नई दिल्ली: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने डिजिटली जीवन प्रमाण पत्र जमा करने के लिए EPS पेंशनभोगियों द्वारा चेहरे की पहचान (Facial Recognition) टेक्नोलॉजी का उपयोग को प्रभावी ढंग से लागू किया है. बता दें, EPFO 78 लाख से अधिक पेंशनभोगियों को सेवा प्रदान करता है. कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, फेशियल ऑथेंटिकेशन टेक्नोलॉजी-आधारित डिजिटली जीवन प्रमाण पत्र जमा करने वाले ईपीएस पेंशनभोगियों की संख्या 2022-23 में 2.1 लाख से तीन गुना बढ़कर 2023-24 में 6.6 लाख हो गई है, जो इस टेक्नोलॉजी की सफलता को दर्शाता है.
यह टेक्नोलॉजी पेंशनभोगियों को उनके घर बैठे ही चेहरे के स्कैन द्वारा पहचान करने की अनुमति देती है, ताकि डिजिटली जीवन प्रमाण पत्र (डीएलसी) जमा करने की प्रक्रिया पूरी हो सके, इसके लिए उन्हें बैंक या डाकघर जाने की आवश्यकता नहीं होती. यूआईडीएआई के फेस रिकॉग्निशन एप्लिकेशन का उपयोग करके यूआईडीएआई के आधार डेटाबेस के खिलाफ प्रमाणीकरण किया जाता है. ईपीएफओ ने कहा कि 2023-24 में 6.6 लाख फेशियल स्कैन-आधारित डीएलसी वर्ष के दौरान प्राप्त कुल डीएलसी का लगभग 10 प्रतिशत है. पिछले वित्तीय वर्ष के दौरान पेंशनभोगियों से कुल मिलाकर लगभग 60 लाख डीएलसी प्राप्त हुए थे.