पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमारने अब तक अपने उत्तराधिकारी की घोषणा नहीं की है. हालांकि समय-समय पर उपेंद्र कुशवाहा, प्रशांत किशोर और आरसीपी सिंह को पार्टी में बड़ी जिम्मेदारी दी थी और उन्हें उत्तराधिकारी के तौर पर पेश करते रहे, लेकिन तीनों नीतीश कुमार की उम्मीद पर खरा नहीं उतर सके.
जदयू में मनीष वर्मा की एंट्री: एक तरह से नीतीश कुमार को तीनों से धोखा मिला. अब मनीष कुमार वर्मा को लेकर भी चर्चा है कि नीतीश कुमार उन्हें अपना उत्तराधिकारी बना सकते हैं. जदयू में विधिवत शामिल होने के बाद मनीष कुमार वर्मा ने पार्टी के लिए अपनी पूरी क्षमता के साथ ताकत लगाने की बात कही है और कहा कि पार्टी जो भी जिम्मेदारी देगी उसे पूरा करेंगे.
"मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में मेरे लिए जदयू में काम करना गर्व की बात होगी. मैं पहले नीतीश कुमार के दिल में था अब उनके दल में हूं. मेरी जो भी क्षमता है पूरी ताकत से उसे जदयू को आगे ले जाने में लगाऊंगा जो भी जिम्मेदारी मिलेगी उसे पूरी ताकत से करूंगा. नीतीश कुमार ने जो काम किया है उसका आकलन अभी नहीं हो सकता है."- मनीष वर्मा, जदयू की सदस्यता लेने वाले पूर्व आईएएस अधिकारी
जदयू में मनीष का जोरदार स्वागत: जदयू के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा ने मनीष वर्मा को विधिवत रूप से जदयू की सदस्यता दिलायी है. पटना जदयू कार्यालय के कर्पूरी सभागार में इसके लिए समारोह का आयोजन भी किया गया. इस मौके पर बड़ी संख्या में कार्यकर्ता भी मौजूद रहे. नीतीश कुमार और मनीष कुमार जिंदाबाद के नारे भी लगाए गए. विजय कुमार चौधरी और प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा भी मौजूद थे. सभी ने मनीष वर्मा का स्वागत किया.
"2025 में छक्का लगाना है, 2010 से भी अधिक सीटें जितनी है. मनीष वर्मा पार्टी को मजबूत करने में अपनी भूमिका निभाएंगे. बिहार के अलावा बिहार से बाहर भी जितना हम लोगों को करना चाहिए नहीं कर पाए हैं तो अब उस पर काम होगा."- संजय झा, राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष, जदयू
क्या नीतीश के बनेंगे उत्तराधिकारी: मनीष वर्मा के जदयू में शामिल होने को लेकर कई तरह की चर्चा है. कयास लगाए जा रहे हैं कि नीतीश कुमार उनके उत्तराधिकारी भी हो सकते हैं. राजनीतिक विशेषज्ञ भोलानाथ का कहना है कि पहले भी नीतीश कुमार के उत्तराधिकारी को लेकर कई नाम की चर्चा हुई है.
क्या राज्यसभा जाएंगे मनीष?: वहीं उपेंद्र कुशवाहा को नीतीश कुमार इसलिए लाना चाहते थे कि जो उनका वोट बैंक है लव कुश उसमें वह फिट बैठ रहे थे. जिससे उन्हें सरकार चलाने में और भी आसानी होती. चर्चा यह भी थी कि नीतीश कुमार के बेटे निशांत कुमार भी उत्तराधिकारी हो सकते हैं लेकिन विजय कुमार चौधरी ने इसे बेबुनियाद बात बता दिया. ऐसे में मनीष वर्मा शामिल हुए हैं, उन्हें राज्यसभा भी भेजा जा सकता है.
"मनीष वर्मा को पार्टी में बड़ी जिम्मेदारी भी दी जा सकती है और नीतीश कुमार के उत्तराधिकारी को लेकर भी इन सब बातों से बल मिल रहा है. क्योंकि मनीष वर्मा भी नालंदा से ही आते हैं और नीतीश कुमार के स्वजातीय हैं."- भोलानाथ, राजनीतिक विशेषज्ञ
मनीष वर्मा के लिए जदयू में चुनौती:आरसीपी सिंह को जब पार्टी में नीतीश कुमार ने कमान दिया था तो उसे समय भी नालंदा के ही नेताओं में नाराजगी थी. नालंदा से आने वाले श्रवण कुमार और आरसीपी सिंह के बीच 36 का आंकड़ा रहा है. अब देखना है श्रवण कुमार के साथ मनीष वर्मा का कैसा संबंध रहता है. पार्टी के वरिष्ठ नेता विजेंद्र यादव भी आईएएस अधिकारियों को पार्टी की कमान देने से उस समय खुश नहीं थे. मनीष वर्मा को जदयू ज्वाइन करने के बाद जब बड़ी जिम्मेवारी दी जाएगी. तब देखना है विजेंद्र यादव और पार्टी के अन्य नेता मनीष वर्मा को किस रूप में लेते हैं.