भोपाल: (विश्वास चतुर्वेदी) हैकर यानि घुसपैठिया. यह शब्द हमारे दिमाग में आते ही लगता है कि एक ऐसा साइबर एक्सपर्ट जो आपके कम्प्यूटर या साफ्टवेयर सिस्टम में ऑनलाइन अटैक कर उसकी सारी जानकारी चोरी कर सकता है. या फिर उस डाटा को खत्म कर सकता है, उसका गलत इस्तेमाल कर सकता है. लेकिन कुछ हैकर ऐसे भी होते हैं, जो साफ्टवेयर को हैक कर उसमें बग ढूंढते हैं. इसके लिए बकायदा कंपनियां इनको रिवार्ड भी देती हैं. ऐसे ही एक होनहार हैकर शुभांक सिंघई हैं. जो भोपाल के रहने वाले हैं. हाल ही में उन्होंने वर्ल्ड का यंगेस्ट एथिकल हैकर होने का गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स अपने नाम किया है.
4 घंटे का एग्जाम 20 मिनट में किया क्लियर
भोपाल में रहने वाले 15 साल 9 महीने और 9 दिन के शुभांक सिंघई ने हैकिंग की दुनिया में सबसे कम उम्र में गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स बनाया है. अब तक यह रिकॉर्ड अहमदाबाद के पार्थ गुप्ता के नाम था. 10 साल पहले पार्थ ने 15 साल 11 महीने की उम्र में यह रिकॉर्ड बनाया था, लेकिन भोपाल के शुभांक ने पार्थ का भी रिकॉर्ड क्रेक कर दिया. शुभांक ने जब मैक्सिको की ईसी कौंसिल का 4 घंटे का एग्जाम 20 मिनट में क्लियर किया तो ईसी कौंसिल को भरोसा नहीं हुआ. तब उन्होंने शुभांक को दोबारा एक घंटे में 20 प्रश्न हल करने दिए. इसे भी शुभांक ने 5 मिनट में हल कर दिया.
आपदा में अवसर साबित हुआ लॉकडाउन
एथिकल हैकर शुभांक सिंघईने बताया कि "साल 2019 में जब कोरोना लॉकडाउन लगा, तब वो कक्षा 6वीं में पढ़ते थे. उस समय ऑनलाईन क्लासेस शुरु हुई, तो शुभांक के पैरेंटस ने उन्हें लैपटाप लाकर दिया. उसी समय उनके दिमाग में आया कि कम्प्यूटर हैकिंग क्या है. इसमें क्या-क्या होता है. इसके बाद शुभांक ने इंटरनेट पर हैकिंग के संबंध में काफी जानकारी इकठ्ठा की. तब उन्हें पता चला कि एथिकल हैकिंग नाम की भी कोई चीज है, जो नियमों के दायरे में की जा सकती है. बल्कि कई बार कंपनियां खुद उनका बग ढूंढने के लिए आपको इनवाइट करती हैं."
इस तरह बने वर्ल्ड के यंगेस्ट एथिकल हैकर
शुभांक ने कक्षा 6वीं से ही हैकिंग में हाथ अजमाना शुरू कर दिया था. लॉकडाउन में ही उन्होंने अहमदाबाद के एक इंस्टिट्यूट से ऑनलाइन एथिकल हैकिंग की पढ़ाई की. जहां उनके एक मेंटर ने बोला कि उन्हें सीईएच का एग्जाम देना चाहिए, जो मेक्सिको की ईसी काउंसिल प्रोवाइड कराता है. इसमें शामिल होकर वर्ल्ड का यंगेस्ट एथिकल हैकर बना जा सकता है. इसके बाद शुभांक ने ईसी काउंसिल का एग्जाम दिया और विश्व के सबसे कम उम्र के सर्टिफाइड एथिकल हैकर बन गए.