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हिमाचल में लोकतंत्र के पर्व में नारी शक्ति मतदान में पुरुषों से आगे, लेकिन सदन में नहीं मिलता बराबर का मौका - women and democracy

Himachal Lok sabha Elections 2024: हिमाचल प्रदेश में महिलाओं का वोट सभी राजनीतिक पार्टियों को चाहिए होता है, लेकिन सभी पार्टियां महिलाओं को टिकट देने में परहेज करते हैं. हाल में पूरे प्रदेश में एकमात्र महिला विधायक हैं. पढ़ें पूरी खबर...

WOMEN AND DEMOCRACY
WOMEN AND DEMOCRACY

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Apr 4, 2024, 8:33 PM IST

Updated : Apr 4, 2024, 9:45 PM IST

शिमला:मतदान के दिन महिलाएं घर का कामकाज निपटाकर लोकतंत्र के यज्ञ में आहुति डालती हैं. महिलाओं की इस सक्रियता को राजनीतिक दल भी सहराते हैं. यही कारण है कि हर बार चुनाव कि महिलाओं के मुद्दों और वोट बैंक पर सबकी नजर रहती हैं. यह सही है कि महिलाएं अपने अधिकारों को लेकर जागरूक हैं, लेकिन सदन में महिलाओं को बराबरी का मौका नहीं मिलता है. साक्षर राज्य हिमाचल में लोकसभा के पर्व में नारी शक्ति बढ़-चढ़कर अपनी भूमिका निभाती हैं. हिमाचल में पुरुषों के मुकाबले महिलाओं का मत प्रतिशत अधिक रहता है. चुनाव में मतदान के आंकड़े इसकी गवाही देते हैं . मतदान के दिन महिलाएं घर का कामकाज निपटाकर लोकतंत्र के यज्ञ में आहुति डालती हैं. महिलाओं की इस सक्रियता को राजनीतिक दल भी सहराते हैं. यही कारण है कि हर बार चुनाव कि महिलाओं के मुद्दों और वोट बैंक पर सबकी नजर रहती हैं. यह सही है कि महिलाएं अपने अधिकारों को लेकर जागरूक हैं, लेकिन सदन में महिलाओं को बराबरी का मौका नहीं मिलता है. राजनीतिक दल भी महिलाओं को टिकट देने में परहेज करते हैं.

फाइल फोटो.

कुल मतदान प्रतिशत से भी अधिक था महिलाओं का मतदान प्रतिशत

हिमाचल में वर्ष 2019 में लोकसभा चुनाव में मतदान प्रतिशत के आंकड़ों को देखें तो कुल मतदान प्रतिशत से महिलाओं का मत प्रतिशत अधिक रहा था. उस दौरान कुल मतदान प्रतिशत 72.42 फीसदी रहा था, वहीं महिलाओं का मतदान प्रतिशत 74.34 फीसदी था. इसके अतिरिक्त पुरुषों का मतदान प्रतिशत 70.19 फीसदी रहा था. पिछले चुनाव में कुल 26,04,615 महिला मतदाता थी, जिसमें 19,36,405 महिलाओं ने मताधिकार का प्रयोग किया था. वहीं पुरुष मतदाताओं की संख्या 26,57,464 थी, जिसमें 18,65,345 मतदाताओं ने वोट डाला था.

वर्ष 2014 में 65.85 फीसदी रहा था महिलाओं का मतदान प्रतिशत

हिमाचल में वर्ष 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में कुल मतदान प्रतिशत 64.45 फीसदी रहा था. वहीं उस दौरान महिलाओं का मतदान प्रतिशत 65.85 था. इसी तरह से 64.55 फीसदी पुरुषों ने मतदान किया था. 2014 के विधानसभा चुनाव में कुल महिला मतदाताओं की संख्या 23,20,826 थी. जिसमें 15,28,465 महिलाओं ने वोट कास्ट किया था. इसी तरह से पुरुष मतदाताओं की संख्या 24,23,377 थी, जिसमें से 15,64,458 मतदाताओं ने लोकतंत्र के पर्व में वोटों की आहुति डाली थी.

फाइल फोटो.

विधानसभा चुनाव में भी महिलाएं रही थी आगे

हिमाचल में वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में भी महिलाओं की भागीदारी अधिक रही थी. उस दौरान कुल मतदान प्रतिशत 75.78 फीसदी रहा था. वहीं महिलाओं का मतदान प्रतिशत 76.77 फीसदी था. विधानसभा चुनाव में कुल महिला वोटरों की संख्या 27,37,845 थी, जिसमें 21,01,674 महिलाओं ने मताधिकार का प्रयोग किया था. इसी तरह से पुरुष मतदाताओं का मतदान प्रतिशत 70.77 फीसदी था. जिसमें पुरुष मतदाताओं की कुल संख्या 28,54,945 थी, इसमें 20,20,509 वोट डाले थे.

2019 में किसी बड़े दल ने नहीं दिया महिला को टिकट

हिमाचल में वर्ष 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में किसी भी बड़े दल ने महिला को टिकट नहीं दिया. उस दौरान कांगड़ा संसदीय क्षेत्र से केवल निशा कटोच एक मात्र महिला उम्मीदवार ने आजाद प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ा था. जिसमें उसकी जमानत जब्त हो गई थी. वहीं वर्ष 2014 के लोकसभा सभा चुनाव में प्रदेश के दी बड़े दलों में से कांग्रेस ने पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय वीरभद्र सिंह की धर्म पत्नी प्रतिभा सिंह को मंडी से टिकट दिया था. इसके अतिरिक्त अन्य छोटे दलों जिनका न के बराबर जनाधार है ने 4 महिलाओं को टिकट दिया था. उस दौरान कुल 5 महिलाओं में चुनाव रण में भाग्य आजमाया था. इसमें एक महिला उम्मीदवार सदन में नहीं पहुंची थी, यही नहीं प्रतिभा सिंह को छोड़कर सभी की जमानत जब्त हो गई थी.

फाइल फोटो.

विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 6 और कांग्रेस ने 3 महिलाओं को दिए थे टिकट

हिमाचल में वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में कुल 388 प्रत्याशियों ने भाग्य आजमाना था. जिसमें 24 महिला उम्मीदवार भी चुनाव मैदान में थी. उस दौरान भाजपा ने 6 और कांग्रेस ने 3 महिलाओं को प्रत्याशी बनाया था. इसके अतिरिक्त 15 महिला प्रत्याशी अन्य छोटे दलों या फिर आजाद चुनाव लड़ी थी. लेकिन इस सभी में से सिर्फ भाजपा के टिकट पर पच्छाद से चुनाव मैदान में उतरी रीना कश्यप एक मात्र महिला विधानसभा पहुंचने में सफल रही थी.

महिलाओं का वोटिंग में प्रतिनिधित्व तो रहा लेकिन सांसद गिनी चुनी ही बनी

हिमाचल में कामकाजी महिलाओं का वोटिंग तो हमेशा से प्रतिनिधित्व तो रहा है, लेकिन दिल्ली में संसद की दहलीज गिनी चुनी ही महिलाएं पार कर पाई हैं. इसमें मंडी संसदीय क्षेत्र की बात करें तो यहां से वर्ष 1952 में हुए लोकसभा चुनाव में रानी अमृत कौर पहली महिला सांसद चुनी गई थीं. उस दौरान मंडी महांसु सीट पर रानी अमृत कौर कांग्रेस के टिकट पर चुनकर दिल्ली पहुंची थी. इसके बाद 6 बार हिमाचल के मुख्यमंत्री रहे स्वर्गीय वीरभद्र सिंह की धर्म पत्नी दूसरी महिला सांसद बनी. वे सांसद राम स्वरूप शर्मा के निधन के बाद साल 2021 में हुए लोकसभा उपचुनाव में जीत हासिल कर वर्तमान में सांसद चुनी गई हैं. वहीं, भाजपा ने आगामी लोकसभा के लिए प्रत्याशियों के नामों का ऐलान कर दिया है. इस सूची में एक भी महिला को भाजपा ने टिकट नहीं दिया है.

फाइल फोटो.

1500 की गारंटी कांग्रेस का सहारा

हिमाचल में लोकसभा और विधानसभा की 6 सीटों पर होने वाले उपचुनाव में महिलाओं को अपने पक्ष में करने के लिए 1500 की गारंटी कांग्रेस का सहारा है. इसके अतिरिक्त सुक्खू सरकार गाय और भैंस के दूध खरीद मूल्य में की गई बढ़ोतरी को भी भुनाएगी. वहीं, भाजपा के पास लोकसभा चुनाव में मोदी की गारंटी बड़ा हथियार है. भाजपा मोदी सरकार के द्वारा महिला कल्याण के लिए आरंभ की गई योजनाओं का गुणगान करेगी. जिसमें जिसमें उज्ज्वला योजना प्रमुख है.

वरिष्ठ पत्रकार धनंजय शर्मा का कहना है कि कोई भी राजनीतिक दल की प्राथमिकता जीतने की क्षमता रखने वाली और पार्टी में एक्टिव रहने वाली महिलाओं को ही टिकट देने की रहती है. इसके अतिरिक्त महिलाओं को टिकट को टिकट देने में पार्टी का अपना सर्वे भी आधार होता है. इन सभी कसौटियों पर खरा उतरने पर ही टिकट का निर्णय लिया जाता है. उनका कहना है कि पुरुष प्रदान समाज होने की वजह से महिलाएं कम ही आती हैं. आज तक अधिकांश महिलाएं अधिकतर राजनीति परिवार से संबंध रखने वाली महिलाओं को मिले हैं. इसके अतिरिक्त श्याम शर्मा, रेणु चड्ढा व कृष्णा मोहनी जिन्होंने अपनी मेहनत से राजनीति में खुद जगह बनाई है.

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Last Updated : Apr 4, 2024, 9:45 PM IST

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