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उत्तराखंड के इस गांव में हैं बेल पत्र के लाखों पेड़, नाम पड़ गया 'बेलगढ़', शिवजी को होते हैं अर्पित - Belgarh village of Bel Patri

Bel Patris village Belgarh is in Ramnagar आज सावन 2024 का पहला सोमवार है. सावन का महीना भगवान शिव की भक्ति के लिए समर्पित है. भगवान शिव को बेल पत्र सर्वाधिक प्रिय है. इसलिए भक्त अपने अराध्य भोलेनाथ को बेल पत्र चढ़ाते हैं. उत्तराखंड का एक गांव बेल पत्र के पेड़ों के लिए ही जाना जाता है. बेल पत्र के पेड़ों के कारण इस गांव का नाम ही बेलगढ़ पड़ गया. पेश है एक खास रिपोर्ट.

Bel Patris village Belgarh
बेल पत्री का गांव बेलगढ़ (Photo- ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jul 22, 2024, 12:07 PM IST

Updated : Jul 22, 2024, 1:32 PM IST

इस गांव में हैं बेल पत्र के लाखों पेड़ (Video- ETV Bharat)

रामनगर: सावन और महाशिवरात्रि पर बेल पत्र की मांग बढ़ जाती है. शिव भक्त अपने अराध्य भोलेनाथ को बेल पत्री चढ़ाते हैं. उत्तराखंड में एक ऐसा गांव है जिसके क्षेत्र में लाखों की तादाद में बेल पत्री के पेड़ हैं. इस क्षेत्र को बेलपत्री का गढ़ माना जाता है. बेलपत्री के बहुतायत पेड़ होने के कारण इस क्षेत्र में स्थित गांव का नाम ही बेलगढ़ पड़ गया. इस गांव के पास में प्रसिद्ध गूलर सिद्ध शिव मंदिर भी है. यहां सावन के साथ ही महाशिवरात्रि पर कांवड़िया गंगाजल चढ़ाने चढ़ाते हैं.

रामनगर के इस गांव में हैं बेल पत्री के लाखों पेड़ (Photo- ETV Bharat)

बेल पत्र के कारण गांव का नाम पड़ा बेलगढ़: बेलगढ़ गांव जिम कॉर्बेट पार्क से सटा हुआ रामनगर से मात्र एक किलोमीटर की दूरी पर हल्द्धानी रामनगर स्टेट हाईवे पर पड़ता है. रामनगर वन प्रभाग के अंतर्गत पड़ने वाला बेलगढ़ चौकी के पास स्थित एक ऐसा गांव जो वनग्राम में आता है और इसका नाम बेलगढ़ है. इस गांव के इतिहास की बात करें तो इसके आसपास लाखों की तादात में बेल पत्र के पेड़ हैं जो शिव भगवान को प्रिय हैं. सावन में और महाशिवरात्रि में शंकर भगवान की पूजा अर्चना में चढ़ाए जाने वाले बेल पत्र यहां ले भेजे जाते हैं. 1962 में यह गांव यहां पर स्थापित हुआ. इस गांव के ठीक ऊपर प्रसिद्ध गूलर शिव सिद्ध का मंदिर है.

बेल पत्री के पेड़ों के कारण गांव का नाम है बेलगढ़ (Photo- ETV Bharat)

बेलगढ़ गांव में शिव मंदिर भी है: गूलर सिद्ध शिव मंदिर की मान्यता है कि इस मंदिर में जाकर जिसने जो मनोकामना की, वो जरूर पूरी हुई. गूलर सिद्ध मंदिर की चढ़ाई चढ़ने से पहले बाल सुंदरी मंदिर भी पड़ता है. कहा जाता है कि एक ऐसी मान्यता है कि सपनों में किसी को मां ने दर्शन दिए. उसके बाद उसी स्थान पर जाकर पिंडी के रूप में मां ने दर्शन दिये, जो आज बाल सुंदरी मंदिर के नाम से प्रसिद्ध है. रामनगर के इस मंदिर में शिवरात्रि के मौके पर हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं. साथ ही भव्य मेले का आयोजन होता है.

भगवान शिव को अर्पित किए जाते हैं बेल पत्र (Photo- ETV Bharat)

रामनगर वन प्रभाग के फॉरेस्ट अधिकारी वीरेंद्र पांडे कहते हैं कि यह क्षेत्र रामनगर वन प्रभाग के अंतर्गत आता है. वह कहते हैं कि बेलगढ़ बेल पत्र के पेड़ों का गढ़ है. लाखों की तादाद में इस क्षेत्र में बेल के पेड़ मौजूद हैं, जिस वजह से क्षेत्र का नाम बेलगढ़ पड़ा.

बेलगढ़ गांव रामनगर वन प्रभाग में आता है (Photo- ETV Bharat)
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Last Updated : Jul 22, 2024, 1:32 PM IST

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