नई दिल्ली: भारत के लिए इस सदी की शुरुआत बहुत ही दुखद रही. जिस समय दुनिया ने Y2K का खुले दिल से स्वागत किया, उस समय भारत IC 814 कंधार हाइजैक के बचे हुए लोगों का स्वागत कर रहा था. लगभग 154 यात्रियों और चालक दल को आठ दिनों तक बंधक बनाकर रखा गया, जबकि अपहरणकर्ता तीन हाई-प्रोफाइल आतंकवादियों की रिहाई के लिए बातचीत कर रहे थे.
हफ्ते भर की घेराबंदी के बाद इस घटना में एक शख्स की मौत हो गई. घटना में मारे जाने वाले व्यक्ति का नाम रूपिन कटियाल था. इसे मौत को हाल ही में नेटफ्लिक्स पर आई वेब सीरीज IC 814: द कंधार हाईजैक में भी दिखाया गया है.
हनीमून से लौट रहे थे रूपिन कटियाल
रूपिन कटियाल उन यात्रियों में से एक थे जो काठमांडू से IC 814 में सवार हुए थे. वह अपनी पत्नी रचना के साथ हनीमून से लौट रहे थे. उन्हें लगा कि यह घर वापसी की उड़ान है, लेकिन जल्द ही उनकी यात्रा बुरे सपने में बदल गई. जानकारी के मुताबिक अपहरण के पहले दिन ही रूपिन की हत्या कर दी गई थी.
रूपिन कटियाल की हत्या कैसे हुई?
उस समय रेडिफ द्वारा पब्लिश एफआईआर रिपोर्ट में यह खुलासा किया गया था कि रूपिन के पेट पर एक चाकू का घाव, छाती पर चार घाव और गर्दन पर दो घाव थे. इसके अलावा उसके गले की नस भी कटी हुई थी और चेहरे पर छह घाव और नाक पर भी खरोंचे थीं.
उनकी विधवा रचना का क्या हुआ?
एक न्यूज पब्लिकेशन से बात करते हुए रचना ने खुलासा किया था कि उन्हें अपने पति की मौत के बारे में काफी टाइम तक पता नहीं था. जब उन्हें अन्य बंधकों के साथ रिहा किया गया, तो उनके ससुर उन्हें लेने आए थे, लेकिन उन्होंने उन्हें रूपिन की मौत के बारे में नहीं बताया. उन्हें बताया गया कि वह अस्पताल में हैं.
रचना ने कहा, "मुझे बहुत बाद में बताया गया कि रूपिन अब नहीं रहे. मैं बार-बार रूपिन के बारे में पूछती रही, तब वे इसे और टाल नहीं पाए और मुझे सच्चाई बताई गई. रूपिन की मौत के बाद उनके पिता ने रचना का साथ दिया. उन्होंने रचना नौकरी करने के लिए प्रोत्साहित किया.
यह भी पढ़ें- खूंखार भेड़िया ! 80 किमी की रफ्तार, सूंघने-सुनने में महारत, जानें इंडियन ग्रे वुल्फ से जुड़े रोचक तथ्य