नई दिल्ली :वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को अपने बजट भाषण में इस साल होने वाले महत्वपूर्ण आम चुनावों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार का समर्थन करने के लिए चार प्रमुख सहायता समूहों - गरीबों, किसानों, महिलाओं और युवाओं को प्रेरित करने की जोरदार वकालत की.'
सीतारमण ने कहा कि 'हमारी सरकार विकास के दृष्टिकोण के साथ काम कर रही है जो सर्वांगीण, सर्वव्यापी और सर्व-समावेशी है.' उन्होंने कहा कि 'इसमें सभी जातियों और सभी स्तरों के लोगों को शामिल किया गया है.'
भारत के अधिकांश मतदाताओं के लिए चार प्रमुख सहायता समूहों के लिए सरकार की सोच को दर्शाते हुए सीतारमण ने कहा, 'जैसा कि हमारे प्रधानमंत्री का दृढ़ विश्वास है, हमें चार प्रमुख जातियों पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है. वे हैं, 'गरीब' (Poor), 'महिलाएं' (Women), 'युवा' (Youth) और 'अन्नदाता' (Farmer).'
वित्तमंत्री ने कहा कि 'उनकी जरूरतें, उनकी आकांक्षाएं और उनका कल्याण हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है. वे आगे बढ़ते हैं तो देश आगे बढ़ता है. इन चारों को अपने जीवन को बेहतर बनाने की तलाश में सरकारी सहायता की आवश्यकता है और प्राप्त भी होती है. उनका सशक्तिकरण और कल्याण देश को आगे बढ़ाएगा.'
चुनावी वर्ष के बजट प्रस्तावों के माध्यम से अन्य पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति जैसे सामाजिक और आर्थिक रूप से कमजोर समूहों तक पहुंचने की सरकार की कोशिश में, जो बहुसंख्यक भारतीय मतदाता हैं, सीतारमण ने कहा कि पहले सामाजिक न्याय ज्यादातर एक राजनीतिक नारा था.
उन्होंने कहा कि 'हमारी सरकार के लिए सामाजिक न्याय एक प्रभावी और आवश्यक शासन मॉडल है. सभी पात्र लोगों को शामिल करने का संतृप्ति दृष्टिकोण सामाजिक न्याय की सच्ची और व्यापक उपलब्धि है. यह कार्रवाई में धर्मनिरपेक्षता है, भ्रष्टाचार को कम करती है और भाई-भतीजावाद को रोकती है.'
'इसमें पारदर्शिता और आश्वासन है कि लाभ सभी पात्र लोगों तक पहुंचाया जाएगा. संसाधनों का उचित वितरण किया जाता है. सभी को उनकी सामाजिक प्रतिष्ठा की परवाह किए बिना, अवसरों तक पहुंच मिलती है. हम प्रणालीगत असमानताओं को संबोधित कर रहे हैं जिसने हमारे समाज को त्रस्त कर दिया है.' सीतारमण ने लोकसभा में कहा, 'हम उम्मीद करते हैं कि हमारी सरकार को उसके शानदार काम के आधार पर जनता एक बार फिर शानदार जनादेश देगी.'
चार प्रमुख सहायता समूहों के लिए बजट में क्या है?
भारत के गरीबों के लिए कल्याणकारी उपाय - गरीब कल्याण :अपने बजट भाषण में वित्तमंत्री ने कहा कि गरीबों का कल्याण ही देश का कल्याण है. उन्होंने कहा कि अधिकारों के माध्यम से गरीबी से निपटने के पहले के दृष्टिकोण के परिणाम बहुत मामूली थे. 'सरकार ने 25 करोड़ लोगों को बहुआयामी गरीबी से मुक्ति दिलाने में सहायता की है.'
गरीबी को कम करने के लिए अतीत और वर्तमान उपायों और योजनाओं के बारे में बात करते हुए, सीतारमण ने कहा कि पीएम-जन धन खातों का उपयोग करके सरकार से 34 लाख करोड़ रुपये हस्तांतरित करने के लिए प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण का उपयोग करने से 2.7 लाख करोड़ रुपये की बचत हुई, जिससे लोगों के कल्याण के लिए अधिक धन उपलब्ध कराने में मदद मिली.
रेहड़ी-पटरी वालों के लिए सरकार की प्रमुख योजना के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि 78 लाख रेहड़ी-पटरी वालों को इस योजना के तहत सहायता मिली है और उनमें से 2.3 लाख को तीसरी बार ऋण मिला है.
उन्होंने विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों तक पहुंचने वाली पीएम-जनमन योजना और 18 व्यवसायों में लगे कारीगरों और शिल्पकारों के लिए पीएम-विश्वकर्मा योजना पर भी प्रकाश डाला.
किसानों-अन्नदाताओं के लिए कल्याणकारी उपाय :सीतारमण ने पीएम की प्रमुख योजना पीएम किसान सम्मान निधि का भी उल्लेख किया, जिसे 2019 में पिछले आम चुनावों से पहले घोषित किया गया था. उन्होंने कहा कि इस योजना के माध्यम से 11.8 करोड़ छोटे और सीमांत किसान लाभान्वित हो रहे हैं, जबकि 4 करोड़ किसान पीएम फसल बीमा योजना का लाभ उठा रहे हैं.
उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक नेशनल एग्रीकल्चर मार्केट ने 1361 मंडियों को एकीकृत किया है और 3 लाख करोड़ रुपये के व्यापार के साथ 1.8 करोड़ किसानों को सेवाएं प्रदान कर रहा है.