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केदारनाथ, गंगोत्री-यमुनोत्री धाम के कपाट बंद होने की तिथियां घोषित, बदरीनाथ धाम की घोषणा दहशरे पर होगी

उत्तराखंड चारधाम यात्रा 2024 अपने अंतिम समय में है. केदारनाथ, गंगोत्री-यमुनोत्री के कपाट बंद होने की घोषणा हो चुकी है.

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उत्तराखंड चारधाम यात्रा 2024 (ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Oct 9, 2024, 6:01 PM IST

रुद्रप्रयाग: उत्तराखंड चारधाम में से तीन धाम गंगोत्री-यमुनोत्री और केदारनाथ धाम के कपाट बंद होने की तिथि घोषित हो गई है. वहीं, बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने की तारीख व समय 12 अक्टूबर को विजयदशमी (दहशरे) के दिन घोषित की जाएगी. केदारनाथ और यमुनोत्री धाम के कपाट भैया दूज को बंद होगे तो वहीं, गंगोत्री धाम के कपाट गोवर्धन पूजा पर शीतकाल के लिए बंद किए जाएंगे.

भैयादूज को बंद होगे केदारनाथ धाम के कपाट: केदारनाथ मंदिर के कपाट पूर्व परंपरा के अनुसार इस शीतकाल के लिए तीन नवंबर को भाईदूज के दिन सुबह 8 बजकर 30 मिनट पर बंद किए जाएंगे. बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के मुख्य कार्याकारी अधिकारी विजय प्रसाद थपलियाल ने ये जानकारी दी.

5 नंवबर को ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में विराजमान होगी बाबा केदार की डोली: उन्होंने बताया कि श्री केदारनाथ भगवान की चल-विग्रह डोली तीन नवंबर को केदारनाथ मंदिर से सुबह 8.30 बजे प्रस्थान करेगी. इसके उपरांत रात्रि विश्राम हेतु रामपुर पहुंचेगी. चार नवंबर को केदारनाथ भगवान की चल-विग्रह डोली रामपुर से प्रातः प्रस्थान होगी और फाटा, नारायकोटी होते हुए रात्रि विश्राम के लिए श्री विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी पहुंचेगी.

पांच नवंबर को चल-विग्रह डोली श्री विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी से सुबह 8.30 बजे प्रस्थान कर सुबह 11.20 बजे अपने शीतकालीन गद्दी स्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ पहुंचेगी और पूर्व परम्परा के अनुसार अपने गद्दी स्थल पर विराजमान होंगी.

12 अक्टूबर को घोषित होंगे बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने की तारीख: वहीं, बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने की तिथि शनिवार 12 अक्टूबर को विजय दशमी दशहरे के दिन बदरीनाथ धाम मंदिर परिसर में पंचाग गणना पश्चात समारोहपूर्वक तय की जायेगी. कपाट बंद होने की तिथि तय करने को लेकर दोपहर साढ़े ग्यारह बजे से कार्यक्रम शुरू हो जायेगा.

बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने की तिथि घोषित होने के कार्यक्रम विजय दशमी के अवसर पर बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) अध्यक्ष अजेंद्र अजय विशेषरूप से मौजूद रहेंगे. श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति मीडिया प्रभारी डॉक्टर हरीश गौड़ ने बताया कि परंपरागत रूप से श्री केदारनाथ धाम के कपाट दीपावली के पावन पर्व के पश्चात भैया दूज को बंद हो जाते है.

यमुनोत्री और गंगोत्री धाम के कपाट बंद होने की तिथि: यह भी उल्लेखनीय है कि इसी दिन यमुनोत्री धाम के कपाट भी बंद होते है और भैया दूज से एक दिन पहले अन्नकूट गोवर्धन पूजा के दिन श्री गंगोत्री धाम के कपाट अभिजीत मुहूर्त में बंद होते है. इस यात्रा वर्ष भैयादूज रविवार 3 नवंबर को है और अन्नकूट गोवर्धन पूजा शनिवार 2 नवंबर को है.

10 अक्टूबर को बंद होंगे हेमकुंट साहिब और लोकपाल मंदिर के कपाट: श्री गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट बंद होने की तिथि व समय की घोषणा श्री गंगोत्री मंदिर समिति, यमुनोत्री मंदिर समिति द्वारा पृथक-पृथक रूप से की जाती है. ज्ञातव्य है कि पवित्र गुरूद्वारा श्री हेमकुंट साहिब एवं लोकपाल तीर्थ के कपाट 10 अक्टूबर को बंद हो रहे है.

इन मंदिरों के कपाट बंद होने की तिथि भी विजय दशमी पर घोषित होगी: इसी तरह द्वितीय केदार मद्महेश्वर के कपाट बंद होने की तिथि, श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ और तृतीय केदार तुंगनाथ जी के कपाट बंद होने की तिथि शीतकालीन गद्दीस्थल श्री मर्केटेश्वर मंदिर मक्कूमठ में 12 अक्टूबर विजय दशमी के शुभ अवसर पर घोषित होगी. इसी दिन मद्महेश्वर मेला और देव डोलियों के शीतकालीन गद्दीस्थल पहुंचने का कार्यक्रम भी घोषित हो जायेगा.

साथ ही श्री केदारनाथ धाम के कपाट बंद होने की तिथि और समय एवं पंचमुखी डोली के श्री केदारनाथ धाम से शीतकालीन गद्दीस्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ प्रस्थान का भी कार्यक्रम औपचारिक रूप से घोषित हो जायेगा. बताया कि श्री बदरीनाथ -केदारनाथ मंदिर समिति द्वारा बदरीनाथ धाम, श्री केदारनाथ धाम, श्री मद्महेश्वर, श्री तुंगनाथ के कपाट बंद होने की तिथि व समय घोषित करने के कार्यक्रमों हेतु तैयारियां पूरी कर ली गयी है.

श्री बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने की तिथि घोषित होने के कार्यक्रम विजय दशमी के अवसर पर रावल अमरनाथ नंबूदरी, बीकेटीसी उपाध्यक्ष किशोर पंवार एवं सदस्यगण, प्रभारी अधिकारी विपिन तिवारी की उपस्थिति में धर्माधिकारी राधाकृष्ण थपलियाल, वेदपाठी रविंद्र भट्ट,पंचांग गणना के अनुसार कपाट बंद होने की तिथि तय करेंगे. इसी दिन अगले यात्रा काल की भंडार व्यवस्थाओं हेतु कमदी, भंडारी, मेहता थोक के हक-हकूकधारियों को मंदिर समिति द्वारा भंडार व्यवस्था की जिम्मेदारी हेतु सम्मानस्वरूप पगड़ी भेंट की जायेगी.

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