दिल्ली

delhi

ETV Bharat / business

कर्ज के निपटान के लिए किशोर बियानी की पेशकश, लगाई ₹476 करोड़ की बोली

Kishore Biyani- फ्यूचर ग्रुप के संस्थापक किशोर बियानी ने कथित तौर पर केनरा बैंक के नेतृत्व वाले लेंडर के एक समूह को बंसी मॉल के 571 करोड़ रुपये के एकमुश्त निपटान के रूप में 476 करोड़ रुपये की पेशकश की है, जो मुंबई के हाजी अली में SOBO सेंट्रल मॉल का मालिक है. पढ़ें पूरी खबर...

Kishore  Biyani
किशोर बियानी

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Mar 19, 2024, 10:58 AM IST

नई दिल्ली:फ्यूचर ग्रुप के संस्थापक किशोर बियानी ने बंसी मॉल मैनेजमेंट कंपनी (बीएमएमसीपीएल) के 571 करोड़ रुपये के कर्ज के लंप सम सेटलमेंट (ओटीएस) के लिए केनरा बैंक के नेतृत्व वाले लेंडर को 476 करोड़ रुपये की पेशकश की है, जो मुंबई के हाजी अली में एसओबीओ सेंट्रल मॉल का मालिक है. कहानी में ट्विस्ट यह है कि बियानी की पेशकश लेनदारों द्वारा संपत्ति के लिए रुनवाल समूह की 475 करोड़ रुपये की बोली को मंजूरी देने के बाद आई है.

रुनवाल ग्रुप को मिली थी मॉल पर कब्जा की मंजूरी
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक लेंडर को इस महीने की शुरुआत में मॉल पर कब्जा करने के लिए रुनवाल ग्रुप की 476 करोड़ रुपये की बोली मिली, लेकिन बियानी ने फैसले को चुनौती देने के लिए लोन रिकवरी ट्रिब्यूनल (डीआरटी) से संपर्क किया. रिपोर्ट में कहा गया है कि बियानी लेंडर के संपर्क में हैं और अब उन्होंने रुनवाल की बोली को हराने के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाया है. रुनवाल ग्रुप पहले ही बोली राशि का 10 फीसदी भुगतान कर चुका है. रिपोर्ट के मुताबिक, लेंडर कोर्ट के फैसले का इंतजार कर रहे हैं. सुनवाई इस महीने के अंत में होनी है.

SOBO सेंट्रल मॉल के बारे में
SOBO सेंट्रल मॉल में केवल एक मैकडॉनल्ड्स जॉइंट है, जिसे 1999 में उद्घाटन के समय लॉन्च किया गया था. यह मुंबई का सबसे पुराना मॉल है, जिसका कुल लीज योग्य क्षेत्र 150,000 वर्ग फुट है. मॉल को शहर में नए शॉपिंग स्थानों के कारण नुकसान हुआ है. और बात यह है कि इसने अपनी अधिकांश अचल संपत्ति फ्यूचर ग्रुप की अन्य कंपनियों को दे दी थी, जो स्वयं तनाव में थीं.

इस बीच, पिछले साल जिंदल (इंडिया) बियानी के स्वामित्व वाली फ्यूचर एंटरप्राइजेज लिमिटेड (FEL) के लिए एकमात्र बोलीदाता बन गई. कोलकाता स्थित कंपनी की योजना ही अंतिम तिथि तक लेनदारों को सौंपी गई एकमात्र योजना थी. इससे पहले, रिलायंस रिटेल भी एफईएल का अधिग्रहण करने की दौड़ में थी, लेकिन उनकी बोली पर निर्णय लेने के लिए 30 अक्टूबर तक का समय मांगने के बाद से कोई अपडेट नहीं दिया गया है. लोन डिफॉल्ट के कारण फ्यूचर के खिलाफ कॉर्पोरेट इन्सॉल्वेंसी रिजॉल्यूशन प्रोसेस (CIRP) पिछले साल शुरू हुई थी. कंपनी पर अपने लेनदारों का कुल 12,265 करोड़ रुपये बकाया है.

ये भी पढ़ें-

ABOUT THE AUTHOR

...view details