नई दिल्ली:परमानेंट अकाउंट नंबर (PAN) कार्ड एक बेहद अहम डॉक्यूमेंट है. इसे इनकम टैक्स डिपार्टमेंट जारी करता है. पैन 10 अंकों की स्पेसिफिक आइडेंटिटी संख्या है. पैन कार्ड में आपका नाम, जन्म तिथि, पिता या पति या पत्नी का नाम और फोटो होता है. यह सिर्फ आपके लिए ही नहीं, बल्कि आपके बच्चों के वित्तीय भविष्य को सुरक्षित करने के लिए भी आवश्यक है.
यह कार्ड विभिन्न वित्तीय और कानूनी लेनदेन के लिए एक आइडेंटिटी डॉक्यूमेंट के रूप में कार्य करता है. आयकर अधिनियम की धारा 160 में पैन कार्ड पात्रता के लिए कोई आयु सीमा निर्दिष्ट नहीं की गई है. इसलिए इसे किसी भी आयु के लोग बनवा सकते हैं.
नाबालिग के लिए पैन कार्ड क्यों जरूरी है?
खास परिस्थितियों में नाबालिग के लिए पैन कार्ड में जरूरी होता है, खास तौर पर तब जब वित्तीय लेन-देन या आय की घोषणा की बात हो. अगर माता-पिता अपने नाबालिग बच्चे को शेयर, म्यूचुअल फंड या दूसरे वित्तीय उत्पादों जैसे निवेश में नॉमिनी बनाने की योजना बनाते हैं,तो उन्हें अपने नाबालिग बच्चे के लिए पैन कार्ड बनवाना चाहिए.
अगर माता-पिता सीधे नाबालिग के नाम पर निवेश करते हैं, तो वित्तीय नियमों का पालन करने के लिए पैन कार्ड की आवश्यकता होती है.टैक्स उद्देश्यों के लिए भी नाबालिगों की आय को आम तौर पर माता-पिता की आय के साथ जोड़ दिया जाता है. हालांकि, अगर नाबालिग रोजगार, व्यवसाय या पेशेवर गतिविधियों के माध्यम से स्वतंत्र रूप से आय अर्जित करता है तो उसे पैन कार्ड की जरूरत होती है.