केन्द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज संसद में केन्द्रीय बजट 2025-26 पेश किया. बजट की मुख्य बातें इस प्रकार हैं.
बजट अनुमान 2025-26:
- उधारियों के अलावा कुल प्राप्तियां और कुल व्यय क्रमश: 34.96 लाख करोड़ रुपये तथा 50.65 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है.
- निवल कर प्राप्तियां `28.37 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है.
- राजकोषीय घाटा जीडीपी का 4.4 प्रतिशत रहने का अनुमान है.
- सकल बाजार उधारियां 14.82 लाख करोड़ रहने का अनुमान है.
- वित्त वर्ष 2025-26 में कैपेक्स व्यय 11.21 लाख करोड़ रुपये (जीडीपी का 3.1 प्रतिशत) रहने का अनुमान है.
विकास के प्रथम इंजन के रूप में कृषि
प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना – विकासशील कृषि जिला कार्यक्रम
राज्यों की भागीदारी से 'प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना' का शुभारंभ करेगी. इस कार्यक्रम में मौजूदा योजनाओं और विशिष्ट उपायों के अभिसरणके माध्यम से कम उत्पादकता, कम उपज और औसत से कम ऋण मानदण्डों वाले 100 जिलों को शामिल किया जाएगा. इस कार्यक्रम से 1.7 करोड़ किसानों को मदद मिलने की संभावना है.
ग्रामीण समृद्धि और लचीला निर्माण
राज्यों की भागीदारी से 'ग्रामीण समृद्धि और लचीला निर्माण' नामक एक व्यापक बहु-क्षेत्रीय कार्यक्रम प्रारम्भ किया जाएगा ताकि कौशल, निवेश, प्रौद्योगिकी के माध्यम से कृषि में कम रोजगार का समाधान होगा और ग्रामीण अर्थव्यवस्था में नई जान आएगी. पहले चरण में 100 विकासशील कृषि जिलों को शामिल किया जाएगा.
दलहन में आत्मनिर्भरता:
- सरकार तूर, उड़द और मसूर पर विशेष ध्यान देने के साथ 6-वर्षीय 'दलहनों में आत्मनिर्भरता मिशन' प्रारम्भ करेगी.
- केंद्रीय एजेंसियां नेफेड और एनसीसीएफ अगले 4 वर्षों के दौरान किसानों से ये दालें खरीदेगी.
- सब्जियों और फलों के लिए व्यापक कार्यक्रम.
- उत्पादन, प्रभावी आपूर्तियों, प्रसंस्करण और किसानों के लिए लाभकारी मूल्य को बढ़ावा देने के लिए राज्यों की भागीदारी से एक व्यापक कार्यक्रम का शुभारंभ किया जाएगा.
बिहार में मखाना बोर्ड
- मखानों का उत्पादन, प्रसंस्करण, मूल्य संवर्धन और विपणन में सुधार लाने के लिए बिहार में मखाना बोर्ड स्थापित किया जाएगा.
राष्ट्रीय उच्च पैदावार बीज मिशन
- राष्ट्रीय उच्च पैदावार बीज मिशन शुरू किया जाएगा किया जाएगा जिसका उद्देश्य अनुसंधान इकोसिस्टम को मजबूत करना, लक्षित विकास और उच्च पैदावार वाले बीजों का प्रसार करना और बीजों की 100 से अधिक किस्मों को वाणिज्यिक स्तर पर उपलब्ध कराना होगा.
मत्स्य उद्योग
- सरकार अंडमान और निकोबार तथा लक्षद्वीप जैसे द्वीपों पर विशेष ध्यान देने के साथ भारतीय विशिष्ट आर्थिक क्षेत्र और गहरे समुद्रों से निरंतर मछली पकड़ने को बढ़ावा देने के लिए एक फ्रेमवर्क लाएगी.
कपास उत्पादकता मिशन
कपास की खेती की उत्पादकता और निरंतरता में पर्याप्त सुधार लाने के लिए 5 वर्षीय मिशन की घोषणा की गई है और कपास की अधिक लंबे रेशे वाली किस्मों को बढ़ावा दिया जाएगा.
किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से अधिक ऋण
- किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से लिए जाने वाले ऋणों के लिए ऋण सीमा '3 लाख से बढ़ाकर 5 लाख' कर दी जाएगी.
असम में यूरिया संयंत्र
- नामरूप असम में 12.7 लाख मीट्रिक टन की वार्षिक उत्पादन क्षमता वाला एक संयंत्र स्थापित किया जाएगा.
विकास के दूसरे इंजन के रूप में एमएसएमई
- एमएसएमई के वर्गीकरण मानदण्ड में संशोधन:सभी एमएसएमई के वर्गीकरण के लिए निवेश और कारोबार की सीमा बढ़ाकर क्रमशः 2.5 और 2 गुना कर दी जाएगी.
सूक्ष्म उद्यमों के लिए क्रेडिट कार्ड
- उद्यम पोर्टल पर पंजीकृत सूक्ष्म उद्यमों के लिए पहले वर्ष में 5 लाख रुपये तक की सीमा वाले 10 लाख कस्टमाइज्ड क्रेडिट कार्ड जारी किए जाएंगे.
- स्टार्ट-अप के लिए निधियों का कोष
- विस्तारित कार्यक्षेत्र और 10,000 करोड़ रुपए के नए अंशदान के साथ निधियों के नए कोष की स्थापना की जाएगी.
पहली बार के उद्यमियों के लिए योजना
- 5 लाख महिलाओं अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के पहली बार के उद्यमियों के लिए अगले 5 वर्षों के दौरान 2 करोड़ रुपए तक का सावधि ऋण उपलब्ध कराने की एक नई योजना की घोषणा.
फुटवियर और लेदर क्षेत्रों के लिए फोकस उत्पाद स्कीम
- भारत के फुटवियर और लेदर क्षेत्र की उत्पादकता, गुणवत्ता और प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाने हेतु 22 लाख व्यक्तियों को रोजगार दिलाने 4 लाख करोड़ का कारोबार करने और 1.1 लाख करोड़ से अधिक का निर्यात सुगम बनाने के लिए फोकस उत्पाद स्कीम की घोषणा.
खिलौना क्षेत्र के लिए उपाय
- भारत को ‘वैश्विक खिलौना केंद्र’ बनाते हुए उच्च गुणवत्ता वाले अनूठे नवीन और पर्यावरण के अनुकूल खिलौने बनाने की योजना.
खाद्य प्रसंस्करण के लिए सहायता
- बिहार में राष्ट्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी उद्यमशीलता और प्रबंधन संस्थान स्थापना की जाएगी.
विनिर्माण मिशन - ‘मेक इन इंडिया’ को आगे बढ़ाना
- 'मेक इन इंडिया' को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से लघु, मध्यम और बड़े उद्योगों को शामिल करते हुए राष्ट्रीय विनिर्माण मिशन की स्थापना की जाएगी.
विकास के तीसरे इंजन के रूप में निवेश
- लोगों में निवेश
- सक्षम आंगनवाड़ी और पोषण 2.0
- पोषण संबंधी सहायता के लिए लागत मानदण्डों को समुचित रूप से बढ़ाया जाएगा.
अटल टिंकरिंग प्रयोगशालाएं
- अगले 5 वर्षों में सरकारी स्कूलों में 50000 अटल टिंकरिंग प्रयोगशालाएं स्थापित की जाएंगी.
- सरकारी माध्यमिक स्कूलों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (पीएचसी) के लिए ब्रॉडबैण्ड कनेक्टिविटी
- भारत नेट परियोजना के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में सभी सरकारी माध्यमिक स्कूलों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी प्रदान की जाएगी।
भारतीय भाषा पुस्तक स्कीम
- स्कूल और उच्चतर शिक्षा के लिए भारतीय भाषाओं में डिजिटल रूप में पुस्तकें प्रदान करने के लिए भारतीय भाषा पुस्तक योजना की घोषणा.
राष्ट्रीय कौशल उत्कृष्टता केंद्र
- 'मेक फॉर इंडिया मेक फॉर द वर्ल्ड' विनिर्माण के लिए हमारे युवाओं को आवश्यक कौशलों से सुसज्जित करने के लिए वैश्विक विशेषज्ञता और भागीदारी के साथ 5 राष्ट्रीय कौशल उत्कृष्टता केंद्र स्थापित किये जाएंगे.
- आईआईटी में क्षमता का विस्तार
- 6,500 और विद्यार्थियों के लिए शिक्षा सुगम बनाने के लिए वर्ष 2014 के पश्चात शुरू किए गए 5 आईआईटी में अतिरिक्त अवसंरचना का सृजन किया जाएगा.
शिक्षा हेतु एआई में उत्कृष्टता केंद्र
- 500 करोड़ रुपए के कुल परिव्यय से शिक्षा हेतु कृत्रिम बुद्धिमत्ता संबंधी एक उत्कृष्टता केंद्र स्थापित किया जाएगा.
चिकित्सा शिक्षा का विस्तार
- मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में अगले 5 वर्षों में 75000 और सीटें बढ़ाने के लक्ष्य की दिशा में अगले वर्ष 10000 अतिरिक्त सीटें बढ़ाई जाएंगी.
- सभी जिला अस्पतालों में डे-केयर कैंसर केंद्र
- सरकार अगले 3 वर्षों में सभी जिला अस्पतालों में डे-केयर कैंसर केंद्र स्थापित करने की सुविधा प्रदान करेगी। वर्ष 2025-26 में 200 केंद्र स्थापित किए जाएंगे.
शहरी आजीविका सुदृढ़ीकरण
- शहरी कामगारों को आमदनी बढ़ाने और स्थायी आजीविका पाने में सहायता करने के लिए उनके सामाजिक-आर्थिक उत्थान के लिए एक स्कीम की घोषणा.
पीएम स्वनिधि
- इस स्कीम को बैंकों से संवर्धित ऋण 30,000 रुपए की सीमा के साथ यूपीआई लिंक्ड क्रेडिट कार्डों और क्षमता विकास सहायता के साथ नवीकृत किया जाएगा.
ऑनलाइन प्लेटफॉर्म कामगारों के कल्याण के लिए सामाजिक सुरक्षा योजना
- सरकार गिग कामगारों के लिए पहचान पत्र और ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकरण की व्यवस्था तथा पीएम जन आरोग्य योजना के अंतर्गत स्वास्थ्य देखभाल प्रदान करेगी.
II. अर्थव्यवस्था में निवेश
- अवसंरचना में सरकारी निजी भागीदारी:सरकारी निजी भागीदारी में 3 वर्षीय पाइपलाइन परियोजनाओं के लिए अवसंरचना संबंधी मंत्रालय बनाए जाएंगे राज्यों को भी प्रोत्साहित किया जाएगा.
- अवसंरचना के लिए राज्यों को सहायता:सुधारों के लिए पूंजी व्यय और प्रोत्साहन के लिए राज्यों को 50 वर्ष के ब्याजमुक्त ऋण के लिए डेढ लाख करोड़ रूपए के आवंटन का प्रस्ताव.
परिसंपत्ति मौद्रीकरण योजना 2025-30
- घोषित की गई नई परियोजनाओं में 10 लाख करोड़ रुपए की पूंजी के लिए 2025-30 के लिए दूसरी योजना.