नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने भगोड़े इस्लामी उपदेशक जाकिर नाइक पर जोरदार हमला बोला है. रिजिजू ने नाइक पर भारतीय मुसलमानों को गुमराह करने और सरकार के वक्फ संशोधन विधेयक के बारे में झूठा प्रचार करने का आरोप लगाया है.
नाइक वर्तमान में मनी लॉन्ड्रिंग और हेट स्पीच के आरोपों में वॉन्टिड है. उसने वक्फ संशोधन विधेयक का विरोध किया और बुरे नतीजों भुगतने की चेतावनी दी. साथ ही उसने मुसलमानों से संयुक्त संसदीय समिति (JPC) को अपनी अस्वीकृति प्रस्तुत करने का आग्रह किया.
भगोड़े इस्लामी उपदेशक ने एक क्यूआर कोड और एक ऑनलाइन याचिका लिंक शेयर किया है, जिसमें कम से कम 5 मिलियन भारतीय मुसलमानों से भाग लेने का आह्वान किया गया.
किरेन रिजिजू ने दिया जवाब
जवाब में रिजिजू ने नाइक के दावों की निंदा करते हुए उन्हें भ्रामक बताया और नागरिकों के लोकतांत्रिक अधिकारों पर जोर दिया. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वे झूठी सूचनाओं से प्रभावित हुए बिना अपनी राय व्यक्त करें. उन्होंने कहा, "कृपया हमारे देश के निर्दोष मुसलमानों को गुमराह न करें. झूठे प्रोपागैंडा से गलत नैरेटिव सामने आएगा."
कौन है जाकिर नाइक?
जाकिर नाइक पेशे से डॉक्टर है और भारत छोड़ने से पहले मुंबई में रहता था. नाइक अहमद दीदात से प्रभावित होकर इस्लामिक उपदेशक बना था. वह इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन (IRF) का संस्थापक और अध्यक्ष है, जो भारत में प्रतिबंधित है. जाकिर नाइक दो टीवी चैनल भी चलाता था. उसके द्वारा संचालित दो चैनल, पीस टीवी और पीस टीवी उर्दू, भारत, बांग्लादेश, श्रीलंका, कनाडा और यूनाइटेड किंगडम सहित कई देशों में बैन हैं.
नाइक पर अपने भाषणों के जरिए 2016 में ढाका में होली आर्टिसन बेकरी में हुए बम विस्फोट के अपराधियों को प्रभावित करने का आरोप है, जिसमें 20 लोग मारे गए थे. इसके अलावा 2019 में श्रीलंका में ईस्टर बम विस्फोटों में 250 से अधिक लोग मारे गए थे. इस विस्फोट अंजाम देने वाले भी जाकिर नाइक से प्रभावित थे.