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'Hello सर! बैंक दे रहा है फ्री ऑफ कॉस्ट Credit Card, लिंक पर क्लिक करें', ऐसे लिखी जाती थी स्क्रिप्ट और फिर... - Cyber Fraud with Credit Card

Uttarakhand STF Arrested Cyber Thug उत्तराखंड एसटीएफ ने क्रेडिट कार्ड के नाम पर धोखाधड़ी करने वाले गिरोह के सरगना को हरिद्वार से गिरफ्तार किया है. आरोपी के कब्जे से कई सामान और रजिस्टर बरामद हुआ है. रजिस्टर में ठगी करने की पूरी स्क्रिप्ट लिखी गई है.

UTTARAKHAND STF ARRESTED CYBER THUG
हरिद्वार से साइबर ठग गिरफ्तार (PHOTO- UTTARAKHAND STF)

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : May 14, 2024, 4:16 PM IST

Updated : May 14, 2024, 7:23 PM IST

एसटीएफ ने क्रेडिट कार्ड के नाम पर धोखाधड़ी करने वाले गिरोह के सरगना को हरिद्वार से गिरफ्तार किया. (VIDEO- ETV BHARAT)

देहरादूनःफर्जी क्रेडिट कार्ड देने के नाम पर धोखाधड़ी करने के मामले में उत्तराखंड एसटीएफ ने कार्रवाई करते हुए हरिद्वार से गिरोह के सरगना को गिरफ्तार किया है. आरोपी के कब्जे से 6 मोबाइल, 14 डेबिट कार्ड, एक पीओएस मशीन, एक कंप्यूटर, बैंक की पासबुक और लेनदेन का रजिस्टर बरामद किया है.

जानकारी के मुताबिक, पिछले कुछ समय से देशभर में क्रेडिट कार्ड के नाम पर फर्जी कॉल कर उनसे धोखाधड़ी किए जाने की घटनाएं सामने आ रही हैं. गृह मंत्रालय के 14सी वेब पोर्टल पर क्रेडिट कार्ड और अन्य माध्यमों से ऑनलाइन लाखों रुपए की 22 अलग-अलग घटनाओं की जानकारी प्राप्त हुई थी. इस मामले में अभी जांच की जा रही है. साथ ही एसटीएफ की टीम ने पिछले महीने से अब तक 3 कॉल सेंटरों पर कार्रवाई की है.

इसके मद्देनजर एसटीएफ ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के 14C के विभिन्न वेब पोर्टलों को चेक करने पर पाया कि क्रेडिट कार्ड और अन्य माध्यमों से आम लोगों के साथ आनॅलाइन ठगी करने वाला गिरोह हरिद्वार के थाना सिडकुल में सक्रिय है. गिरोह अभी तक लाखों की ठगी करने वाली 22 घटनाओं में शामिल है.

जांच के दौरान अलग-अलग मोबाइल नंबरों के डेटा को चेक किया गया, जिसमें सामने आए संदिग्ध बैंक अकाउंट के लेन-देन की डिटेल्स सामने आई. इन बैंक अकाउंट्स को चेक किया गया तो पाया गया कि इन संदिग्ध बैंक खातों में राजस्थान, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और देशभर के अन्य राज्यों से अलग-अलग लोगों के बैंक अकाउंट्स से राशि ट्रांसफर की जा रही है. इन संदिग्ध खातों में पिछले कुछ महीनो में 70 लाख रुपए का लेन-देन पाया गया. इसके बाद एसटीएफ ने सूचना पर मोहल्ला रामनगर, ग्राम रावली महदूद थाना सिडकुल हरिद्वार में एक घर में छापा मारकर एक व्यक्ति विपिन पाल को गिरफ्तार किया.

एसएसपी एसटीएफ आयुष अग्रवाल ने बताया कि, आरोपी हरिद्वार में साल 2017 से रह रहा है. वो मूल रूप से उत्तर प्रदेश के जिला शामली का रहने वाला है. वह 10वीं पास है और पिछले कई सालों से क्रेडिट कार्ड, इंश्योरेंस और अलग-अलग लोन दिलाने के नाम पर फोन से लोगों के साथ धोखाधड़ी कर रहा है. उसके साथ इस काम में 11 लोग एक गिरोह बनाकर ऑनलाइन ठगी का काम करते हैं. सभी को अलग-अलग काम दिया गया था. जिसे विपिन पाल द्वारा ही संचालित किया जा रहा था.

गिरोह के सदस्यों का अलग-अलग काम: गिरोह के 3 सदस्यों का कार्य ऐसा डाटा उपलब्ध कराना होता था, जिनके साथ ठगी की जानी है. ये लोग क्रेडिट कार्ड आदि के नाम पर फर्जी बैंक कर्मचारी बनकर काल करते थे और लोगों से क्रेडिट कार्ड (जिसकी लिमिट 5 लाख रुपए तक है) बताकर उसे स्वीकृत किए जाने को लेकर प्रोसेसिंग शुल्क के नाम पर ठगी करते थे. लोगों को ठगने के लिए ये गिरोह फर्जी लिंक भेजकर उनका फोन हैक कर धनराशि को अपने पास मौजूद बैंक खातों में ट्रांसफर कर लेते हैं.

ठगी के रुपयों से खरीदा दो मंजिला घर: ग्रुप के अन्य 3 व्यक्तियों द्वारा फर्जी लिंक, बैंक खाते और फर्जी आईडी के सिम उपलब्ध कराए जाते थे. ठगी से प्राप्त राशि से मुख्य आरोपी विपिन पाल ने रामनगर रावली महदूद में अपने घर के पास ही एक दो मंजिला नया घर खरीदा है. जबकि फर्जी कॉल करने के लिए एक ऑफिस ब्रह्मपुरी बाजार में खोला गया था. जहां से कंप्यूटर, मोबाइल, क्रेडिट कार्ड्स, लेन-देन का रजिस्टर, पीओएस मशीन, चेक बुक और अन्य सामान बरामद किया गया है. धोखाधड़ी के लिए गिरोह द्वारा गूगल पे, पेटीएम, पेजैप, नो ब्रोकर पे, फोन पे एप आदि फोन एप्स को इस्तमाल किया जाता था.

रजिस्टर में लिखी है ठगी करने की स्क्रिप्ट: बरामद रजिस्टर के एक पेज में कॉल करने की स्क्रिप्ट लिखी गई है. लिखा गया है, 'हेलो सर... ICI बैंक क्रेडिट कार्ड डिपार्टमेंट से ***शर्मा बात कर रही हूं... सर, ICI** बैंक आपको फ्री ऑफ कॉस्ट क्रेडिट कार्ड ऑफर कर रहा है. जिसकी लिमिट आपको 5 लाख रुपए तक प्रोवाइड की जाएगी सर... सर क्या आप इंटरेस्टेड हैं क्रेडिट कार्ड लेने के लिए?' इसके बाद सामने वाले व्यक्ति की सहमति पर उसे एक लिंक भेजा जाता और उसके फोन का सारा एक्सेस ले लिया जाता. इसके बाद धोखाधड़ी की घटना को अंजाम दिया जाता था.

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Last Updated : May 14, 2024, 7:23 PM IST

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