगह निवेश करना चाहते हैं, जहां उनका पैसा सुरक्षित रहे और उन्हें इस पर गारंटीड ब्याज भी मिले. यही वजह है कि ज्यादातर वरिष्ठ नागरिक बैंक एफडी में निवेश करना पसंद करते हैं.

लेकिन अगर आप बैंक एफडी की जगह सिर्फ 5 साल के लिए अपनी बचत पोस्ट ऑफिस सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम (SCSS) में जमा करते हैं, तो आपका पैसा 100 फीसदी सुरक्षित रहेगा और आप इस पर बेहतर ब्याज दरों का लाभ भी उठा पाएंगे. फिलहाल सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम 8.2 फीसदी की दर से ब्याज दे रही है.

SCSS से आप अधिकतम कितना जमा कर सकते हैं?

  • SCSS में कोई भी वरिष्ठ नागरिक 30,00,000 रुपये तक निवेश कर सकता है, जबकि न्यूनतम निवेश सीमा 1000 रुपये है.
  • इस स्कीम में जमा की गई रकम पर तिमाही आधार पर ब्याज मिलता है.
  • यह स्कीम 5 साल बाद मैच्योर होती है.
  • कोई भी व्यक्ति जिसकी उम्र 60 साल या उससे अधिक है, इस योजना में निवेश कर सकता है.

वहीं, वीआरएस लेने वाले सिविल सेक्टर के सरकारी कर्मचारियों और डिफेंस से रिटायर होने वाले लोगों को कुछ शर्तों के साथ आयु सीमा में छूट दी जाती है.

सिर्फ ब्याज से कमा सकते हैं 12,30,000 रुपये
आप चाहें तो सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम से सिर्फ ब्याज के जरिए 12,30,000 रुपये तक कमा सकते हैं. लेकिन इसके लिए आपको SCSS अकाउंट में 30,00,000 रुपये जमा करने होंगे. अगर आप इस स्कीम में 30,00,000 रुपये जमा करते हैं तो 5 साल में आपको इस पर 8.2 फीसदी की दर से ब्याज मिलेगा. SCSS कैलकुलेटर के मुताबिक यह ब्याज 12,30,000 रुपये होगा. यानी 5 साल बाद आपको 42,30,000 रुपये की मैच्योरिटी राशि मिलेगी.

अगर आप 5 साल बाद भी इस योजना का लाभ जारी रखना चाहते हैं तो जमा राशि परिपक्व होने के बाद आप खाते की अवधि को तीन साल के लिए बढ़ा सकते हैं. इसे मैच्योरिटी के 1 साल के भीतर बढ़ाया जा सकता है.

  • SCSS धारा 80C के तहत कर छूट का देता है.

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