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क्या इस दिवाली शेयर बाजार में आतिशबाजी होगी? क्या कहते हैं एक्सपर्ट, जानें

दिवाली का त्योहार शरू हो चुका है. ऐसे में निवेशकों के मन में कई सवाल उठ रहे होंगे कि कहां और कैसे करें निवेश ?

STOCK MARKET ON DIWALI
प्रतीकात्मक फोटो (Getty Image)

By ETV Bharat Hindi Team

Published : 5 hours ago

मुंबई :दिवाली का त्यौहार नजदीक है और शेयर बाजार में स्पेशल मुहूर्त ट्रेडिंग 1 नवंबर को होगा. इस बीच बाजार एक्सपर्ट भी इस मौके पर दांव लगा रहे हैं. पिछले सप्ताह शेयर बाजार में लगातर गिरावट देखने को मिली. लेकिन इस सप्ताह बाजार पूरी तरह से रिकवरी मोड में दिख रहा है. बता दें कि पिछले महीने निफ्टी में करीब 6 फीसदी की गिरावट आई है और सेंसेक्स में 4,800 से अधिक अंक की गिरावट आई है. यह अक्टूबर निवेशकों के लिए विशेष रूप से कठिन रहा है. कोविड के बाद से यह सबसे खराब महीना रहा है और एक दशक में दिवाली से पहले की सबसे निराशाजनक अवधि रही है.

ET की रिपोर्ट के अनुसार, 2014 से अब तक दिवाली से पहले के महीने में निफ्टी ने सिर्फ चार बार नकारात्मक रिटर्न देखा है. इसमें औसत रिटर्न 0.84 फीसदी ​​रहा है. निफ्टी के लिए दिवाली से पहले का सबसे बुरा दौर 2015 में था, जब इसमें 4.45 फीसदी की गिरावट आई थी. पिछले साल इंडेक्स में 1.36 फीसदी की गिरावट आई थी और इस साल ऐसा लग रहा है कि यह 2015 के रिकॉर्ड को पार करने की राह पर है. लेकिन आज के बाजार को देखकर ऐसा लगता है कि दिवाली के दिन बाजार निवेशकों के लिए अच्छा साबित हो सकता है.

दिवाली के मौके पर निवेशकों के लिए बाजार में पैसा लगाना सही रहेगा या नहीं? इस पर निवेश मंथन पत्रिका के संपादक राजीव रंजन झा ने बताया है.

निवेश मंथन पत्रिका के संपादक राजीव रंजन झा का कहना है कि भारतीय शेयर बाजार हाल के दिनों में लगातार तेजी के चलते महंगा हो गया था, जहां निवेशकों को उचित भावों पर खरीदारी के अवसर नहीं मिल पा रहे थे. हालांकि बाजार में लोग इन महंगे मूल्यांकनों को इस आधार पर उचित ठहरा रहे थे कि भारतीय कंपनियों की कमाई (अर्निंग) तेजी से बढ़ रही है. लेकिन इस बार जुलाई-सितंबर 2024 या कहें कि 2024-25 वित्त-वर्ष की दूसरी तिमाही में कंपनियों के कारोबारी नतीजे आम तौर पर बाजार के अनुमानों से थोड़े कमजोर रहे हैं. इसके चलते बाजार में एक रियलिटी चेक या वास्तविकता के धरातल पर उतरने का भाव बना है.

राजीव रंजन झा बताते हैं कि हाल में 18 सितंबर को अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व की ओर से ब्याज दरों में हुई कटौती के बाद विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने भारतीय बाजार में भी बड़े स्तर पर खरीदारी शुरू की थी. इसके चलते सितंबर महीने में उनकी ओर से एक बड़ी खरीदारी के बीच 26 सितंबर को भारतीय बाजार के दो बड़े सूचकांकों - सेंसेक्स और निफ्टी ने अपने नये रिकॉर्ड स्तर बनाये.

सेंसेक्स लगभग 86,000 तक चला गया, जबकि निफ्टी ने 26,277 का उच्चतम स्तर छुआ पर अक्टूबर महीने में एफआईआई वापस बिकवाली की ओर मुड़ गये, जो काफी बड़े स्तर की दिख रही है. इन सबके चलते निफ्टी अपने उच्चतम स्तर से 2,000 अंक से भी अधिक की गिरावट देख चुका है.

दिवाली पर निवेशकों के लिए सलाह
राजीव कहते हैं कि यह गिरावट दीपावली के समय निवेशकों के लिए एक अच्छा अवसर उपलब्ध करा रही है. न केवल मिडकैप और स्मॉलकैप, बल्कि दिग्गज (लार्जकैप) शेयरों में भी काफी संख्या में ऐसे नाम मिल रहे हैं, जो अपने ऊपरी स्तरों से ठीक-ठाक नीचे आ चुके हैं. हालांकि ऊपर से कितनी गिरावट आयी है, यह किसी शेयर को खरीदने का उचित पैमाना नहीं होता है. पर इस गिरावट ने काफी शेयरों से महँगे मूल्यांकन की चिंता दूर या कम कर दी है. ऐसे में अगर निवेशक बुनियादी पहलुओं से खूब देख-समझ कर अगर अच्छे शेयरों को यहां चुनेंगे तो आने वाले वर्षों में उनका यह निवेश काफी शुभ साबित हो सकता है.

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