मुंबई :दिवाली का त्यौहार नजदीक है और शेयर बाजार में स्पेशल मुहूर्त ट्रेडिंग 1 नवंबर को होगा. इस बीच बाजार एक्सपर्ट भी इस मौके पर दांव लगा रहे हैं. पिछले सप्ताह शेयर बाजार में लगातर गिरावट देखने को मिली. लेकिन इस सप्ताह बाजार पूरी तरह से रिकवरी मोड में दिख रहा है. बता दें कि पिछले महीने निफ्टी में करीब 6 फीसदी की गिरावट आई है और सेंसेक्स में 4,800 से अधिक अंक की गिरावट आई है. यह अक्टूबर निवेशकों के लिए विशेष रूप से कठिन रहा है. कोविड के बाद से यह सबसे खराब महीना रहा है और एक दशक में दिवाली से पहले की सबसे निराशाजनक अवधि रही है.
ET की रिपोर्ट के अनुसार, 2014 से अब तक दिवाली से पहले के महीने में निफ्टी ने सिर्फ चार बार नकारात्मक रिटर्न देखा है. इसमें औसत रिटर्न 0.84 फीसदी रहा है. निफ्टी के लिए दिवाली से पहले का सबसे बुरा दौर 2015 में था, जब इसमें 4.45 फीसदी की गिरावट आई थी. पिछले साल इंडेक्स में 1.36 फीसदी की गिरावट आई थी और इस साल ऐसा लग रहा है कि यह 2015 के रिकॉर्ड को पार करने की राह पर है. लेकिन आज के बाजार को देखकर ऐसा लगता है कि दिवाली के दिन बाजार निवेशकों के लिए अच्छा साबित हो सकता है.
दिवाली के मौके पर निवेशकों के लिए बाजार में पैसा लगाना सही रहेगा या नहीं? इस पर निवेश मंथन पत्रिका के संपादक राजीव रंजन झा ने बताया है.
निवेश मंथन पत्रिका के संपादक राजीव रंजन झा का कहना है कि भारतीय शेयर बाजार हाल के दिनों में लगातार तेजी के चलते महंगा हो गया था, जहां निवेशकों को उचित भावों पर खरीदारी के अवसर नहीं मिल पा रहे थे. हालांकि बाजार में लोग इन महंगे मूल्यांकनों को इस आधार पर उचित ठहरा रहे थे कि भारतीय कंपनियों की कमाई (अर्निंग) तेजी से बढ़ रही है. लेकिन इस बार जुलाई-सितंबर 2024 या कहें कि 2024-25 वित्त-वर्ष की दूसरी तिमाही में कंपनियों के कारोबारी नतीजे आम तौर पर बाजार के अनुमानों से थोड़े कमजोर रहे हैं. इसके चलते बाजार में एक रियलिटी चेक या वास्तविकता के धरातल पर उतरने का भाव बना है.