नई दिल्ली:भारतीय बाजारों में कस्टम ड्यूटी घटने के बाद सोने की कीमतों में जोरदार गिरावट दर्ज की जा रही है. कस्टम ड्यूटी घटाने के बाद से लगभग 4 हजार रुपये तक की गिरावट आई है. बता दें कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2024 के दौरान सोने पर सीमा शुल्क में कमी की घोषणा की. जिसके बाद से ही ग्राहक सोने की कम कीमतों का लाभ उठाने के लिए आभूषण की दुकानों की ओर दौड़ पड़े हैं. चाहे आप सोने के उद्योग में काम करते हों या सिर्फ सोने पर आयात शुल्क के बारे में जानने में रुचि रखते हैं तो ये खबर आपके लिए है.
वित्तीय विशेषज्ञ विनय कुमार सिन्हा ने बताया कि अभी भौतिक सोने के बजाय सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड जैसे इलेक्ट्रॉनिक रूप में खरीदना बेहतर है.
कस्टम ड्यूटी में कटौती का असर
ड्यूटी में कटौती के बाद से, दुनिया के दूसरे सबसे बड़े सोने के बाजार भारत में ग्राहक कम रेट पर सोना खरीदने के लिए आभूषण की दुकानों पर उमड़ पड़े हैं. कई लोग भारी आभूषणों का चयन कर रहे हैं, जो पहले सोने की कीमतों के 74,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंचने पर उनकी पहुंच से बाहर थे. इस घोषणा के बाद मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) पर सोने की कीमतें 72,838 रुपये से गिरकर 68,500 रुपये प्रति 10 ग्राम पर आ गईं, जो 4,000 रुपये की गिरावट को दिखाता है
आभूषण विक्रेताओं ने दैनिक मांग में वृद्धि की सूचना दी है. कुछ ने ड्यूटी में कटौती के बाद से 20 फीसदी तक की वृद्धि का अनुभव किया है. इस बढ़ी हुई मांग को पूरा करने के लिए, आभूषण विक्रेताओं ने अपने कारीगरों की छुट्टियां रद्द कर दी हैं. यह अनुमान लगाते हुए कि त्योहारी सीजन में उच्च मांग जारी रहेगी. भारत आभूषणों और बार के लिए यूज किए जाने वाले लगभग सभी सोने का आयात करता है.
सोने की कीमत 3 सप्ताह के निचले स्तर पर पहुंची
भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा घोषित 2024-25 के केंद्रीय बजट में सोने और चांदी के कराधान में महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं. सबसे उल्लेखनीय बदलाव आयात शुल्क में भारी कमी थी, जिसका तुरंत असर सोने के बाजार पर पड़ा. इन कीमती धातुओं पर आयात शुल्क 15 फीसदी से घटाकर 6 फीसदी कर दिया गया. इस महत्वपूर्ण कमी का उद्देश्य अवैध आयात पर अंकुश लगाना और उपभोक्ताओं के लिए सोना और चांदी को अधिक किफायती बनाना है.
पिछला आयात शुल्क- 15 फीसदी
संशोधित आयात शुल्क- 6 फीसदी
सोने की क्यों होती है मांग?
सोना दुनिया भर में सबसे अधिक मांग वाली वस्तुओं में से एक है. खासकर भारत में, जहां इसे धन, समृद्धि और शुभता का प्रतीक माना जाता है. सोना ऐतिहासिक रूप से एक सुरक्षित-संपत्ति रहा है, जो आर्थिक अनिश्चितता के दौरान स्थिरता देता है.