नाबालिग भी SIP के जरिए म्यूचुअल फंड में कर सकते हैं निवेश, जानें प्रोसेस - Mutual Funds
Mutual Funds SIP- हर पेरेंट्स अपने बच्चों का फ्यूचर अच्छा बनाना चाहते है. ऐसे में भविष्य को सुरक्षित करने के लिए म्यूचुअल फंड में निवेश करना सबसे सही रहेगा. अगर आपका बच्चा 18 साल से कम उम्र का है और आप उसके नाम से म्यूचुअल फंड में निवेश करना चाहते है तो जानें प्रोसेस को. पढ़ें पूरी खबर...
नई दिल्ली:हर माता-पिता अपने बच्चे का भविष्य सुरक्षित करने के लिए उनके नाम पर कुछ निवेश करना चाहते हैं. निवेश उनकी शादी, पढ़ाई, हेल्थ या किसी अन्य उद्देश्य के लिए हो सकता है. जैसा कि हम जानते है, 18 वर्ष से कम उम्र का नाबालिग अपने फाइनेंशियल डिसीजन खुद से नहीं ले सकता. इसलिए उनके माता-पिता नाबालिग के नाम पर म्यूचुअल फंड में निवेश कर सकते हैं.
म्यूचुअल फंड एसआईपी (फाइल फोटो)
जानते है कैसे नाबालिग के नाम पर म्यूचुअल फंड में निवेश कैसे करें? किसी नाबालिग के नाम पर अकाउंट खोलने के लिए, आपको एएमएफआई (एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया) की आवश्यकता के अनुसार कुछ डॉक्यूमेंट की आवश्यकता होती है. इन डॉक्यूमेंट में नाबालिग का टीसी या मार्कशीट, जन्म प्रमाणपत्र और संबंध डॉक्यूमेंट शामिल होते हैं.
म्यूचुअल फंड एसआईपी (फाइल फोटो)
पेरेंट्स को पैन, बैंक खाते की जानकारी और पूर्ण केवाईसी डेटा जैसे डॉक्यूमेंट भी जमा करने होंगे. नाबालिग के पास निवेश का विशेष स्वामित्व रहेगा, लेकिन पेरेंट्स उनके बैंक खाते से सभी पेमेंट करेंगे. इस बीच, नाबालिग का खाता ज्वाइंट नहीं होगा, और किसी भी नामांकित व्यक्ति को उस खाते में नहीं जोड़ा जा सकता है.
बता दें कि नाबालिग भी भारतीय शेयरों में निवेश कर सकते हैं. लेकिन फिर भी, उनके पेरेंट्स उनके डीमैट खाते और बैंक खाते संचालित करेंगे. हालांकि, कोई नाबालिग इक्विटी इंट्राडे, इक्विटी डेरिवेटिव ट्रेडिंग, या मुद्रा डेरिवेटिव ट्रेडिंग सेगमेंट में बिजनेस नहीं कर सकता है. वे केवल इक्विटी डिलीवरी ट्रेडों में निवेश कर सकते हैं.
म्यूचुअल फंड एसआईपी (फाइल फोटो)
जब आपका बच्चा 18 साल का हो जाएगा तो क्या होगा? जब तक बच्चा 18 वर्ष का नहीं हो जाता, केवल माता-पिता ही नाबालिग के खाते का संचालन कर सकते हैं. एक बार जब नाबालिग 18 वर्ष का हो जाए, तो उसे माइनर-टू-मेजर (एमएएम) फॉर्म भरना होगा और इसे अन्य आवश्यकताओं के साथ जमा करना होगा. नाबालिग का पैन और केवाईसी विवरण भी जमा करना आवश्यक है. खाताधारक को डिविडेंड पेमेंट प्राप्त होता रहेगा. जब तक यह प्रक्रिया पूरी नहीं हो जाती तब तक आप कोई भी पैसे का लेन-देन नहीं कर सकते. हालांकि, भुगतान यूनिटधारक के बैंक खाते में जमा किया जाएगा या पोर्टफोलियो में पुनर्निवेश किया जाएगा, जैसा लागू हो.