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शेयर बाजार में आज अब तक की सबसे बड़ी गिरावट, जानें इससे पहले कब-कब सेंसेक्स ने लगाया गोता - Stock Market Crashes

Stock Market Crashes- मार्च 2020 के बाद आज शेयर बाजार में सबसे खराब गिरावट देखी गई. इससे पहले भी शेयर बाजार कई बार क्रैश हुआ है. इसके वजह से निवेशकों को नुकसान उठाना पड़ता है. आइए इस खबर के माध्यम से जानते है इससे पहले शेयर बाजार में ऐसी तबाही कब-कब मची है. पढ़ें पूरी खबर...

Stock Market Crashes
(प्रतीकात्मक फोटो) (ETV Bharat)

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jun 4, 2024, 2:53 PM IST

Updated : Jun 4, 2024, 3:42 PM IST

मुंबई:मंगलवार के सत्र में घरेलू बेंचमार्क सूचकांकों में गिरावट देखी गई. उच्च स्तरों पर मुनाफावसूली ने भी आज दलाल स्ट्रीट पर बिकवाली को बढ़ावा दिया. इस से पहले भी शेयर बाजार में ऐसी तबाही मची है. शेयर बाजार एक अस्थिर जगह है. इसलिए, कई बार ऐसा हुआ है जब बाजार में गिरावट आई है और निवेशकों को कुछ ही समय में नुकसान उठाना पड़ा है. क्रैश को आमतौर पर सूचकांकों में तेज दोहरे अंकों की गिरावट के रूप में जाना जाता है. क्रैश रके बाद बाजार कुछ समय के बाद ठीक हो जाते हैं. लेकिन कभी-कभी, क्रैश का असर सालों तक रहता है.

आज हम इतिहास के पन्नों को पलटेंगे और भारत में हुए शेयर बाजार क्रैश पर एक नजर डालेंगे.

  1. 2024- सूचकांक में मार्च 2020 के बाद से सबसे खराब गिरावट देखी गई, और सोमवार के सभी लाभ गायब हो गए, क्योंकि एग्जिट पोल ने अनुमान लगाया कि भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन को निचले सदन में दो-तिहाई बहुमत मिलने की संभावना है.
  2. 2020- कोविड-19 के प्रकोप के दौरान दुनिया भर में महामारी और लॉकडाउन की स्थिति पैदा हो गई, जिससे वैश्विक और भारतीय बाजारों में भारी गिरावट आई. जिस दिन से विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने वायरस को महामारी घोषित किया था, उसके एक सप्ताह के भीतर सेंसेक्स 42,273 अंक से गिरकर 28,288 अंक पर आ गया था.
  3. 2016-2015-16 दुनिया भर के शेयर बाजारों के लिए एक कठिन अवधि थी. भारत में, सेंसेक्स में गिरावट जारी रही. फरवरी 2016 तक यह केवल ग्यारह महीनों में लगभग 26 फीसदी गिर गया था. इसका मुख्य कारण भारतीय बैंकों का बहुत अधिक एनपीए होना और सामान्य वैश्विक कमजोरी थी. नवंबर 2016 में, सरकार द्वारा विमुद्रीकरण अभियान के माध्यम से काले धन पर नकेल कसने के बाद लोगों ने बेतहाशा बिकवाली की, जिसके कारण सेंसेक्स में 6 फीसदी की गिरावट आई. यह अन्य एशियाई बाजारों में भी गिरावट के साथ-साथ था.
  4. 2015- 24 अगस्त 2015 को सेंसेक्स 1624 अंक गिर गया था. इसका कारण चीनी अर्थव्यवस्था में संभावित मंदी की आशंका थी. यह चीनी युआन के अवमूल्यन के कारण हुआ था, जो कि गिरावट से कुछ सप्ताह पहले हुआ था, जिसके कारण अन्य मुद्राओं की दरों में गिरावट आई और शेयरों की बिक्री अधिक हुई. इस वक्त बाजार 2008 में आई बड़ी गिरावट से उबर रहे थे.
  5. 2008-2008 के वित्तीय संकट ने बिजनेस, अर्थव्यवस्थाओं और शेयर बाजारों पर प्रतिकूल प्रभाव डाला था. 21 जनवरी, 2008 को सेंसेक्स में लगभग 1408 अंकों की गिरावट आई, जिससे निवेशकों की संपत्ति कम हो गई. इस दिन को ब्लैक मंडे के नाम से जाना जाता है.
  6. 1992-1992 में, हर्षद मेहता घोटाले के कारण शेयर बाजार में भारी गिरावट आई और एक साल की अवधि में सेंसेक्स में 50 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई. हर्षद मेहता को भारतीय शेयर बाजारों का बिग बुल कहा जाता था.

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Last Updated : Jun 4, 2024, 3:42 PM IST

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