देहरादून: दुनियाभर में जैव-विविधता के संरक्षण पर काम हो रहा है. खासतौर पर उन जीवों या वनस्पतियों के संवर्धन की कोशिश की जा रही है, जो विलुप्त होने की कगार पर हैं. अब सवाल ये है कि दुनिया इसको लेकर क्यों चिंतित है? इसका जवाब उत्तराखंड वन अनुसंधान केंद्र की उस बायोडायवर्सिटी गैलरी में मिलता है, जिसे बेहद खूबसूरती के साथ केंद्र में स्थापित किया गया है.
बायो-डायवर्सिटी यानी जीवों, वनस्पतियों समेत पृथ्वी पर जीवन की विविधता...जिसका सीधा ताल्लुक पारिस्थितिकी तंत्र से है.एक साइकिल चेन के रूप में एक जीव का दूसरे से संबंध... इसी बात को बेहद खूबसूरती से उत्तराखंड वन अनुसंधान केंद्र की बायो-डाइवर्सिटी गैलरी में समझा जा सकता है. हल्द्वानी में स्थित वन अनुसंधान केंद्र में ही इस गैलरी को तैयार किया गया है..इसमें तमाम वन्य जीवन के साथ ही उन महत्वपूर्ण वनस्पतियों को भी तस्वीरों के रूप में संजोया गया है जो बेहद महत्वपूर्ण भी है और धीरे-धीरे विलुप्त भी होती जा रही हैं. उत्तराखंड वन अनुसंधान केंद्र मुख्य वन संरक्षक संजीव चतुर्वेदी देख रहे हैं और उनके निर्देश के आधार पर ही बायोडायवर्सिटी गैलरी तैयार की गई है.
बायोडायवर्सिटी गैलरी में तमाम वनस्पतियों और वन्यजीवों की तस्वीर लगाई गई हैं. साथ ही इनके बारे में भी जानकारियां प्रदर्शित की गई हैं. कुछ वनस्पतियां तो ऐसी भी हैं जो केवल उत्तराखंड में ही मिलती हैं. कई वन्य जीव भी ऐसे हैं जो अपने आकार या विशेष महत्व के लिहाज से केवल उत्तराखंड में ही मौजूद हैं. गैलरी में करीब 500 से ज्यादा फोटोस को बेहतर लाइटिंग के साथ प्रदर्शित किया गया है. इस गैलरी का आकर्षण का केंद्र गैलरी में दाखिल होते ही सुनाई देने वाली वह आवाज़ भी हैं, जो किसी जंगल में होने का एहसास कराती हैं. चिड़ियों की चहचहाहट, हाथी का चिंघाड़ना और बाघ की गुर्राहट सभी तरह की आवाज को यहां पर म्यूजिक सिस्टम से जोड़ा गया है.