दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

रेप पीड़िता के माता-पिता पर बलात्कार के लिए उकसाने के आरोप, CBI ने दाखिल की चार्जशीट - WALAYAR RAPE CASE

केरल के सनसनीखेज वालयार बलात्कार मामले में सीबीआई ने एर्नाकुलम की अदालत में अंतिम आरोप पत्र दाखिल किया. पीड़िता के माता-पिता पर गंभीर आरोप लगाये.

CBI
सीबीआई. (सांकेतिक तस्वीर) (ETV Bharat)

By ETV Bharat Hindi Team

Published : 16 hours ago

केरलः वालयार बलात्कार मामले में सीबीआई ने पीड़िताओं के माता-पिता के विरुद्ध चार्जशीट दाखिल की है. दोनों पर बलात्कार के लिए उकसाने का आरोप लगाया गया है. एर्नाकुलम की सीबीआई अदालत में अंतिम आरोप पत्र प्रस्तुत किया गया. आरोप है कि उन्होंने बलात्कार के बारे में जानकारी छिपाई. आरोप पत्र में यह भी कहा गया है कि घटना की सूचना समय पर पुलिस को नहीं दी गई. उन पर पोक्सो और आईपीसी की धाराओं के तहत आरोप लगाए गए हैं.

सीबीआई ने की जांचः 7 जनवरी 2017 को अट्टापल्लम में एक 13 वर्षीय लड़की अपने घर में लटकी हुई पाई गई थी. लगभग तीन महीने बाद, 4 मार्च को उसकी नौ वर्षीय बहन भी उसी घर में लटकी हुई पाई गई. पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में इस बात की पुष्टि हुई कि बच्चियों की मौत से पहले उनका यौन शोषण किया गया था. 22 जून 2017 को पुलिस ने आरोपी वी मधु, शिबू, प्रदीप और कुट्टीमधु उर्फ ​​एम मधु के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की. ​​अप्रैल 2021 में सीबीआई ने मामले की जांच शुरू की. जांच पूरी करने के बाद चार्जशीट दाखिल की.

पुलिस जांच में लापरवाही के आरोपः माता-पिता ने आरोप लगाया कि पुलिस और अधिकारियों ने शुरू से ही मामले को दबाने की कोशिश की. बड़ी बेटी की मौत के बाद उसने पुलिस को बयान दिया था कि आरोपियों को अपनी दोनों बेटियों को प्रताड़ित करने की कोशिश करते देखा था. जांच उस दिशा में आगे नहीं बढ़ी. आरोपियों को हिरासत में लिया गया और कुछ ही घंटों में उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया. माता-पिता और परिवार के सदस्यों का कहना है कि अगर पहली मौत की प्रभावी जांच होती तो दूसरी लड़की की मौत टाली जा सकती थी. जब छोटी लड़की मृत पाई गई तो उसके पेटीकोट के अंदर उसकी बहन की तस्वीर थी.

कई बार बलात्कार की पुष्टिःपोस्टमार्टम रिपोर्ट में कहा गया है कि पहली मौत 13 जनवरी, 2017 को शाम 4:30 से 5:30 बजे के बीच हुई थी. पुलिस को घटना की जानकारी उसी रात 7:30 बजे दी गई. इसके बाद एफआईआर दर्ज की गई और जांच की गई. जांच में शरीर के कई हिस्सों पर मामूली कट और खरोंच के निशान मिले. अगले दिन पोस्टमार्टम कराया गया. पुलिस ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में कहा गया है कि लड़की की मौत से पहले उसके साथ दुष्कर्म किया गया है. दूसरी लड़की का पोस्टमार्टम कराया गया तो पता चला कि उसके साथ कई बार दुष्कर्म किया गया. इसके बाद पुलिस ने पोक्सो का मामला दर्ज किया.

विधानसभा में उठा था मामलाःदूसरी लड़की की मौत के बाद मामले पर विधानसभा में चर्चा हुई थी. जांच अधिकारियों की व्यापक आलोचना हुई थी. इसके साथ ही सरकार ने जांच अधिकारियों के खिलाफ विभागीय जांच की घोषणा की थी. नारकोटिक्स सेल पलक्कड़ के डीएसपी एमजी सोजन को जांच का प्रभार दिया गया. इसके बाद पहले जांच अधिकारी एसआई चाको को निलंबित कर दिया गया. छोटी बहन की मौत के बाद एसीपी पूंगुझाली ने जांच का जिम्मा संभाला था.

जांच के दौरान आत्महत्याः जांच के दौरान पूछताछ के लिए बुलाए गए 29 वर्षीय प्रवीण नामक युवक ने आत्महत्या कर ली थी. युवक के परिजनों ने आरोप लगाया कि था घटना में रहस्य है. पहला आरोपी वी मधु और चौथा आरोपी कुट्टीमधु उर्फ ​​एम मधु मृतक लड़कियों की मां के करीबी रिश्तेदार था. दूसरा आरोपी राजक्कड़ का रहने वाला शिबू है और तीसरा आरोपी चेरथला का रहने वाला प्रदीप है. पुलिस ने 22 जून 2017 को आरोप पत्र दाखिल किया था. रिपोर्ट में कहा गया था कि बहनों ने आत्महत्या की है.

दोबारा जांच के लिए हाईकोर्ट में अपीलः पुलिस ने नाबालिग आरोपी को छोड़कर चार लोगों पर आईपीसी 305 (आत्महत्या के लिए उकसाना), आईपीसी 376 (बलात्कार), एससी/एसटी (अत्याचार निवारण) अधिनियम, पॉक्सो और किशोर न्याय अधिनियम के तहत आरोप लगाए. 15 अक्टूबर 2019 को पलक्कड़ प्रथम अतिरिक्त सत्र न्यायालय (पॉक्सो) ने सबूतों के अभाव में तीसरे आरोपी प्रदीप कुमार को बरी कर दिया. 25 अक्टूबर को अन्य आरोपियों वी. मधु, एम. मधु और शिबू को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया. 19 नवंबर 2019 को लड़कियों की मां ने हाईकोर्ट में अपील दायर की. उन्होंने आरोप लगाया कि जांच और ट्रायल में चूक हुई है. दोबारा ट्रायल की मांग की थी.

इसे भी पढ़ेंःआईआईटी कानपुर छात्रा रेप केस; कैंपस में पहुंची SIT, पीड़िता ने दर्ज कराए बयान, टीम ने खंगाले CCTV फुटेज

ABOUT THE AUTHOR

...view details