नई दिल्ली : मोदी सरकार ईपीएफओ को लेकर बड़ा निर्णय लेने जा रही है. यह दावाफाइनेंशल एक्सप्रेसने किया है. इसके अनुसार सरकार वेतन सीमा 15 हजार रु. से बढ़ाकर 21 हजार रुपये करने की तैयारी कर रही है. ऐसा होता है तो आप एक करोड़ रुपये के पीएफ फंड के साथ आप रिटायर होंगे. ऐसा किस तरह होगा, इसे आसान कैलकुलेशन से समझिए.
मान लीजिए किसी भी कर्मचारी की मासिक आय 15000 रु या फिर उससे कम है, तो कर्मचारी और नियोक्ता, दोनों को वेतन का 12 फीसदी योगदान देना पड़ता है. लेकिन नियोक्ता द्वारा किए गए योगदान को दो भागों में बांटा जाता है. यानी 8.33 फीसदी कर्मचारी पेंशन (ईपीएस) और 3.67 फीसदी भविष्य निधि में जाता है.
अगर मंथली इनकम 15 हजार रु. है तो ...
इसलिए अगर मान लें कि किसी भी कर्मचारी का वेतन 15 हजार रु. प्रति माह है, तो उसका भविष्य निधि योगदान 1800 रु. होगा, जबकि नियोक्ता का योगदान भविष्य निधि में 550.50 रु. होगा और ईपीएस में योगदान 1249.50 रु. होगा.
अगर मान लें कि आपने 23 साल की अवस्था में 15 हजार रु. की नौकरी की शुरुआत की और लगातार 35 साल तक ईपीएफओ में योगदान करते रहे, तो रिटायरमेंट के समय आपके पसा कुल 71.55 लाख रुपये मिलेंगे. इतने रु. तब मिलेंगे जब ब्याज की दर 8.25 प्रतिशत हो.
नई परिस्थिति में क्या होगा, यानी जब सरकार लिमिट बढ़ा देती है