नई दिल्ली:एक समय की बात है, चोर घरों में घुसकर बियर तोड़ कर ले जाते थे. साइबर अपराधी कहीं से भी संपत्ति की ऑनलाइन चोरी कर रहे हैं. हाल के दिनों में दुनिया भर में साइबर अपराध तेजी से बढ़ रहे हैं. चेक प्वाइंट सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजीज लिमिटेड की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में 2024 की पहली तिमाही में साइबर हमलों में 33 फीसदी की वृद्धि हुई है. साइबर जालसाज फिशिंग स्कैम और रैंसमवेयर जैसे विभिन्न तरीकों से आम लोगों की संपत्ति चुरा रहे हैं. इन अपराधों से बचने के लिए हमें एटीएम, क्रेडिट कार्ड, फोन पे, गूगल पे, सोशल मीडिया अकाउंट आदि को लेकर बहुत सावधान रहना होगा. मजबूत पिन या पासवर्ड डालें. अन्यथा साइबर हमले का खतरा रहता है.
मजबूत पिन लगाएं
कमजोर पिन और पासवर्ड रखने से साइबर हमले हो सकते हैं. उदाहरण के लिए, PhonePay और GooglePay जैसे UPI भुगतान ऐप्स के लिए; डेबिट और क्रेडिट कार्ड के लिए एक मजबूत पासवर्ड या पिन सेट किया जाना चाहिए. अगर आप 1234, 0000 जैसे कमजोर पिन नंबर डालते हैं तो साइबर अपराधी इन्हें आसानी से क्रैक कर सकते हैं. फिर वे आसानी से आपके खाते से पैसे या आपके डिवाइस पर मौजूद डेटा चुरा लेते हैं.
इनका यूज ना करें
अपने डेट-ऑफ बर्थ, फोन नंबर जैसी चीजें पिन के तौर पर न डालें. क्योंकि, इनके आधार पर साइबर अपराधी आपके यूपीआई ऐप्स, क्रेडिट, डेबिट कार्ड पिन या पासवर्ड आसानी से ढूंढ सकते हैं. लेकिन एक जानी-मानी साइबर सिक्योरिटी फर्म के मुताबिक, कई लोग कमजोर पिन डाल रहे हैं. बताया जाता है कि करीब 34 लाख लोगों ने वीकेंड पिन या वीकेंड पासवर्ड सेट कर रखा है. पता चला है कि 1234, 1111, 0000 से भी ज्यादा हैं. विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि ऐसे सरल या अनुमान लगाने में आसान पिन दर्ज करने से साइबर हमले का खतरा बढ़ जाता है.