दिल्ली

delhi

ETV Bharat / business

चौथे चरण में पहुंची वित्त मंत्रालय की यह योजना, इस बैंक की शाखा 43 से घटकर रह जाएंगी 28

वित्त मंत्रालय ने क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (आरआरबी) के विलय का चौथा चरण शुरू किया. इसके बाद बैंकों की संख्या 43 से घटकर 28 होगी.

CONSOLIDATION OF RRBS
प्रतीकात्मक तस्वीर. (IANS)

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Nov 5, 2024, 2:46 PM IST

नई दिल्ली:वित्त मंत्रालय ने क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (आरआरबी) के विलय का चौथा चरण शुरू कर दिया है. पीटीआई की खबर के मुताबिक इसके बाद ऐसे बैंकों की संख्या वर्तमान में 43 से घटकर 28 हो जाने की संभावना है. वित्त मंत्रालय की ओर से तैयार खाके के अनुसार, विभिन्न राज्यों में 15 क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों का विलय किया जाएगा. आरआरबी का विलय आंध्र प्रदेश (जहां सबसे अधिक चार आरआरबी हैं), उत्तर प्रदेश तथा पश्चिम बंगाल (प्रत्येक में तीन) और बिहार, गुजरात, जम्मू-कश्मीर, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा तथा राजस्थान (प्रत्येक में दो) में किया जाएगा.

तेलंगाना के मामले में क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों का विलय आंध्र प्रदेश ग्रामीण विकास बैंक (एपीजीवीबी) की परिसंपत्तियों व देनदारियों को एपीजीवीबी और तेलंगाना ग्रामीण बैंक के बीच विभाजित करने के अधीन होगा. वित्तीय सेवा विभाग ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के प्रमुखों को भेजे पत्र में कहा कि क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के ग्रामीण विस्तार तथा कृषि-जलवायु या भौगोलिक प्रकृति को देखते हुए तथा क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों की विशेष विशेषता अर्थात समुदायों के साथ उनकी निकटता को बनाए रखने के लिए 'एक राज्य-एक क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक' के लक्ष्य को हासिल करने के वास्ते क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को और अधिक समेकित करने की आवश्यकता महसूस की जा रही है, ताकि व्यापक दक्षता और लागत को युक्तिसंगत बनाने का लाभ मिल सके.

बयान में कहा गया है कि आगे के समेकन के लिए राष्ट्रीय कृषि व ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) के परामर्श से एक खाका तैयार किया गया है, जिससे आरआरबी की संख्या 43 से घटकर 28 हो जाएगी. वित्तीय सेवा विभाग ने क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के प्रायोजक बैंकों के प्रमुखों से 20 नवंबर तक टिप्पणियां मांगी हैं.

केंद्र ने 2004-05 में आरआरबी के संरचनात्मक समेकन की पहल की थी, जिसके परिणामस्वरूप तीन चरणों के विलय के माध्यम से 2020-21 तक ऐसे संस्थानों की संख्या 196 से घटकर 43 रह गई. इन बैंकों की स्थापना आरआरबी अधिनियम, 1976 के तहत की गई थी, जिसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में छोटे किसानों, कृषि मजदूरों व कारीगरों को ऋण तथा अन्य सुविधाएं प्रदान करना था.

इस अधिनियम में 2015 में संशोधन किया गया जिसके तहत ऐसे बैंकों को केंद्र, राज्य और प्रायोजक बैंकों के अलावा अन्य स्रोतों से पूंजी जुटाने की अनुमति दी गई. केंद्र की वर्तमान में आरआरबी में 50 प्रतिशत हिस्सेदारी है, जबकि 35 प्रतिशत तथा 15 प्रतिशत हिस्सेदारी क्रमशः संबंधित प्रायोजक बैंकों और राज्य सरकारों के पास है.

ये भी पढ़ें

ABOUT THE AUTHOR

...view details