कोलकाता: वरिष्ठ टीएमसी (TMC) नेता महुआ मोइत्रा को अपनी कृष्णानगर लोकसभा सीट बड़े अंतर से हासिल करने का भरोसा है. उनका कहना है कि केंद्रीय एजेंसियों ने कैश-फॉर-क्वेरी मामले में छापेमारी कर उनकी प्रतिष्ठा को धूमिल करने की साजिश की. उनकी जीत पिछले साल उन्हें लोकसभा से निष्कासित करने का उचित जवाब होगी.
महुआ मोइत्रा ने जोर देकर कहा कि संवैधानिक लोकतंत्र के लिए 'मौत की घंटी बजाने' के भाजपा के प्रयासों का कोई असर नहीं होगा. भारत इतना महान देश है कि इसे फासीवादियों द्वारा नष्ट नहीं किया जा सकता. मोइत्रा को पिछले साल निष्कासित किए जाने के बाद उसी कृष्णानगर सीट से टीएमसी ने फिर से नामांकित किया. उन्होंने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) पर 'भगवा खेमे के राजनीतिक एजेंट' के रूप में काम करने का आरोप लगाया.
पीटीआई के साथ एक साक्षात्कार में, मोइत्रा ने कहा, 'चुनाव आयोग ने अपनी स्वतंत्रता खो दी है. आयुक्तों का चयन एक चयन समिति द्वारा किया जाता है, जहां केंद्र के पास दो-तिहाई बहुमत है'. उन्होंने कहा कि मेरी जीत के बारे में कोई संदेह नहीं है. यह इस बारे में है कि अंतर कितना बड़ा होगा, जिसका फैसला 4 जून को होगा. मैं यहां रहती हूं. पिछले पांच वर्षों से अपने लोगों के बीच हूं. उससे पहले भी एक विधायक के रूप में हूं. बहुत मजबूत संबंध है और सच कहूं तो यहां कोई चुनाव मोड नहीं है.
उन्होंने 2019 के चुनावों में 60,000 से अधिक वोटों के अंतर से जीत हासिल की, कुल वोटों का 45 प्रतिशत हासिल किया. 49 वर्षीय राजनेता ने कहा, 'मेरी जीत मुझे निष्कासित करने और मेरी प्रतिष्ठा धूमिल करने की साजिश का उचित जवाब होगी'.
लोकसभा में अपनी मुखरता और उग्र बहस के लिए जानी जाने वाली मोइत्रा को पिछले साल दिसंबर में निचले सदन से निष्कासित कर दिया गया था. संसदीय आचार समिति की रिपोर्ट में उन्हें उपहार स्वीकार करने और अवैध संतुष्टि के लिए जिम्मेदार ठहराया गया था. जेपी मॉर्गन चेज के पूर्व निवेश बैंकर, एथिक्स कमेटी द्वारा निष्कासन की सिफारिश को 'कंगारू अदालत द्वारा पूर्वनिर्धारित मैच' करार दिया गया था. उन्होंने दावा किया कि भाजपा देश में लोकतंत्र को नष्ट करने की कोशिश कर रही है.
मोइत्रा ने कहा, 'मैं यह बात संसद में अपने पहले भाषण से ही कह रही हूं. भाजपा एक संवैधानिक लोकतंत्र के रूप में भारत की मृत्यु की घंटी बजा रही है. लेकिन भारत इतना महान राष्ट्र है कि इन फासीवादी ठगों द्वारा इसे नष्ट नहीं किया जा सकता'.
यह पूछे जाने पर कि उनके निर्वाचन क्षेत्र के लोग भाजपा द्वारा प्रचारित कहानी के बजाय उनके पक्ष पर विश्वास क्यों करेंगे? मोइत्रा ने कहा कि वह इस मिट्टी की बेटी हैं. यह मेरी कर्मभूमि और मेरी धर्मभूमि है. मेरे लोग मेरा 100 प्रतिशत समर्थन करेंगे.
जबकि कैश-फॉर-क्वेरी विवाद ने एक सांसद के रूप में उनके पहले कार्यकाल को अचानक समाप्त कर दिया. इससे टीएमसी के शीर्ष नेतृत्व और पूरे विपक्ष के अटूट समर्थन के साथ, पार्टी के भीतर उनका कद निर्विवाद रूप से बढ़ गया.
अपने परिसरों पर सीबीआई की छापेमारी और ईडी के समन के बारे में बोलते हुए, जिसे उन्होंने नजरअंदाज कर दिया, मोइत्रा ने आरोप लगाया कि वे एजेंसियां भाजपा का अभिन्न अंग हैं. भाजपा सांसद निशिकांत दुबे के आरोपों के बाद भ्रष्टाचार विरोधी लोकपाल के निर्देश पर सीबीआई ने कैश-फॉर-क्वेरी मामले में उनकी संपत्ति पर छापेमारी की. इसे उन्होंने खारिज कर दिया.