नई दिल्ली: दिल से जुड़ी बीमारियों और इनकी वजह से होने वाली मौत का दायरा लगातार बढ़ता जा रहा है. हमारी बदलती लाइफस्टाइल और असंतुलित खानपान का सीधा असर हार्ट की हेल्थ पर पड़ता है. आज के समय में दिल की बीमारी न सिर्फ बुजुर्गों में बल्कि युवाओं में भी तेजी से बढ़ रही हैं. हार्ट हमारे शरीर का एक ऐसा अंग है, जो 24 घंटे बिना रुके काम करता है. ऐसे में अच्छी सेहत के लिए जरूरी है कि दिल की हेल्थ का भी ख्याल रखा जाए.
क्या आप जानते हैं कि हार्ट अटैक और ब्लड प्रेशर से जुड़ी बीमारियों के साथ-साथ वायरल मायोकार्डिटिस भी हार्ट में होने वाली गंभीर समस्या है. अगर समय पर इसका इलाज न किया जाए तो इससे आपकी जान भी जा सकती है.हैदराबाद स्थित रेनोवा हॉस्पीटल के कंसल्टेंट फिजिशियन डॉ राजेश के मुताबिक वायरल मायोकार्डिटिस की चलते हार्ट में सूजन हो जाती है और दिल की धड़कनों में अनियिमता होने लगती है. उन्होंने बताया कि वायरल मायोकार्डिटिस होने पर मरीज की जान भी जा सकती है.
क्या होता वायरल मायोकार्डिटिस?
वायरल मायोकार्डिटिस के कारण मरीज की हार्ट मांसपेशी (मायोकार्डियम) में सूजन हो जाती है. यह सभी उम्र के व्यक्तियों को प्रभावित कर सकता है और अगर इसका इलाज न किया जाए तो यह गंभीर हृदय संबंधी जटिलताओं का कारण बन सकता है. इस स्थिति को प्रभावी ढंग से निपटने के लिए इसके कारणों, लक्षणों और इलाज के विकल्पों को समझना काफी महत्वपूर्ण है. मायोकार्डियम हार्ट के फंक्शन करने लिए जरूरी है और इसमें सूजन होने से हार्ट की ब्लड को पंप करने की क्षमता खराब हो सकती है.
वायरल मायोकार्डिटिस के कारण
हार्ट में वायरल मायोकार्डिटिस की समस्या आमतौर पर वायरस के कारण होती है. इनमें एंटरोवायरस मायोकार्डिटिस, एडेनोवायरस मायोकार्डिटिस और कॉक्ससैकीवायरस मायोकार्डिटिस शामिल हैं. वायरल मायोकार्डिटिस की समस्या आम तौर पर एंटरोवायरस मायोकार्डिटिस के कारण होती है. एंटरोवायरस अत्यधिक संक्रामक होते हैं. यह श्वसन बूंदों, दूषित भोजन- पानी और फिजिकल कॉन्टैक्ट के माध्यम से फैलते हैं. एक बार जब वायरस शरीर में प्रवेश कर जाता है, तो यह रक्तप्रवाह के माध्यम से हृदय तक पहुंच सकता है, जहां यह आक्रमण करता है और मायोकार्डियल कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाता है, जिससे हार्ट में सूजन होने लगती है.
एडेनोवायरस वायरस भी वायरल मायोकार्डिटिस का कारण बनता है. ये वायरस आमतौर पर श्वसन संक्रमण का कारण बनते हैं और ये हृदय को भी प्रभावित कर सकते हैं. एडेनोवायरस मायोकार्डिटिस अक्सर युवा व्यक्तियों में देखा जाता है और कुछ मामलों में गंभीर हो सकता है. एडेनोवायरस विशेष रूप से बच्चों में प्रचलित हैं और स्कूलों और डेकेयर सेंटर जैसी जगहों पर फैल सकते हैं.