देहरादून: उत्तराखंड में यूनिफॉर्म सिविल कोड का ड्राफ्ट तैयार हो चुका है. कमेटी ने आज यूसीसी का फाइनल ड्राफ्ट सरकार को सौंप दिया है. अब यूसीसी को कैबिनेट में रखा जाएगा. जहां से पास होने के बाद 6 फरवरी को यूसीसी विधेयक विधानसभा के पटल पर रखा जाएगा. जिसके बाद उत्तराखंड में यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करने की तैयारी की जाएगी. यूनिफॉर्म सिविल कोड में शादी और युवाओं को लेकर कई प्रावधान हैं. जिस पर युवाओं की अलग अलग प्रतिक्रियाएं आ रही हैं. एक तरफ जहां कुछ युवा यूनिफॉर्म सिविल कोड पर खुशी जाहिर कर रहे हैं तो कुछ युवा इस पर आपत्ति भी जता रहे हैं. अधिकतर युवाओं ने लिव इन रिलेशनशिप मामले में इसे प्राइवेसी से छेड़छाड़ बताया.
दरअसल, यूसीसी ड्राफ्ट में लिव इन रिलेशनशिप में रहने वाले युवाओं के लिए रजिस्ट्रेशन की अनिवार्यता की शर्त रखी गई है. जिससे कुछ युवा काफी नाराज दिखाई दे रहे हैं. युवा कहते हैं यूनिफॉर्म सिविल कोड में लिव इन रिलेशनशिप में रहने वालों के लिए रजिस्ट्रेशन की बाध्यता निजता का हनन है. साथ ही सामाजिक रूप से भी युवाओं को इससे कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है. कुछ युवा ऐसे भी हैं जो इस व्यवस्था से लिव इन रिलेशनशिप में पारदर्शिता आने की बात कह रहे हैं. युवाओं ने लड़कियों के शादी की उम्र बढ़ाने, बहुविवाह पर बैन, एडॉप्शन, तलाक के कानूनों में एकरूपता जैसे बिंदुओं का खुलकर स्वागत किया है.
बता दें यूनिफॉर्म सिविल कोड के ड्राफ्ट में जो महत्वपूर्ण बिंदु शामिल किये गये हैं, उनमें शादी और लिव इन रिलेशनशिप जैसे मामले भी शामिल हैं. यूनिफॉर्म सिविल कोड के ड्राफ्ट में लड़कियों की शादी की उम्र 21 साल करने का बात कही गई है. इसके साथ ही लिव इन रिलेशनशिप के लिए डिक्लेरेशन को भी जरूरी किया गया है. लिव इन रिलेशनशिप में रहने के लिए पुलिस के पास रजिस्टर करना होगा. इसके साथ ही लिव इन रिलेशनशिप में रहने वाले लोगों के माता पिता को भी जानकारी दी जाएगी.
क्या है यूनिफॉर्म सिविल कोड:यूसीसी यानी यूनिफॉर्म सिविल कोड का अर्थ भारत में रहने वाले प्रत्येक नागरिक के लिए समान कानून होने से है. फिर चाहे उनका धर्म या उनकी जाति कुछ भी क्यों न हो. समान नागरिक संहिता अगर लागू हो जाती है, तो धर्म के आधार पर निजी कानूनों का अस्तित्व खत्म हो जाएगा. फिर शादी हो या तलाक या फिर विरासत विवाद, सबके लिए कानून एक होगा. अभी तलाक, शादी और संपत्ति के वारिस को लेकर अलग-अलग कानून हैं.
यूनिफॉर्म सिविल कोड को विस्तार से जानें