वाशिंगटन :आईएमएफ के एशिया और प्रशांत (एपीएसी) विभाग के निदेशक कृष्ण श्रीनिवासन ने भारत की अर्थव्यवस्था को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने न्यूज एजेंसी से एक इंटरव्यू के दौरान यह बयान दिया. श्रीनिवासन ने कहा कि भारत और चीन दोनों देशों की अर्थव्यवस्था में समानता है, लेकिन इसके बावजूद भारत ने चीन को पछाड़ दिया है. उन्होंने कहा कि भारत का इस तरह का प्रदर्शन कोई आश्चर्यजनक नहीं है. श्रीनिवासन ने एएनआई से बात करते हुए कहा कि चीन भारत से चार गुना से भी ज्यादा बड़ा है और इस लिहाज से अगर भारत आज चीन की तुलना में तेजी से बढ़ रहा है, तो इसमें आश्चर्य नहीं होना चाहिए.
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के कृष्णा श्रीनिवासन ने भारत के आर्थिक प्रदर्शन की सराहना करते हुए वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए 6.8 फीसदी की अनुमानित विकास दर को बहुत प्रभावशाली बताया है. ये टिप्पणियां 20 अप्रैल को एएनआई के साथ भारत के आर्थिक दृष्टिकोण पर चर्चा के दौरान की गईं. कोविड-19 महामारी, रूस-यूक्रेन युद्ध और खाड़ी क्षेत्र में हालिया तनाव सहित कई झटकों से निपटने की भारत की क्षमता पर बोलते हुए, श्रीनिवासन ने देश के लचीलेपन की प्रशंसा की. एएनआई के हवाले से उन्होंने कहा कि भारत ने हाल के दिनों में देखे गए कई झटकों को सफलतापूर्वक झेला है.
श्रीनिवासन ने भारत की प्रभावशाली वृद्धि का श्रेय मजबूत निजी खपत और सार्वजनिक निवेश को देते हुए कहा कि मुझे निकट भविष्य में कोई खतरे की घंटी नहीं दिख रही है. हालांकि, उन्होंने भारत की बढ़ती श्रम शक्ति की क्षमता का पूरी तरह से उपयोग करने के लिए, विशेष रूप से शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा में महत्वपूर्ण सुधारों की आवश्यकता पर बल दिया.
श्रीनिवासन ने बताया कि भारत में युवा, बढ़ती आबादी है. हर साल श्रम बल में लगभग 15 मिलियन लोगों के जुड़ने की उम्मीद है. इस जनसांख्यिकीय लाभ का लाभ उठाने के लिए, शिक्षा और स्वास्थ्य देखभाल में पर्याप्त निवेश महत्वपूर्ण है ताकि बढ़ती श्रम शक्ति अर्थव्यवस्था में प्रभावी ढंग से योगदान दे सके.
लगभग 6.5 फीसदी की विकास दर के साथ भारत की मध्यम अवधि की संभावनाओं के बारे में आशावाद व्यक्त करते हुए, श्रीनिवासन ने सुधारों के महत्व पर जोर दिया. एएनआई के हवाले से कहा गया है कि अगर व्यापक सुधारों को लगन से लागू किया जाता है, तो भारत अगले कई वर्षों में 6.5 फीसदी या उससे अधिक की विकास दर हासिल कर सकता है.