नई दिल्ली : भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) दिल्ली की सत्ता में गत 25 साल से जारी अपने वनवास को समाप्त करने का हरसंभव प्रयास कर रही है. इस कोशिश को मूर्त रूप देने के लिए उसने ‘परिवर्तन’ का नारा दिया है और भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी (आप) के खिलाफ बड़े पैमाने पर अभियान शुरू किया है.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पिछले सप्ताह रोहिणी में आयोजित ‘परिवर्तन रैली’ में पार्टी के इरादे स्पष्ट कर दिए थे और आह्वान किया था, ‘‘आप-दा (आप) नहीं सहेंगे, बदल कर रहेंगे’’. इस पूरे अभियान में भाजपा की ताकत,उसकी कमजोरी, अवसर और संभावित खतरे का विश्लेषण किया गया है.
ताकत
* विधानसभा चुनाव के लिए सभी 70 निर्वाचन क्षेत्रों में बूथ स्तर तक मजबूत संगठनात्मक उपस्थिति. पार्टी ने चुनाव से महीनों पहले झुग्गी-झोपड़ियों और अनधिकृत कॉलोनियों पर ध्यान केंद्रित करते हुए लक्षित समूहों और समुदायों के साथ हजारों छोटी-छोटी बैठकें कीं.
* मुख्यमंत्री निवास के जीर्णोद्धार पर कथित तौर पर भारी भरकम खर्च को रेखांकित करने के लिए ‘शीश महल’ और शराब घोटाले जैसे भ्रष्टाचार के मुद्दों को उजागर करके जनता की धारणा में बदलाव के लिए एक सतत अभियान चलाया. इसके कारण अरविंद केजरीवाल को दिल्ली के मुख्यमंत्री के रूप में पद छोड़ना पड़ा. पानी की कमी, दूषित जलापूर्ति, वायु प्रदूषण, बारिश के दौरान जलभराव, क्षतिग्रस्त सड़कें, खराब सार्वजनिक बस परिवहन जैसे लोगों से जुड़े मुद्दों को प्रभावी ढंग से उठा रही है.
* दिल्ली की सत्ता पर 2015 से काबिज आप के खिलाफ आम सत्ता विरोधी लहर है, खास तौर पर उसके विधायकों के खिलाफ. भाजपा ने आप की इस कमज़ोरी का फायदा उठाने की कोशिश की और इसके तहत उसने विभिन्न निर्वाचन क्षेत्रों में उसके विधायकों की विफलताओं को उजागर करने के लिए ‘आरोप पत्र’ जारी किए.
* पिछले साल मई में हुए आम चुनाव में भाजपा ने लगातार तीसरी बार दिल्ली की सभी सात लोकसभा सीट पर जीत दर्ज की. सात लोकसभा सीट में विभाजित 70 विधानसभा क्षेत्रों में से 52 में भाजपा उम्मीदवारों को आप के उम्मीदवारों से अधिक मत मिले.
कमजोरी
*भाजपा आप द्वारा मुख्यमंत्री के चेहरे के तौर पर सामने किये गए केजरीवाल को चुनौती देने के लिए किसी स्थानीय नेता को पेश करने में विफल रही है. पार्टी ने अब तक केवल 29 उम्मीदवारों की घोषणा की है और 41 अन्य की घोषणा अभी बाकी है, हालांकि चुनाव पांच फरवरी को होंगे.